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15 साल बाद नवीन पटनायक को पड़ रही है BJP की ज़रूरत?

15 साल बाद BJP और BJD एक साथ चुनाव लड़ने जा रही है, ये दोस्ती कैसे हुई और क्यों हुई, युवाओं के लिए क्या चुनावी वादे कर रही है कांग्रेस पार्टी, 2019 से क्या सबक सीखा है कांग्रेस ने, SBI क्यों कंटेंप्ट ऑफ़ कोर्ट झेलने के लिए तैयार है लेकिन चुनावी चंदे का ब्योरा देने के लिए नहीं, SBI पर क्यों ये आरोप लग रहे हैं कि वो BJP को फ़ायदा पहुंचाना चाह रही है, सुनिए 'दिन भर' में नितिन ठाकुर के साथ.

कुंदन कुमार
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  • 07 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST

आज प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर के दौरे पर थे, साल 2019 में धारा 370 के हटने के बाद ये पहला मौका था जब पीएम घाटी पहुंचे. एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री ने 6400 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का अनावरण किया. श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने घाटी को धरती का स्वर्ग कहते हुए 2-2 AIIMS बनाने और स्मार्ट सिटी विकसित करने की बात कही. 

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अब कश्मीर से चलते हैं ओडीशा. यहां बीजेपी 15 साल बाद अपने पुराने साथी के साथ एक ही टेबल पर बैठने की कोशिश कर रही है. खबर है कि सत्तारूढ़ बीजू जनता दल बीजेपी के साथ गठबंधन करने जा रही है. इससे पहले भी दोनों 1998 से 2009 तक गठबंधन में रह चुके है. दोनों में नज़दीकियों की चर्चा तो तभी शुरू हो गई थी जब बीजेडी ने अश्विनी वैष्णव को राज्यसभा भेजा था. नए समीकरण कैसे बन रहे हैं, इसकी शर्तें क्या तय हुईं, सुनिए 'दिन भर' में

कांग्रेस के वादे

चुनावी बेला में भाजपा नए साथी जोड़ रही है तो कांग्रेस नए वोटर्स को जोड़ने में लगी है, इसी क्रम में आज राजस्थान के बांसवाड़ा में आयोजित भारत जोड़ो न्याय यात्रा की जनसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने युवा न्याय के लिए पांच बड़ी गारंटी दीं. राहुल गांधी ने केंद्र में पार्टी की सरकार बनने पर युवाओं को 30 लाख सरकारी नौकरियां देने की घोषणा की.

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कांग्रेस ने ख़ास युवाओं को ध्यान में रखकर पेपर लीक से जुड़ा क़ानून, स्टार्टअप के लिए फंड जैसे वादे भी किए हैं और इन्हें आधिकारिक घोषणा पत्र में भी रखा जाएगा, क्या ये वादे इतने टेंपटिंग हैं, जिससे युवा कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को वोट दे सकते हैं, सुनिए 'दिन भर' में

SBI चंदे की जानकारी छिपा रहा?

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने के आखिरी दिनों में आदेश दिया थी कि इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी. इसके लिए अंतिम तारीख 6 मार्च यानी कल की तय की गई थी लेकिन देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने कहा कि डेटा बहुत ज़्यादा है, इतने कम समय में इसे प्रॉसेस करना मुश्किल है, ये पूरा काम करने के लिए 30 जून तक का समय दिया जाना चाहिए. इसकी वजह से अब SBI के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी ADR की ओर से दायर इस याचिका में बैंक को कोर्ट का आदेश न मानने की बात भी कही गई है, ADR की ओर से इस केश को प्रशांत किशोर प्रजेंट कर रहे हैं और उनका कहना है कि SBI जानबूझ कर देरी कर रही है, ADI ने SBI के ऊपर और क्या आरोप लगाए हैं, सुनिए दिन भर में,

 

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