
बिहार सरकार ने सोमवार को विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की. वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए बताया कि बिहार में प्रति व्यक्ति सालाना आय 6400 बढ़कर 54,383 रुपये हो गई है. बिहार से ऊपर बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों की लिस्ट में अब सिर्फ आंध्र प्रदेश और राजस्थान हैं. इतना ही नहीं बिहार देश के अंदर तेजी से विकसित होने वाले राज्यों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है.
विजय कुमार चौधरी ने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट यह बता रही है कि बिहार देश के अंदर तेजी से विकसित होने वाले राज्यों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है. बिहार का डेवलपमेंट ग्रोथ 10.98 फीसदी रहा जो राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है. बिहारियों की आय भी बढ़ी है, लेकिन साथ ही साथ ग्रामीण इलाकों में महंगाई बढ़ने की जानकारी भी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में दी गई.
उन्होंने बताया कि बीते साल की तुलना में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में प्रति व्यक्ति सालाना आय 6400 बढ़कर 54,383 रुपए हो गई है. बिहार से ऊपर बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों की लिस्ट में आंध्र प्रदेश और राजस्थान हैं. आंध्र प्रदेश में विकास दर 11.4 फीसदी और राजस्थान में 11 फीसदी है, राष्ट्रीय औसत 8.86 फीसदी का है.
आज पेश होगा बजट
बिहार विधानसभा में आज बजट पेश होगा. ये नीतीश सरकार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार का पहला बजट है. माना जा रहा है कि बजट में रोजगार को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है. सरकार बजट के जरिए यह बता सकती है कि रोजगार और सरकारी नौकरियों को लेकर उसका ब्लूप्रिंट क्या है? पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार भी राज्य सरकार अपने बजट का आकार बढ़ा सकती है, हालांकि इसमें बहुत बड़ा इजाफा होगा इस बात की उम्मीद नहीं है.
पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिहार का बजट 2 लाख 37 हजार, 691 करोड़ 19 लाख रुपए का रखा गया था. राज्य सरकार का पिछला बजट एनडीए सरकार का बजट था और इसे तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने पेश किया था. बजट को 6 सूत्री एजेंडे पर तैयार किया गया था. इस बार महागठबंधन की सरकार है और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लगातार रोजगार की बात कर रहे हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से सात निश्चय समेत अन्य योजनाओं पर फोकस रखा जाता रहा है.