
सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में दोषियों की रिहाई को मंजूरी देने वाले गुजरात सरकार के फैसले को पलटते हुए दोषियों की सजा माफी को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को फटकार लगी है और कहा कि गुजरात सरकार को माफी देने का भी अधिकार नहीं है. अब सभी 11 दोषियों को दो हफ्ते के अंदर सरेंडर करना होगा, जहां से सभी दोषियों को फिर से जेल भेजा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट का जताया आभार
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए बिलकिस बानो ने अपने अधिवक्ता के द्वारा अपना आधिकारिक बयान जारी किया है. बिलकिस ने कहा कि सचमुच में आज मेरे लिए नया साल है. इस फैसले से मेरी आंखों में आंसू गए और मुझे इससे राहत मिली है. मैंने डेढ़ साल से ज्यादा के बाद आज पहली बार ठीक से हंसी हूं. आज मैंने अपने बच्चों को गले लगा. ऐसा महसूस हो रहा है कि एक पहाड़ जैसा पत्थर मेरे सीने से हट गया और मैं अब चैन की सांस ले रही हूं. मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मुझे, मेरे बच्चों और महिलाओं को समर्थन और समान न्याय की आशा में उम्मीद जगाई है.
बिलकिस ने यह भी कहा कि मैंने पहले भी कहा है और मैं आज फिर से कह रही हूं, मेरी जैसी ये यात्राएं कभी अकेले नहीं की जा सकतीं. मेरे पति और मेरे बच्चे मेरे साथ हैं. मेरे पास ऐसे दोस्त हैं, जिन्होंने नफरत के समय भी मुझे बहुत प्यार दिया और हर मुश्किल मोड़ पर मेरा हाथ थामे रखा. मेरे पास एक असाधारण वकील हैं जो 20 सालों से मेरे साथ चल रही हैं. उन्होंने मुझे कभी न्याय के लिए अपनी उम्मीदें नहीं खोने दीं.
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'मैं पूरी तरह टूट गई थी'
उन्होंने आगे कहा कि डेढ़ साल पहले जब 15 अगस्त, 2022 को मेरे परिवार को खत्म करने वाले और मेरे अस्तित्व को आतंकित करने वालों को तुरंत रिहाई दी गई तो मैं पूरी तरह से टूट गई और मुझे लगा कि मेरे साहस खत्म हो गया है, लेकिन मेरे लिए हजारों आम लोग और महिलाएं आगे आईं. वे मेरे साथ खड़े रहे और हजारों लोगों ने मुझे देश भर से पत्र लिखे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की.
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सभी के लिए बराबर है कानून: बिलकिस
मैं मेरा साथ देने वाले हर व्यक्ति का आभार व्यक्त करती हूं. इन लोगों ने मुझे ही नहीं, बल्कि भारत की हर महिला के लिए न्याय के विचार को बचाने के लिए संघर्ष करने की नई इच्छा शक्ति दी. मैं अपने जीवन और अपने बच्चों के जीवन के लिए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को अहम समझती हूं, आज मैं दिल से दुआ कर रही हूं. कानून सबसे ऊपर और कानून सभी नागरिकों के लिए बराबर है.
कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
बता दें कि सोमवार यानी 8 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने बिलकिस बानो बलात्कार के 11 दोषियों की सजा माफ करने वाले गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि दोनों राज्यों (महाराष्ट्र-गुजरात) के लोअर कोर्ट और हाई कोर्ट फैसले ले चुके हैं. ऐसे में कोई आवश्यकता नहीं लगती है कि इसमें किसी तरह का दखल दिया जाए. अब दो हफ्ते के अंदर दोषियों को सरेंडर करना होगा. पीठ ने लगातार 11 दिन तक सुनवाई कर पिछले साल 12 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. उम्रकैद की सजा में वक्त से पहले दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए थे. कोर्ट का कहना है कि ये साफ होना चाहिए कि दोषी कैसे माफी के योग्य पाए. और सरकार को फटकार भी लगाई.
कौन हैं दोषी
बिलकिस बानो केस में राधेश्याम शाही, जसवंत चतुरभाई नाई, केशुभाई वदानिया, बकाभाई वदानिया, राजीवभाई सोनी, रमेश भाई चौहान, शैलेश भाई भट्ट, बिपिन चंद्र जोशी, गोविंदभाई नाई, मितेश भट्ट और प्रदीप मोढिया के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी.
वहीं, बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने भी खुशी जाहिर कर केंद्र और गुजरात की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है.
क्या बोले राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिलकिस बानो केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, 'चुनावी फायदे के लिए ‘न्याय की हत्या’ की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है. आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर देश को बता दिया कि ‘अपराधियों का संरक्षक’ कौन है. बिलकिस बानो का अथक संघर्ष, अहंकारी भाजपा सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत का प्रतीक है.'
प्रियंका गांधी ने लिखा, 'इस आदेश से भारतीय जनता पार्टी की महिला विरोधी नीतियों पर से पर्दा हट गया है. इसके बाद न्याय व्यवस्था पर जनता का भरोसा और मजबूत होगा. अपनी लड़ाई बहादुरी से जारी रखने के लिए बिलकिस बानो को बधाई.'
क्या बोले ओवैसी
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिलकिस बानो केस में ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए केंद्र और गुजरात की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि बिलकिस का रेप हुआ, मासूम बच्ची का कत्ल हुआ. बिलकिस ने ये लड़ाई खुद लड़ी. उस समय जब सीएम मोदी थे, बड़ा ही खराब माहौल था. इसीलिए इस ट्रायल को महाराष्ट्र शिफ्ट किया गया था. ये बात रखनी चाहिए कि बीजेपी ने ही इन रेपिस्ट को छुड़वाया है. लोगों को ये याद रखना चाहिए कि बीजेपी के लोगों ने इनके गलों में फूलों का हार डाला था. गुजरात में बीजेपी सरकार रेपिस्ट की मदद करने का काम कर रही है. एक विधायक ने उन्हें संस्कारी भी कहा था.
ओवैसी ने आगे कहा कि उम्मीद करता हूं कि भविष्य में कोई भी सरकार इस तरीके का कोई काम नहीं करेंगी, जिससे रेपिस्ट को छोड़ दिया जाए.