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किसान आंदोलन: पंचकूला में प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स उखाड़े, लखनऊ में पुलिस ने रोका

खेती से जुड़े कानून के खिलाफ पिछले साल शुरू हुए किसान आंदोलन को आज 7 महीने पूरे हो गए. इसी मौके पर किसानों ने देशभर में आज फिर बड़ा प्रदर्शन बुलाया है.

किसानों की मांग है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा किसानों की मांग है कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा
  • किसानों का आज फिर बड़ा प्रदर्शन
  • किसान आंदोलन को आज 7 महीने पूरे

से जुड़े कानून के खिलाफ पिछले साल शुरू हुए किसान आंदोलन को आज 7 महीने पूरे हो गए. इसी मौके पर किसानों ने देशभर में आज फिर बड़ा प्रदर्शन बुलाया है. देशभर में किसान राज्यों के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंप रहे हैं. इस दौरान कई जगहों से झड़प की खबरें भी आ रही हैं. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की अफवाह भी उड़ी. 

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पंचकूला में किसानों ने बैरिकेड्स उखाड़े
हरियाणा के पंचकूला में किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई. चंडीगढ़ में हरियाणा के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए हजारों किसान पंचकूला से निकले थे. रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा रखे थे. गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स उखाड़ फेंके और आगे बढ़ गए. सिर्फ बैरिकेडिंग ही नहीं, किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने सीमेंट की बीम भी लगाई थी. 

लखनऊ में पुलिस ने रोक दिया
लखनऊ में भी किसान संगठन जब राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने निकले तो पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर बापू भवन से पहले ही उन्हें रोक दिया. हालांकि, बाद में आधा दर्जन से ज्यादा किसान नेता राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपकर आए. किसानों ने बताया कि जब तक काले कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक हर 26 तारीख को ऐसे ही प्रदर्शन किया जाएगा.

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दिल्ली में एलजी से नहीं हुई मीटिंग
दिल्ली के एलजी अनिल बैजल से मिलने सुबह 6 किसान नेता पहुंचे थे, लेकिन अभी तक उनकी एलजी से मीटिंग नहीं हुई है. राकेश टिकैत का कहना है कि किसान नेता उनसे मिलने गए थे, लेकिन अभी उनकी मीटिंग नहीं हुई है. उन्हें अलग-थलग बैठा दिया गया है. उनका कहना है कि अधिकारी बात कराते हैं कि नहीं, देखते हैं. टिकैत ने ये भी कहा कि मीटिंग के बाद ही तय करेंगे कि आगे क्या करना है.

राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की अफवाह उड़ी
राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की खबरें सोशल मीडिया पर चलने लगी थी. कई लोग उनकी गिरफ्तारी का दावा कर रहे थे. हालांकि, खुद राकेश टिकैत और दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी को महज अफवाह बताया है. राकेश टिकैत ने ट्वीट कर भी अपनी गिरफ्तारी की खबरों को भ्रामक बताया है. इसके अलावा उन्होंने न्यूज एजेंसी से बातचीत में भी कहा कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है. पुलिस युधवीर सिंह नाम के शख्स को लेकर गई है और नाम को लेकर कुछ कन्फ्यूजन हो गया.

वहीं, दिल्ली पुलिस की ओर से भी ट्वीट कर इसे फेक न्यूज बताया गया. दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की खबर झूठी है. पुलिस ने लिखा है कि उन्हें शक है ऐसी गलत खबरें सोशल मीडिया पर उड़ाकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है.

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राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की खबर किसान एकता मोर्चा के ट्विटर अकाउंट से बताई गई थी. हालांकि, 5 मिनट बाद ही इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया. किसान एकता मोर्चा ने अब सफाई दी है कि किसी न्यूज चैनल पर उनकी गिरफ्तारी की खबर चली थी. 

आज फिर किसानों का बड़ा प्रदर्शन
कृषि आंदोलन को लेकर किसानों ने आज फिर बड़ा प्रदर्शन बुलाया है. इस दौरान देश के सभी राज्यों के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल को किसान ज्ञापन सौंप रहे हैं. ज्ञापन सौंपकर किसान कह रहे हैं कि अगर कानून वापस नहीं लिए गए तो जो आंदोलन 7 महीनों से चल रहा है, वो अगले 7 साल तक भी चलता रहेगा. दिल्ली में भी 6 किसान नेताओं ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को ज्ञापन सौंपा. किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "सीधी-सीधी बात है- हम सत्याग्रही अन्नदाता के साथ हैं."

किसान आंदोलन को आज 7 महीने पूरे
पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने खेती से जुड़े तीन कानून लागू किए थे. इन्हीं तीन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं.

 

आज किसान आंदोलन को 7 महीने पूरे हो गए हैं. किसान और सरकार के बीच 11 बार बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई सहमति नहीं बनी. किसान चाहते हैं कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करे और MSP पर गारंटी का कानून लेकर आए. लेकिन सरकार का कहना है कि वो कानूनों को वापस नहीं ले सकती. अगर किसान चाहते हैं, तो उनके हिसाब से इसमें संशोधन किए जा सकते हैं.

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