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'अटल बिहारी वाजपेई के चरणों में पश्चाताप करें नीतीश', जीतन राम मांझी का बिहार CM पर निशाना

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्य तिथि पर बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार को अटल बिहारी वाजपेयी के चरणों में पश्चाताप करना चाहिए.

जीतन राम मांझी (File Photo) जीतन राम मांझी (File Photo)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्ता आवाम मोर्चा के चीफ जीतन राम मांझी ने बिहार सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में शामिल होकर जीतन राम मांझी ने कहा,'नीतीश कुमार को यहां आकर अटल बिहारी वाजपेयी के चरणों में पश्चाताप करना चाहिए. नीतीश अभी जिन लोगों के साथ हैं, उन्होंने बिहार में जंगलराज कायम किया था. अगर वह श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर आकर प्रायश्चित करते हैं तो यह अच्छी बात है.'

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जीतन राम मांझी जिस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, उसमें एनडीए गठबंधन के नेता मौजूद थे. इस दौरान मांझी ने कहा,'आगामी चुनावों में उन्हें (पीएम मोदी) पूर्ण बहुमत मिलने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महानता है कि वह बहुमत होते हुए भी सभी जमातों को अपने साथ लेकर चल रहे हैं. हिंदुस्तान की संस्कृति तब ही बच सकती है, जब सभी भाषा और सभी जाति के लोग एक जगह हों.'

INDIA अलायंस को बताया घमंडी

मांझी ने आगे कहा कि आज बाजपेई जी की पुण्यतिथि पर हम लोगों (NDA) को बुलाया गया है. उन्होंने INDIA अलायंस को लेकर कहा,'यह घमंडी अलायंस है. 2024 में उनका कोई कार्यक्रम नहीं है. भ्रम फैलाकर इंडिया का नाम रखा गया है. 2024 में उनका घमंड चूर-चूर हो जाएगा.

2014 में रह चुके हैं बिहार सीएम

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जीतन राम मांझी के सियासी सफर को 43 साल हो चुके हैं. इन सालों में वह 8 बार अपना पाला बदल चुके हैं. साल 2014 में नीतीश कुमार ने सीएम की कुर्सी सजाकर जीतन राम मांझी को दे दी थी. हालांकि, बाद में नाटकीय घटनाक्रम के बाद उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी.

2015 में थामा BJP का दामन

2015 में देश में नरेंद्र मोदी और बीजेपी की धूम थी. जीतनराम मांझी 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ हो लिए. लेकिन बिहार की अक्खड़ राजनीति को पहचानने में वे भूल कर गए. NDA के घटक दल के तौर पर उन्हें 21 सीटें लड़ने को मिलीं, लेकिन मांझी सिर्फ अपनी ही सीट जीत पाए. 

चुनाव के समय छोड़ा एनडीए

इस बीच नीतीश कुमार 2017 में बीजेपी के साथ आ चुके थे. इधर 2019 में जब लोकसभा चुनाव का वक्त आया तो जीतनराम मांझी NDA गठबंधन छोड़कर एक बार फिर से महागठबंधन में आ गए. इस लोकसभा चुनाव में HAM तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन मांझी समेत तीनों ही कैंडिडेट चुनाव हार गए.

2020 के चुनाव में मिलीं 7 सीटें

जब 2020 विधानसभा चुनाव का वक्त आया तो जीतनराम मांझी एक बार फिर से नीतीश कुमार के साथ हो गए. कह सकते हैं कि वह एनडीए में आ गए. 2020 विधानसभा चुनाव में HAM को 7 सीटें मिलीं. इसमें से 4 पर पार्टी ने जीत हासिल की. नीतीश सरकार में जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन मंत्री बने.

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