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बिहार में झोलाछाप डॉक्टर बेख़ौफ़ सर्जरी करने लगे हैं, सरकार क्या कर रही है? : आज का दिन, 7 फरवरी

बिहार में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सरकार क्या एक्शन ले रही है, जम्मू कश्मीर में अतिक्रमण अभियान को लेकर आतंकी क्यों दे रहे हैं धमकी और बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था क्या वाकई पटरी पर आ गई है? सुनिए 'आज का दिन' में.

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ख़ुशबू कुमार/रोहित त्रिपाठी
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  • 07 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST

डॉक्टर को भगवान कहा जाता है, जो बड़ी से बड़ी बीमारियों से आपकी जान बचा लेता है. लेकिन जिस आदमी को भगवान समझकर आप उसके पास अपनी जिंदगी बचाने की उम्मीद के साथ जाते हैं अगर वह नकली डॉक्टर या झोलाछाप डॉक्टर हो तो क्या होगा? ये समस्या हमारे देश में नई नहीं है. खास कर यूपी बिहार में हम आए दिन ये सुनते रहते हैं कि इन डॉक्टरों से दवाई लेकर कितने बीमार हुए. लेकिन बिहार में अब मामला एक कदम आगे बढ़ चुका है, यहाँ छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टर अब सर्जरी तक करने लगे हैं और राज्य के अंदरूनी इलाकों में इन्होंने अपने नर्सिंग होम भी खोल लिए हैं. इन तथाकथित 'सर्जनों’ की वजह से ग्रामीण इलाकों में न जाने कितने लोगों की जान खतरे में आ चुकी है और कितनों की आ सकती है. क्यों बढ़ रहे हैं बिहार में फर्ज़ी डॉक्टर और ये समस्या कितनी गंभीर है? 'आज का दिन' सुनने के लिए क्लिक करें. 

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जम्मू कश्मीर प्रशासन का अवैध कब्ज़ा हटाने का मामला बड़ा ख़तरा बन चुका है.जनवरी में प्रदेश के हाईकोर्ट की ओर से एक आदेश आया कि सरकारी जमीन पर किये गए कब्ज़े प्रशासन खाली कराए. 31 जनवरी की डेडलाइन भी तय हुई. प्रशासन ने ऐक्शन लेना शुरू किया तो छिटपुट विरोध तो हुआ लेकिन उसके बाद अब ये आतंकी धमकियों की शक्ल में आ चुका है. लश्कर-ए-तैयबा- जैसे आतंकी संगठनों की धमकी उन अधिकारियों को मिल रही है जो प्रदेश भर में अवैध कब्ज़े हटाने में लगे हुए थे. ग्राउंड पर क्या आलम है और क्या इन धमकियों की वजह से काम भी रुका है - कैसे एक सरकारी कारवाई विवाद की वजह बन गई? 'आज का दिन' सुनने के लिए क्लिक करें. 
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 एक समय था जब बांग्लादेश साउथ एशिया में सबसे तेज ग्रो करती हुई अर्थव्यवस्था बना था, ज्यादा नहीं दो साल पहले की बात है जब बांग्लादेश ने जीडीपी के मामले में भारत को भी पछाड़ दिया था. लेकिन कोविड के बाद की आर्थिक क्राइसिस को लंबे समय तक सम्हाल नहीं पाया. चीजें महंगी होती गई, अर्थव्यवस्था गर्त में गई. हालांकि ये जरूर है कि वहाँ पिछले दिनों के मुकाबले स्थिति सुधरी है. और अब खबर आई है कि आईएमएफ़ के बोर्ड ने बांग्लादेश के लिए 4.7 अरब डॉलर के राहत कोश को मंज़ूरी दी है. इकोनॉमी के साथ साथ ये बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना के लिए राजनीतिक तौर पर भी बड़ी सफलता कही जा रही है क्योंकि विपक्ष के लिए तमाम मुद्दों के साथ ये भी एक मुद्दा था हसीना के खिलाफ.सवाल ये है कि एक साल पहले तक कंगाली के रास्ते पर दिख रहा देश क्या अब सुधार की राह पर है ऐसा माना जा सकता है? और उसकी अर्थव्यवस्था के लिहाज से बीते कुछ दिनों में ऐसे क्या कदम उठाए गए जिससे ऐसा कहा जा सके? 'आज का दिन' सुनने के लिए क्लिक करें. 
 

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