
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बिपरजॉय चक्रवात को लेकर चेतावनी दी है. आईएमडी ने कहा कि आने वाले दिनो में बिपरजॉय गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. वहीं, 15 जून के आसपास इसके उत्तर की ओर बढ़ने की प्रबल संभावना है.
मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कहा गया है कि, "बिपरजॉय चक्रवात का सेंटर अरब सागर में बन रहा है. यह पोरबंदर के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 450 किमी की दूरी पर है. अनुमान है कि यह उत्तर में बढ़ सकता है और 15 जून की दोपहर तक कच्छ के तट को पार करेगा. जिसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटा का पूर्वानुमान लगाई गई है.
15 जून को सबसे ज्यादा खतरा
डॉ. मृत्युंजय महापात्र, मौसम विज्ञान महानिदेशक, आईएमडी ने बिपरजॉय चक्रवात से 15 जून को सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. ऐसे में सभी लोगों को घर के अंदर और सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. चक्रवात के आने से पेड़, बिजली के खंबे, सेलफोन टॉवर उखड़ सकते हैं. इसकी वजह से बिजली और दूरसंचार में दिक्कत आ सकती है. इसकी वजह से खड़ी फसलों का भी नुकसान होगा.
रत्नगिरी के समुद्र में उथल-पुथल
पिछले दो दिन से रत्नागिरी के समुद्र में बिपरजॉय तूफान के भारी असर देखने को मिले हैं. रत्नागिरी का तीर्थस्थल गणपतिपुले के समुद्र तट पर प्रभाव के कारण रत्नागिरी तट इस समय भारी लहरों का असर दिखाई दे रहा है. दो दिन पहले गणपतिपुले तीर्थस्थल पर आई ऊंची लहरों से सैलानियों के साथ-साथ वेंडर्स भी प्रभावित हुए थे. रविवार को भी इसी तरह के तूफानी तूफान ने तट को भारी नुकसान पहुंचाया है.
IMD के अनुसार बिपरजॉय उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ रहा है. मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण भारतीय राज्यों में चार दिनों में बारिश की संभावना है. केरल और कर्नाटक में सोमवार भारी बारिश की संभावना है. गुजरात में अगले चार दिन में गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है, खासकर सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में हवा की गति तेज रहेगी.
14 जून तक पर्यटकों के लिए तीथल बीच बंद
चक्रवात बिपरजोय का गुजरात में भी असर नजर आने लगा है. गुजरात में अरब सागर तट पर वलसाड में तीथल बीच पर ऊंची लहरें देखी गई हैं. एहतियात के तौर पर तीथल बीच को 14 जून तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है और पोरबंदर, गिर-सोमनाथ और वलसाड में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. वलसाड के तहसीलदार टीसी पटेल ने कहा, हमने मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा और वे सभी वापस आ गए हैं.
जरूरत पड़ने पर लोगों को समुद्र किनारे गांव में शिफ्ट किया जाएगा. उनके लिए आश्रय स्थल बनाए गए हैं. इसके अलावा केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप के तट से मघुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. बता दें कि शुक्रवार को केरल के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, कोझिकोड और कन्नूर में येलो अलर्ट जारी किया गया.