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कर्नाटक: सरकारी ठेकों में 4% मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ BJP ने खोला मार्चा, सिद्धारमैया के फैसले को कोर्ट में देगी चुनौती

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने पार्टी मुख्यालय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'बीजेपी इस असंवैधानिक कदम का कड़ा विरोध करती है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग करती है.' उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुवाई में लिया गया यह फैसला कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, विशेष रूप से राहुल गांधी के इशारे पर मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए उठाया गया है.

कर्नाटक में सरकारी ठेकों में 4% मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ BJP ने खोला मार्चा कर्नाटक में सरकारी ठेकों में 4% मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ BJP ने खोला मार्चा
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 17 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को सरकारी ठेकों में मुस्लिम ठेकेदारों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण देने के कर्नाटक सरकार के प्रस्ताव को 'असंवैधानिक कदम' करार दिया. पार्टी का कहना है कि वह इस फैसले के खिलाफ हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी और इसे अदालत में भी चुनौती देगी, जब तक कि इसे वापस नहीं लिया जाता.

कर्नाटक कैबिनेट ने शुक्रवार को कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट्स (KTPP) अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी थी. इसके तहत 2 करोड़ रुपये तक के (सिविल) कार्यों के 4 प्रतिशत ठेके और 1 करोड़ रुपये तक के गुड्स/सर्विसेस के ठेकों को मुसलमानों के लिए आरक्षित किया गया.

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राहुल गांधी पर लगाया मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप
 
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने पार्टी मुख्यालय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'बीजेपी इस असंवैधानिक कदम का कड़ा विरोध करती है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग करती है.' उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुवाई में लिया गया यह फैसला कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, विशेष रूप से राहुल गांधी के इशारे पर मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए उठाया गया है.

सूर्या ने आगे कहा, 'यह कदम पूरी तरह असंवैधानिक और प्रथम दृष्टया अवैध है. इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी. बीजेपी इस फैसले के खिलाफ विधानसभा के अंदर और सड़कों पर विरोध करेगी. हम इस मुद्दे को संसद में भी उठाएंगे और संसद के बाहर भी प्रदर्शन करेंगे.'

'फैसला वापस लेने तक जारी रहेगी लड़ाई'

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बीजेपी सांसद ने कहा कि कर्नाटक सरकार का यह फैसला राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है. उन्होंने कहा, 'हम इस फैसले के खिलाफ अदालत में भी लड़ेंगे और कर्नाटक के लोगों तक भी अपनी आवाज पहुंचाएंगे. जब तक यह असंवैधानिक फैसला वापस नहीं लिया जाता, बीजेपी अपनी लड़ाई जारी रखेगी.'

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