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अब संसद में वरुण गांधी ने घेरा, पूछा- हिरासत में कितनी मौत हुई? सरकार ने दिया ये जवाब

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने संसद में पुलिस हिरासत में हुई मौतों को लेकर सवाल किया था. इसका जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जवाब देते हुए बताया कि इस साल 15 नवंबर तक 151 मौतें हुईं हैं.

पुलिस हिरासत में मौतों का मामला गरमाया हुआ है. (फाइल फोटो) पुलिस हिरासत में मौतों का मामला गरमाया हुआ है. (फाइल फोटो)
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST
  • इस साल पुलिस हिरासत में 151 मौतें हुईं
  • महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 26 लोग मारे गए

पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने अब संसद में भी मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने पुलिस हिरासत में हो रही मौतों को लेकर सरकार को घेरा. उन्होंने सवाल किया कि इस साल पुलिस हिरासत में कितनी मौतें हुईं और उन्हें कम करने के लिए सरकार ने क्या किया? इसका जवाब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिया. उन्होंने बताया कि इस साल हिरासत में 151 लोगों की मौत हुई है. ये आंकड़ा 15 नवंबर तक का है. 

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वहीं, सरकार ने क्या किया? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस और लोक व्यवस्था राज्य के विषय हैं, लिहाजा केंद्र सरकार इसमें दखल नहीं देती. इसलिए ऐसी घटनाओं को रोकना और नागरिकों की सुरक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने ये बताया कि हालांकि हिरासत में होने वाली मौतों के मामलों में केंद्र सरकार एडवाइजरी जारी करती रहती है और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी समय-समय पर गाइडलाइंस जारी करता है.

ये भी पढ़ें-- कासगंज: 'टोंटी से बंधा था अल्ताफ, गले में कसी थी डोरी', मौत के बाद का वीडियो वायरल

सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में

गृह मंत्रालय की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक, इस साल 15 नवंबर तक देशभर में पुलिस हिरासत में 151 मौतें हुई हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 26 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं. दूसरे नंबर पर गुजरात (21 मौतें) और तीसरे पर बिहार (18) है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पुलिस हिरासत में 11-11 लोग मारे गए हैं. वहीं, जम्मू-कश्मीर में दो लोगों की मौत हुई है.

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यूपी के कासगंज में हो गई थी युवक की संदिग्ध मौत

इसी महीने उत्तर प्रदेश के कासगंज में अल्ताफ नाम के युवक की संदिग्ध हालत में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. एक नाबालिग लड़की को भगाने के आरोप में पुलिस ने अल्ताफ को पूछताछ के लिए बुलाया था. पुलिस का कहना था कि अल्ताफ ने पहले जैकेट की डोरी से फंदा बनाया और बाथरूम के नल से बांधकर फांसी लगा ली थी. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां उसकी मौत हो गई. हालांकि, पुलिस की इस थ्योरी पर कई सवाल भी उठे थे. वहीं, परिजनों ने पुलिस हिरासत में अल्ताफ की हत्या होने का आरोप लगाया था. 

 

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