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'बीरेन सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए', मणिपुर में NDA से अलग होने वाली पार्टी की MLA बोलीं

एनडीए सहयोगी कुकी पीपुल्स अलायंस ने रविवार शाम को मणिपुर सरकार से समर्थन वापस ले लिया. मणिपुर में बीते मई महीने से तनाव जारी है. राज्य में जारी हिंसा और तीन महीने बाद भी हालात सामान्य न होने के बीच पार्टी ने ये फैसला किया है. राज्य सरकार में कुकी पीपुल्स अलायंस के दो विधायक थे.

किमनेओ हाओकिप हैंगशिंग किमनेओ हाओकिप हैंगशिंग
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 1:42 AM IST

एनडीए की सहयोगी पार्टी कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) ने रविवार को मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की. पार्टी के विधायक किमनेओ हाओकिप हैंगशिंग ने कहा कि मौजूदा बीरेन सरकार से समर्थन वापस लेने का ठोस कारण है. हमने इस आधार पर मणिपुर में बीजेपी को समर्थन दिया था कि जब तक बीजेपी सरकार कुकी लोगों का ध्यान रखेगी, हम उनका समर्थन करेंगे. लेकिन मणिपुर में हाल की हिंसा से पता चलता है कि कुकी लोगों को एकदम किनारे कर दिया गया है.

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राज्य में शांति बाहली के अंतिम समाधान के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि घाटी में सभी विकास कार्य घाटी में ही होते हैं लेकिन पहाड़ी इलाकों पर कोई विकास नहीं हुआ है. अब यह केंद्र सरकार को तय करना है कि वह राज्य में अलग-अलग समदुायों की मांगों पर कैसे रुख अख्तियार करती है.

उन्होंने कहा कि राज्य में मौजूदा स्थिति खराब से बदतर हो गया है. दोनों समुदायों को एक साथ लाना मुश्किल लग रहा है क्योंकि हम खुद से शांति नहीं ला सकते हैं. शांति बहाली की प्रक्रिया शुरू करने के लिए राज्य या केंद्रीय स्तर पर किसी निष्पक्ष संगठन की जरूरत है. हमारी पहली मांग है कि बीरेन सरकार को इस्तीफा देना चाहिए. उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना चाहिए.

हाओकिप ने कहा कि उनकी जगह कौन यह जिम्मेदारी संभालेगा, हम देखेंगे. मैतेई लोग आमतौर पर शांतिप्रिय लोग होते हैं. हमारा उनके साथ कोई मतभेद नहीं है. जब तक राज्य सरकार मैतेई समुदाय से जुड़े लोगों के जरिए चलती रहेगी. इससे सिर्फ एक समुदाय को ही लाभ पहुंचेगा.  

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बता दें कि रविवार शाम को कुकी पीपुल्स अलायंस ने मणिपुर सरकार से समर्थन वापस ले लिया. मणिपुर में बीते मई महीने से तनाव जारी है. राज्य में जारी हिंसा और तीन महीने बाद भी हालात सामान्य न होने के बीच पार्टी ने ये फैसला किया है. राज्य सरकार में कुकी पीपुल्स अलायंस के दो विधायक थे. केपीए के जिन दो विधायक ने बीरेन सरकार से समर्थन वापस लिया है, उनमें, किम्नेओ हैंगशिंग (सैकुल) और चिनलुन्थांग (सिंगाट) शामिल हैं.

विधानसभा सत्र में शामिल होने की संभावना से किया था इनकार
कुकी पीपुल्स अलायंस ने ये फैसला ऐसे वक्त में लिया है, जब विधानसभा सत्र 21 अगस्त को शुरू हो सकता है. मणिपुर मंत्रिमंडल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से 21 अगस्त से विधानसभा का सत्र आहूत करने की सिफारिश की थी, लेकिन इस सत्र में अधिकांश कुकी विधायकों के हिस्सा लेने की संभावना नहीं के बराबर थी.

इस पहले, कुकी पीपल्स अलायंस के अध्यक्ष तोंगमांग हाओकिप ने कहा था कि राज्य में जारी हिंसा और अलग प्रशासन को लेकर कुकी समुदाय की मांगों पर अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है जिस वजह से कुकी-जोमी-हमार विधायकों के लिए विधानसभा सत्र में शामिल लेना संभव नहीं होगा.

मणिपुर विधानसभा में ऐसा है सरकार का गणित
मणिपुर विधानसभा में भाजपा के 32 सदस्य हैं, जबकि उसे पांच एनपीएफ विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. विपक्षी विधायकों में एनपीपी के सात, कांग्रेस के पांच और जदयू के छह विधायक शामिल हैं. केपीए के अध्यक्ष तोंगमांग हाओकिप की पार्टी कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) ने मार्च, 2022 में मणिपुर में सरकार के गठन के लिए बीजेपी को अपना समर्थन दिया था. उन्होंने उस वक्त अपने दो नवनिर्वाचित विधायकों किमनेओ हाओकिप हैंगशिंग और चिनलुनथांग के साथ मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन को अपना समर्थन पत्र सौंपा था. हैंगशिंग कांगपोकपी जिले के सैकुल निर्वाचन क्षेत्र से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे तो वहीं, चिनलुनथांग चुराचांदपुर जिले के सिंघाट से विजयी हुए थे.

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(रिपोर्ट: सारस्वत कश्यप)

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