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बीजेपी MLA ने की मुर्शिदाबाद को UT बनाने की मांग, बोले- आतंकियों का एंट्री पॉइंट बन रहा है इलाका

बीजेपी विधायक गौरी शंकर दास ने मुर्शिदाबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद की स्थिति बहुत गंभीर है. इलाके में हर साल घुसपैठ हो रही है. ये इलाका बांग्लादेश की ओर से आने वाले आतंकियों का एंट्री पॉइंट बनता जा रहा है और इसे रोकने का एक ही तरीका है कि मुर्शिदाबाद को UT बना दिया जाए.

बीजेपी MLA गौरी शंकर दास. बीजेपी MLA गौरी शंकर दास.
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 26 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

मुर्शिदाबाद से बीजेपी विधायक गौरी शंकर दास ने मुर्शिदाबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ये इलाका बांग्लादेश की ओर से आने वाले आतंकियों का एंट्री पॉइंट बनता जा रहा है और इसे रोकने का एक ही तरीका है कि मुर्शिदाबाद को UT बना दिया जाए.

विधायक गौरी शंकर दास ने कहा कि देखिए, मुर्शिदाबाद की स्थिति बहुत गंभीर है. इलाके में हर साल घुसपैठ हो रही है. इससे हमारे देश की सुरक्षा को खतरा है. इलाके में कानून का कोई शासन नहीं  है.

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'आतंकियों का एंट्री पॉइंट बना इलाका'

मुर्शिदाबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की जरूरत है, क्योंकि वह कोई कानून व्यवस्था मौजूद नहीं है. यह आतंकवादियों के लिए भारत में एंट्री का प्रवेश द्वार बन गया है.

'बदल रही है इलाके के डेमोग्राफी'

उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस पूरे इलाके के डेमोग्राफी बदल गई है. पहले यहां 53 प्रतिशत हिंदू थे और 47 प्रतिशत मुस्लिम थे. और आज 23 प्रतिशत हिंदू और 73 प्रतिशत मुस्लिम हैं, किसी-किसी विधानसभा क्षेत्र में तो मुस्लिमों की जनसंख्या 90 प्रतिशत से ज्यादा हैं. इन इलाकों में अब सिर्फ 10, 5 प्रतिशत हिंदू जनसंख्या है. यहां स्थिति गंभीर हैं. मैंने पुलिस को भी बोला है. 

उनका कहना है कि उन्होंने 2022 से इस मुद्दे और मांग को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख चुके हैं. मालदा मुर्शिदाबाद रायगंज और उत्तर 24 परगना के कुछ हिस्सों को वृहद बांग्लादेश के रूप में जोड़ने की एक बड़ी साजिश रची जा रही है. बंगाल और भारत को बचाने का एकमात्र रास्ता केंद्रशासित प्रदेश.

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घट रही है आदिवासियों का आबादी: BJP नेता

बता दें कि गुरुवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में आदिवासियों की घटती आबादी का मुद्दा उठाया. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत 'संविधान खतरे में है' से की और कहा कि हम यहां दलितों की बात करते हैं, आदिवासी की बात करते हैं. कहीं किसी की भी सरकार हो, उसका एकमात्र लक्ष्य यही है कि अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है. बीजेपी सांसद ने कहा कि जिस संथाल परगना से आता हूं, वह जब बिहार से झारखंड अलग हुआ तब आदिवासियों की आबादी 36 परसेंट थी. आज आदिवासियों की आबादी 26 परसेंट है. 10 परसेंट आदिवासी कहां गायब हो गए, कहां खो गए?

गोड्डा सांसद ने कहा कि जिला परिषद की जो अध्यक्षा हैं, उनके पति मुसलमान हैं. हमारे यहां सौ आदिवासी मुखिया हैं जो आदिवासी के नाम पर हैं और उनके पति मुसलमान हैं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां अभी चुनाव हुआ, यहां सभी लोग चुनाव लड़कर आए हैं. प्रत्येक चुनाव में 15 से 17 प्रतिशत आबादी बढ़ती है, हमारे यहां 123 परसेंट.

'267 बूथों पर 117% बढ़ी मुसलमानों की आबादी'

निशिकांत दुबे ने कहा कि जिस लोकसभा से चुनकर आया, उसकी एक विधानसभा मधुपुर में लगभग 267 बूथों पर मुसलमानों की आबादी 117 परसेंट बढ़ गई है. पूरे झारखंड में कम से कम 25 ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां 123 परसेंट, 110 परसेंट आबादी बढ़ी है. ये एक बड़ा चिंता का विषय है.

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