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बिट्टू बजरंगी महेश पांचाल को आग लगाने के मामले में पुलिस फिलहाल खाली हाथ है. सूत्रों के मुताबिक FSL रिपोर्ट में बिट्टू के भाई के शरीर या घटनास्थल से किसी तरह का केमिकल या ज्वलनशील पदार्थ नहीं मिला है.
दरअसल, बिट्टू और उसके भाई ने आरोप लगाया था कि आरोपी एक वैगनार कार से आए थे. आरोपों के आधार पर ही पुलिस ने घटनास्थल के आसपास का सीसीटीवी फुटेज खंगाला, जिसमें उस दौरान किसी वैगन आर कार का मूवमेंट नजर नहीं आया.
खंगाले गए सीसीटीवी फुटेज
सूत्रों के मुताबिक बिट्टू के भाई ने अरमान समेत कुछ लोगों पर पेट्रोल डालकर आग लगाने का आरोप लगाया था. पुलिस ने अरमान से सभी तरीकों से पूछताछ की, लेकिन उसने आरोपों से इनकार कर दिया. घटना वाले दिन के अरमान के हर मूवमेंट को ट्रैक किया गया. इसके अलावा उसके घर के आसपास के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए, जिसमें वो अपने घर के आसपास दिखाई दिया.
दूसरी जगह पर मिली लोकशन
पुलिस ने तकनीकी आधार पर अरमान का मूवमेंट ट्रैक किया, जिसमें उसकी लोकेशन घटनास्थल पर नहीं मिली. सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में ये सामने नहीं आया है कि किसने बिट्टू के भाई महेश को जलाया या घटना कैसे हुई. यानी फिलहाल मामले की पूरी सच्चाई सामने नहीं आ सकी है. हालांकि, जल्द ही पुलिस पूरे मामले का खुलासा कर सकती है.
आग के हवाले करने का आरोप
बता दें कि गौ रक्षा बजरंग फोर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिट्टू बजरंगी के छोटे भाई ने उन्हें जिंदा आग के हवाले करने का आरोप लगाया था. कि इस घटना को अंजाम देने वालों की संख्या 12 बताई गई थी. महेश ने दावा किया था कि बदमाश उसे आग के हवाले करने के बाद मौके से फरार हो गए. घटना के बाद बिट्टू बजरंगी ने कहा था कि लगभग रात 1:20 बजे उनका भाई घर आया. उसने गेट खटखटाया और अपनी पत्नी नेहा को आवाज दी. महेश ने कहा था कि जल्दी दरवाजा खोलो किसी ने मुझे आग लगा दी है.
फरीदाबाद में किया था भर्ती
बिट्टू ने आगे बताया था कि आनन-फानन में महेश की पत्नी ने दरवाजा खोला तो देखा कि महेश बुरी तरह झुलसा हुआ था, जिसके बाद वह उसे एक ऑटो में डालकर बादशाह खान सिविल अस्पताल ले जाया गया. वहां से डॉक्टर ने उसे 60% जला हुआ बताकर प्राथमिक उपचार देने के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. लेकिन उन्होंने अपने भाई को फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था.