
बीजेपी सांसद रमेश विधूड़ी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि यह तो मुसलमानों के प्रति नफरत की इंतहा है. संसद में किसी सांसद के प्रति ऐसी असंसदीय भाषा का प्रयोग और इस पर कोई कार्रवाई न होना बेहद दुखद है.
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि पिछले दिन संसद में सत्तारूढ़ दल के एक सांसद ने एक मुस्लिम सांसद के लिए असंसदीय भाषा का प्रयोग किया. यहां तक कि उसे खुले आम आतंकवादी, कटवा और मुल्ला कहा गया. इतना ही नहीं उस सांसद को संसद के बाहर देख लेने की धमकी भी दी गई. देश के लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली ऐसी शर्मनाक घटना है.
उन्होंने कहा कि पहले भी बहुत से मुद्दों पर संसद में बेहद तीखी और कड़वी बहसें हुई हैं. लेकिन किसी निर्वाचित सदस्य के खिलाफ किसी अन्य सांसद ने ऐसे अशुद्ध और अलोकतांत्रिक शब्दों का प्रयोग कभी नहीं किया. मौलाना मदनी ने कहा कि यह जो कुछ हुआ उसे देखकर कहा जा सकता है कि मुसलमानों के खिलाफ यह नफरत की इंतहा है जो अब लोकतंत्र के मंदिर तक जा पहुंची है.
'सत्तारूढ़ दल के किसी सांसद ने उन्हें नहीं रोका'
आश्चर्य और दुखद तो यह भी है कि जब संसद में ऐसी अशुद्ध और अलोकतांत्रिक भाषा बोली जा रही थी तो सत्तारूढ़ दल के किसी सांसद ने उसे नहीं रोका. यह हेट स्पीच से भी अधिक घातक है. सदन के अध्यक्ष को तुरंत इसका नोटिस लेना था. लेकिन उन्होंने फौरन ऐसा नहीं किया.
विपक्ष के सांसद पर अब तक कार्रवाई हो गई होती
मौलाना मदनी ने कहा कि अगर विपक्ष के किसी सांसद ने सदन में ऐसी भाषा का प्रयोग किया होता तो उसे उसी समय सदन से बाहर निकाल कर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती. मीडिया भी उस पर तूफान खड़ा कर देता. उन्होंने कहा कि एक मुस्लिम सांसद के खिलाफ इस तरह की भाषा का प्रयोग यह स्पष्ट करता है कि आम मुसलमानों को तो जाने दें अब मुसलमानों के निर्वाचित प्रतिनिधि संसद में भी सुरक्षित नहीं हैं.
'कार्रवाई का पूर्ण अधिकार स्पीकर के पास'
मौलाना मदनी ने कहा कि अगर आज के नए भारत की यही तस्वीर है तो यह बहुत घातक और निराशाजनक है. सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. इसके आधार पर कुछ मामलों में कार्रवाई भी हुई है. लेकिन यह मामला संसद के सदन का है इसलिए कार्रवाई का पूर्ण अधिकार स्पीकर के पास है. उन्होंने अंत में कहा कि स्पीकर की यह संवैधानिक और नैतिक ज़िम्मेदारी है कि वह उपरोक्त सांसद के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई का आदेश दें. सदन के प्रति ऐसी असंसदीय भाषा का प्रयोग और इस पर कोई कार्रवाई न होना बेहद दुखद है.
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि पिछले दिन संसद में सत्तारूढ़ दल के एक सांसद ने एक मुस्लिम सांसद के लिए असंसदीय भाषा का प्रयोग किया. यहां तक कि उसे खुले आम आतंकवादी, कटवा और मुल्ला कहा गया. इतना ही नहीं उस सांसद को संसद के बाहर देख लेने की धमकी भी दी गई. देश के लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली ऐसी शर्मनाक घटना है.
उन्होंने कहा कि पहले भी बहुत से मुद्दों पर संसद में बेहद तीखी और कड़वी बहसें हुई हैं. लेकिन किसी निर्वाचित सदस्य के खिलाफ किसी अन्य सांसद ने ऐसे अशुद्ध और अलोकतांत्रिक शब्दों का प्रयोग कभी नहीं किया.
सदन के अध्यक्ष को तुरंत इसका नोटिस लेना था. लेकिन उन्होंने फौरन ऐसा नहीं किया. मौलाना मदनी ने कहा कि अगर विपक्ष के किसी सांसद ने सदन में ऐसी भाषा का प्रयोग किया होता तो उसे उसी समय सदन से बाहर निकाल कर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती. मीडिया भी उस पर तूफान खड़ा कर देता.
उन्होंने कहा कि एक मुस्लिम सांसद के खिलाफ इस तरह की भाषा का प्रयोग यह स्पष्ट करता है कि आम मुसलमानों को तो जाने दें अब मुसलमानों के निर्वाचित प्रतिनिधि संसद में भी सुरक्षित नहीं हैं.
मौलाना मदनी ने कहा कि अगर आज के नए भारत की यही तस्वीर है तो यह बहुत घातक और निराशाजनक है. सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. इसके आधार पर कुछ मामलों में कार्रवाई भी हुई है. लेकिन यह मामला संसद के सदन का है इसलिए कार्रवाई का पूर्ण अधिकार स्पीकर के पास है. उन्होंने अंत में कहा कि स्पीकर की यह संवैधानिक और नैतिक ज़िम्मेदारी है कि वह उपरोक्त सांसद के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई का आदेश दे.