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'₹22 लाख में अलग होने के लिए राजी हो गई थी निकिता', मध्यस्थता करने वाले CA ने सुनाई पर्दे के पीछे की कहानी

Atul Subhash Suicide Case Study: चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज ज्योति ने बताया, साल 2021 में निकिता के परिवार से जुड़े लोग उनके पास आए थे. उन्होंने अतुल और निकिता के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए पहल की थी. मामला लगभग सुलझ भी गया था. निकिता और उनके परिजन 22 लाख रुपए देने के बाद केस उठा लेने को राजी हो गए थे. 

अतुल और निकिता के बीच हुई थी सुलह की कोशिशें. (फाइल फोटो) अतुल और निकिता के बीच हुई थी सुलह की कोशिशें. (फाइल फोटो)
जहांगीर आलम
  • समस्तीपुर ,
  • 12 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

Bengaluru Techie Suicide Case: ''काश! अतुल और निकिता के वैवाहिक जीवन में उठा विवाद साल 2021 में सुलझ गया होता तो आज अतुल जिंदा होते.'' ऐसा इन दोनों के विवाद को सुलझाने का प्रयास करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) पंकज ज्योति का कहना है.

aajtak से एक्सक्लूसिव बातचीत में समस्तीपुर निवासी CA पंकज ज्योति ने कहा, साल 2021 में निकिता के परिवार से जुड़े लोग उनके पास आए थे. उन्होंने अतुल और निकिता के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए पहल की थी. मामला लगभग सुलझ भी गया था. निकिता और उनके परिजन 22 लाख रुपए देने के बाद केस उठा लेने को राजी हो गए थे. 

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लेकिन इस बीच एक-दूसरे पर अविश्वास की तलवार ने इस समझौते को नहीं होने दिया. जिसका नतीजा है कि अतुल ने ठीक 3 साल बाद सुसाइड करके अपने जीवनलीला को ही समाप्त कर ली.

बिहार के बक्सर में रहने वाले निकिता के रिश्तेदारों ने पटना में किसी से संपर्क किया था. उसके बाद यह मामला CA पंकज ज्योति के पास आया था, क्योंकि पंकज ज्योति समस्तीपुर के रहने वाले हैं तो इन्होंने अतुल के चचेरे भाई बजरंग प्रसाद अग्रवाल से मोबाइल पर बातचीत की और अतुल-निकिता के वैवाहिक जीवन मे उठे विवाद को सुलझाने के लिए एक पहल की.

बजरंग अग्रवाल ने भी इस विवाद को सुलझाने के लिए अपने चाचा पवन मोदी से बात की, तब दोनों परिवार अतुल और निकिता के विवाद को सुलझाने के लिए राजी हो गए. वर्ष 2021 में पंकज ज्योति के समस्तीपुर जिले के पंजाबी कॉलोनी स्थित आवास पर निकिता अपने छोटे बच्चे को लेकर परिजनों के साथ पहुंची थी. 

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वहीं, अतुल की ओर से उनके पिता रिश्तेदार भी पहुंचे थे. पंकज ज्योति के अनुसार, घंटों चली मध्यस्थता के बाद पहला प्रयास किया गया था कि दोनों का घर बस जाए और सारे विवादों को भूल अतुल और निकिता साथ रहने लगें. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि दोनों के बीच विवाद की खाई काफी गहरी हो चुकी थी.

इस बीच, अतुल अपने पापा से मोबाइल पर लगातार संपर्क में था और बार बार एक ही बात कह रहा था कि उन लोगों पर भरोसा मत करिएगा. जो भी फैसला लेना है, सोच-समझकर लीजिएगा. अंत में यह नतीजा निकला कि अतुल और निकिता दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया.

मध्यस्थता कर रहे सीए पंकज ज्योति ने बताया कि अतुल के पिता और निकिता के परिजनों के बीच यह तय हुआ कि शादी में जो भी खर्च हुआ है, वो लौटा दिया जाए तो निकिता की ओर से केस उठा लिया जाएगा. मामला 22 लाख रुपए तय हुआ और मध्यस्थता कर रहे पंकज ज्योति के पास रुपए को जमा करने के बाद केस उठा लेने का फैसला हुआ था.

केस उठते ही निकिता को अतुल की तरफ से दिए गए 22 लाख रुपए सीएम पंकज ज्योति के यहां से लेने थे. लेकिन सारी चीजें तय होने के बाद जब दोनों परिवारों ने फिर पंकज ज्योति से संपर्क नहीं किया. 

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पंकज ज्योति बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड की बात सुनकर काफी हैरान हैं. उनके मुख से एक ही शब्द निकल रहे कि काश! 2021 में अतुल और निकिता ने समझौता कर लिया होता तो आज अतुल जिंदा होते!

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