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आज का दिन: हिमाचल में बागियों का पार्टी निकाला बीजेपी को चुनाव में पड़ेगा भारी?

हिमाचल में बागी नेताओं को निकालना बीजेपी को भारी पड़ेगा?, ब्लैक सी ग्रेन डील से रूस के पीछे हटने की क्या वजह है? क्या ये क़दम दुनिया में अनाज का संकट खड़ा करेगा? और क्यों काग़जी रुपया से बेहतर बताया जा रहा डिजिटल रुपया?, सुनिए 'आज का दिन' में अमन गुप्ता के साथ.

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अमन गुप्ता
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  • 01 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

आज तक रेडियो आप के लिए लाता है सुबह सवेरे देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं. 
 

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बागियों पर BJP का एक्शन बिगाड़ेगा खेल?

हिमाचल प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक तेज हो गई है. BJP के टिकट बंटवारे के बाद बागी हुए 4 पूर्व विधायकों समेत बीजेपी ने 5 सीनियर नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए सस्पेंड कर दिया है. ये सभी नेता टिकट न मिलने के बाद पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके थे.

इससे पहले विधानसभा चुनाव में टिकट आवंटन से नाराज होकर भाजपा के 20 नेता बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे हैं. जिसके बाद पार्टी ने बागी नेताओं को कुछ रोज़ पहले ही चेतावनी दी थी. बताया जा रहा है कि कार्रवाई से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और सीएम जयराम ठाकुर तक ने इन बागियों को मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन ये नहीं माने. तो इस एक्शन के बाद पार्टी अपना संदेश देने में कामयाब होती दिखाई पड़ रही है या ये एक्शन बीजेपी को उल्टा पड़ सकता है?

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रूस का फ़ैसला बढ़ाएगा दुनिया में अनाज का संकट?

जुलाई के महीने में रूस-यूक्रेन युद्ध ने अचानक से करवट ली थी. दोनों देशों के बीच ब्लैक सी ग्रेन डील पर सहमति बनी थी जिसके बाद जंग के कारण यूक्रेन के बंदरगाहों में ब्लॉक हो रखे 25 मिलियन टन गेहूं और दूसरे अनाज का एक्सपोर्ट शुरू हुआ. रूस ने 120 दिनों तक यूक्रेन के बंदरगाहों पर हमला न करने की सहमति बनाते हुए डील साइन की थी. मगर तीन महीने बाद रूस ने इस डील से अपने हाथ बाहर खींच लिए हैं और इसे सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही यूक्रेन से दूसरे देशों तक पहुंच रहे अनाज का एक्सपोर्ट एक मर्तबा फिर ठप हो गया है.

रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगाया है कि उसके काला सागर बेड़े के जहाजों पर ड्रोन हमले से किए इसलिए वो डील के सस्पेंसन को लेकर आगे बढ़ा है. हालांकि यूक्रेन ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया है. वहीं अमेरिका फिर से पहले की स्थिति बहाल करने की कोशिश में लगा है लेकिन जानकार अमेरिका के प्रयास को वयर्थ बता रहे हैं. तो डील से पीछे हटने की जो दलील रूस दे रहा है क्या वही एकमात्र कारण है या तस्वीर कुछ और इसके बाद अनाज का संकट पूरी दुनिया में होने वाला है?

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डिजिटल रुपया और डिजिटल करेंसी में क्या अंतर है? 

भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर के महीने में बताया था कि वो जल्द ही खास उपयोग के लिए डिजिटल रुपया का पायलट लॉन्च शुरू करेगा. अब आज से इसकी शुरुआत होने वाली है. भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाने और धन शोधन को रोकने में मदद मिलेगी. पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी का मकसद डिजिटल रुपये के मौजूदा स्ट्रक्चर को बदलने के बजाय उसे डिजिटल करेंसी का पूरक बनाना है ताकि उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प मिल सके. तो कुछ मिला कर बात ये है कि डिजिट रुपया को डिजिटल करेंसी का अगला रूप कहा जा रहा है लेकिन इनमें फ़र्क़ क्या है? 

1 नवंबर 2022 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें.

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