
पश्चिम बंगाल में एक कथित वीडियो को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है जिसमें एक भाजपा कार्यकर्ता को संदेशखाली प्रकरण में पार्टी की भूमिका का दावा करते हुए दिखाया गया है. जबकि भाजपा का कहना है कि वीडियो से "छेड़छाड़" की गई है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वीडियो ने मौजूदा लोकसभा चुनावों के बीच पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की भाजपा की "साजिश" को उजागर किया है.
कथित वीडियो में संदेशखाली में भाजपा मंडल अध्यक्ष गंगाधर कयाल को यह कहते हुए दिखाया गया है कि विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पूरे संदेशखाली कांड की साजिश रची. कई महिलाओं ने निलंबित तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के मामलों को लेकर साल की शुरुआत में शिकायत की और विरोध प्रदर्शन किया था. शाहजहां प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हमले के मामले में फिलहाल जेल में हैं.
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टीएमसी हुई बीजेपी पर हमलावर
टीएमसी मंत्री शशि पांडा ने इस वीडियो को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है. रविवार को मीडिया से बात करते हुए शशि पांडा ने कहा, 'स्टिंग वीडियो में दिखाया गया है कि बीजेपी ने संदेशखाली को लेकर साजिश रची. महिलाओं को गुमराह किया गया. उन्हें ये सब बातें कहने के लिए सिखाया गया था.उन्हें बरगलाया गया और पैसे दिये गये.'
वहीं TMC सांसद सागरिका घोष ने कहा, 'बीजेपी ने संदेशखाली में बड़ी साजिश रची है. इस वीडियो से पता चलता है कि संदेशखाली में कोई बलात्कार नहीं हुआ है. यह बंगाल को अस्थिर करने का बीजेपी का खेल है. हम टीएमसी एक महिला केंद्रित पार्टी है. बीजेपी हमारी महिला समर्थक छवि पर हमला करना चाहती है. वे फर्जी आरोप लगाने के लिए महिलाओं को 2000 रुपये दे रहे हैं. ये भाजपा नेता संदेशखाली के असली गुनहगार हैं. उन्होंने संदेशखाली की महिलाओं का अपमान किया.'
उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी पहले दिन से कह रही हैं कि ये सब फर्जी है. यह किसी स्थानीय भाजपा नेता द्वारा नहीं किया गया है, यह सब राष्ट्रीय भाजपा नेता द्वारा करवाया गया है. पीएम रैलियों के लिए बंगाल आ रहे हैं. बीजेपी को माफ़ी मांगनी चाहिए. जिस तरह से वे बंगाल को बदनाम कर रहे हैं.'
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क्या है वीडियो में
वीडियो में दावा किया गया है कि कई महिलाओं को स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अत्याचार की शिकायत दर्ज करने के लिए 2,000 रुपये दिए गए थे. 'आज तक' स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है. कथित वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए, सुवेन्दु अधिकारी ने कहा कि इससे "छेड़छाड़" की गई है और मौजूदा लोकसभा चुनावों में हार को महसूस करने के बाद तृणमूल कांग्रेस द्वारा इसे अंजाम दिया गया है.
अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हम मामले की गहराई तक जाएंगे. संदेशखाली में प्राथमिक मुद्दा महिलाओं और बुजुर्गों की पीड़ा है... महिलाओं द्वारा सैकड़ों शिकायतें की गई हैं, और बलात्कार और छेड़छाड़ के आरोप हैं. क्या ये सभी झूठे हैं? यह (वीडियो) ) दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रतिबद्ध था.'