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जीतनराम मांझी ने किया अपने 'सियासी ड्रीम' का खुलासा, नीतीश को बताया PM मटीरियल

बिहार के पूर्व सीएम और हम पार्टी के संस्थापक संरक्षक जीतन राम मांझी को इस बात का मलाल है कि आज बिहार विधानसभा में उनके पार्टी के विधायकों की संख्या पर्याप्त नहीं है.

जीतन राम मांझी ने किशनगंज में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित किया. जीतन राम मांझी ने किशनगंज में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित किया.
सुजीत झा
  • पटना,
  • 05 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST
  • मांझी बोले- नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री बनने के काबिल
  • कहा- मेरे सपने पूरे होते तो नीतीश से हर बात मनवा लेता

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपने सियासी बयानों की वजह से लगातार चर्चा में बने रहते हैं. विधायकों के आंकड़े में भले मांझी की पार्टी राजनीतिक मजबूती के हिसाब से पिछड़ी हो, लेकिन खुद मांझी सियासी बयानबाजी में हमेशा आगे रहते हैं. ताजा मामला उनके सियासी ड्रीम का है. उन्होंने अपने सियासी सपने का खुलासा करते हुए ऐसी बात कह दी है, जिसके बाद कुछ लोग हंस रहे हैं, वहीं कुछ लोग मांझी के बयान को मजाक बना रहे हैं. 

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हम पार्टी के संस्थापक संरक्षक जीतन राम मांझी को इस बात का मलाल है कि आज बिहार विधानसभा में उनके पार्टी के विधायकों की संख्या पर्याप्त नहीं है. किशनगंज में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को जीतन राम मांझी ने संबोधित किया और कहा कि सभी को ऐसा लगता है कि उनके दम पर ही नीतीश सरकार चल रही है. लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है. 

अगर हमारे 10 विधायक होते तो...

मांझी ने कहा कि उनके पास सिर्फ चार विधायक हैं. अगर चार विधायक हटा भी दिए जाएं तो नीतीश सरकार के पास दो अतिरिक्त विधायक मौजूद हैं. मांझी ने आगे सियासी ड्रीम का खुलासा किया और कहा कि अगर हमारे पास विधायकों की संख्या 10 होती तब वह नीतीश कुमार से हर काम करवा लेते और अपनी बात मनवा लेते. 

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नीतीश को बताया पीएम मटीरियल..

दरअसल, जीतन राम मांझी समय-समय पर अपनी पार्टी के लिए कुछ डिमांड करते रहे हैं. चाहे वह बिहार विधान परिषद की सीट हो. या फिर कोई दूसरी मांग. लेकिन उनकी मांगों पर सीएम लगातार कहते हैं कि उनका हक है, वो मांग सकते हैं. इस दौरान मांझी ने सीएम नीतीश को पीएम मटीरियल बताया और कहा कि उनमें पीएम बनने की काबिलियत है. 

लालू के राज में जातीय हिंसा होती थी...

मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार के शासनकाल में बिहार में जातीय हिंसा नहीं हुई. जबकि लालू यादव के शासनकाल में राज्य में जातीय हिंसा होती थी. मांझी के इस बयान पर अब सियासी पंडित अपने-अपने कयास लगाने लगे हैं. गौरतलब है कि हम पार्टी बिहार में एनडीए के घटक दलों में शामिल है. 

लालू के खिलाफ बयान देने के राजनीतिक मायने...

वहीं अभी बिहार में विधान परिषद की 7 सीटों पर चुनाव होना है. जबकि मांझी सीट बंटवारे को लेकर लगातार बयान देते रहे हैं. अब नीतीश कुमार के समर्थन में और लालू यादव के विरोध में बयान देकर मांझी ने और स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है. जीतन राम मांझी हाल में ही अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं.

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