
अरब सागर में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय तेजी से तटीय इलाकों की तरफ बढ़ रहा है. इसका प्रभाव कई राज्यों में देखने को मिल रहा है. केरल, कर्नाटक और गोवा से होते हुए अब गुजरात और महाराष्ट्र में तूफान का असर देखने को मिल रहा है. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से फ़ोन पर बात की और चक्रवात को लेकर जानकारी हासिल की. पीएम मोदी ने इस आपदा के हालात में केंद्र सरकार द्वारा सभी तरह की मदद देने का भरोसा जताया. इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बैठक की.
जानिए गुजरात तट के कितना करीब आ चुका है Cyclone Biparjoy, Live Tracker में देखिए पल-पल का मूवमेंट
बता दें कि मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, तूफान के उत्तर पूर्व दिशा में गुजरात तटों की ओर मुड़ने से पहले इसकी गति कुछ कम हो गई है. पहले इसकी गति 90 समुद्री मील (167 किमी प्रति घंटे) थी जो घटकर 85 समुद्री मील (लगभग 157 किमी प्रति घंटा) हो गई है. ये चक्रवात लगभग 65 समुद्री मील (लगभग 120 किमी प्रति घंटे) की गति से तट से टकरा सकता है और फिर लैंडफॉल करने के बाद काफी तेजी से कमजोर हो जाएगा.
आइए जानते हैं बड़े अपडेट्स
> चक्रवाती तूफान Biparjoy के चलते अब तक कई को लोगों को स्थानांतरित किया गया जा चुका है.
>कच्छ, जामनगर और द्वारका में SDRF की दो-दो टीम, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी, पाटन और बनासकांठा में 1-1 टीम तैनात कर दी गई है.
> कच्छ में चार, देवभूमि द्वारका में तीन, राजकोट में तीन , जामनगर में दो, जूनागढ़ पोरबंदर, गिरसोमनाथ, मोरबी और वलसाड में NDRF की 1-1 टीम तैनात कर दी गई है.
>चक्रवात 'बिपरजॉय' के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार, भारतीय वायु सेना, नौसेना, तट रक्षक और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सहित सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं.
> जूनागढ़ जिले में 500, कच्छ में 6786, जामनगर में 1500, पोरबंदर में 546, द्वारका में 4820, गिर सोमनाथ में 408, मोरबी में 2000 और राजकोट में 4031 लोगों को स्थानांतरित किया गया है.
Biparjoy का असर, रेलवे ने कैंसिल कर दीं कई राज्यों की ट्रेनें, देखें पूरी लिस्ट
> चक्रवात बिपारजॉय के चलते मौसम विभाग ने गुजरात में सौराष्ट्र, कच्छ तटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. 'बिपरजॉय' गुजरात तट की ओर बढ़ गया है, जिससे कच्छ जिले के नलिया कस्बे में हल्की बारिश हो रही है.
> भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि 'बिपारजॉय' 15 जून की शाम तक गुजरात के जखाऊ बंदरगाह के पास टकराकर एक बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में रूप में कमजोर हो जाएगा.
Cyclone Biparjoy के असर से मौसम का संकट! इन 8 राज्यों में IMD की चेतावनी
> गुजरात के कच्छ में अब तक 8000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. वहीं, 1.5-2 लाख छोटे-बड़े जानवर ऊंचे स्थानों पर पहुंच गए हैं.
> भारतीय तटरक्षक बल के एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों द्वारा गुजरात के ओखा के पास द्वारका तट से संचालित होने वाले जैक-अप रिग 'की सिंगापुर' से आज सुबह सभी 50 कर्मियों को निकाला गया. गुजरात के नवसारी में चक्रवात 'बिपरजोय' के मद्देनजर लोगों को समुद्र में जाने से रोकने के लिए पुलिस तैनात है.
> गुजरात सरकार ने राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में तटीय कच्छ, जामनगर, देवभूमि द्वारका और जूनागढ़ जिलों में स्कूलों के लिए अवकाश घोषित किया है. अधिकारियों के मुताबिक, देवभूमि द्वारका, जामनगर और जूनागढ़ जिलों में आज स्कूल बंद रहेंगे. वहीं, कच्छ में स्कूलों को आज, 12 जून से 15 जून, 2023 तक बंद रहने के लिए कहा गया है.
कराची में बादल फटने की आशंका, सिंध में इमरजेंसी... पाकिस्तान में तबाही मचा सकता है चक्रवात बिपरजॉय
> चक्रवात 'बिपरजॉय' के प्रभाव में मुंबई के जुहू बीच पर लहरें तट से टकरा रही हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए बीच पर लाइफगार्ड तैनात किए गए हैं ताकि जनता समुद्र में न जाए.
> गुजरात में साइक्लोन के मद्देनजर कांडला बंदरगाह बंद कर दिया है, जिसके चलते व्यापार पर असर पड़ा है. कांडला बंदरगाह से जाने वाले सैकड़ों ट्रकों को गांधीधाम में खड़ा किया गया है.
> मौसम विभाग के मुताबिक, आज मुंबई में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश/गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. इसके अलावा 45-55 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.
Biparjoy तूफान की दस्तक, क्या है इसका मतलब और कौन रखता है नाम? जानिए सबकुछ
> चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए गुजरात के कांडला को खाली कराया गया है. समुद्र किनारे वाले क्षेत्र के 2 किमी के दायरे के गांवों को खाली करने का निर्देश दिया गया है.
> साइक्लोन बिपरजॉय का असर यातायात पर भी देखने को मिलने लगा है. बिपरजॉय के चलते पश्चिम रेलवे की 137 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. आज ये लेकर 17 जून तक के लिए रेलवे द्वारा कुछ ट्रेनों को रद्द तो कुछ को शॉर्ट-टर्मिनेट/ओरिजिनेट करके चलाया जा रहा है.
> चक्रवात से निपटने के लिए मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक्शन प्लान तैयार किया गया है. गुजरात से महाराष्ट्र तक तटीय इलाकों में पेट्रोलिंग हो रही है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की दर्जनों टीमें तटीय इलाके में तैनात की गई है.
> गुजरात स्थित गिर के जंगल के शेरों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और 300 ट्रेकरस शेरों की गतिविधि पर नजर रखे हुए ताकि शेरों की जान का खतरा न हो.
बिपरजॉय Cyclone के खतरे के बीच गिर जंगल से शिफ्ट किए गए 100 शेर
> गिरनार रोप वे लगातार चौथे दिन बंध रहा. माना जा रहा है कि अभी भी तीन दिन रोप वे बंद रहेगा. वहीं, भारी बारिश और तेज हवा के चलते गिरनार पर्वत पर प्रवासियों को न जाने की सलाह दी जा रही है.
> जामनगर के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन की जर्जर इमारत को जामनगर महानगर पालिका ने बिपरजॉय चक्रवात के संभावित असर को देखते हुए तोड़ दिया. जामनगर के 150 साल पुराने रेलवे स्टेशन काफी सालों से बंद था लेकिन एतिहासिक इमारत के रूप में मौजूद था.
> इसके अलावा मोरबी में सभी सिरेमिक प्लांट को बंद कर दिया गया है. मोरबी सिरामिक मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन की ओर से सभी यूनिट्स को बंध करने की सूचना दी गई है.
> आईएमडी ने बिपरजॉय चक्रवात से 15 जून को सबसे ज्यादा खतरा बताया है. ऐसे में सभी लोगों को घर के अंदर और सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. चक्रवात के आने से पेड़, बिजली के खंबे, सेलफोन टॉवर उखड़ सकते हैं. इसकी वजह से बिजली और दूरसंचार में दिक्कत आ सकती है. इसकी वजह से खड़ी फसलों का भी नुकसान होगा.
> मौसम विभाग की मानें तो Cyclone Biparjoy की 14 तारीख की सुबह तक लगभग उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है. इसके बाद ये उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ेगा और सौराष्ट्र और कच्छ को पार कर 15 जून की दोपहर तक जखाऊ बंदरगाह (गुजरात) के पास मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच पाकिस्तान के तटों को पार करेगा.
> पाकिस्तान के मौसम विभाग ने कराची में बादल फटने जैसी घटनाओं की आशंका जताई है. इतना ही नहीं सिंध में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है. यहां सेना की तैनाती की गई है और निचले क्षेत्रों में रह रहे करीब 80 हजार लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया गया है.
> Biporjoy का मतलब होता है डिजास्टर यानी आपदा. Biporjoy नाम बांग्लादेश का दिया हुआ है. दरअसल, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में जितने भी चक्रवात आते हैं उनका नाम बारी-बारी से इस इलाके के देश रखते हैं जो पहले से तय होता है. यह सिस्टम साल 2004 से चला रहा है.
(Brijesh Dosi के इनपुट के साथ)