
पश्चिम बंगाल में बोगटुई नरसंहार के मामले के मुख्य आरोपी लालन शेख की सीबीआई कस्टडी में हुई मौत ने राज्य की सियासत में उबाल ला दिया है. इस समय टीएमसी, बीजेपी पर हमलावर है. सबसे ज्यादा निशाने पर शुभेंदु अधिकारी को लिया जा रहा है. टीएमसी नेता कुणाल घोष ने तो अधिकारी की गिरफ्तारी तक की मांग उठा दी है. ये मांग इसलिए उठ रही है क्योंकि एक रैली के दौरान शुभेंदु ने कुछ ऐसी भविष्यवाणी की थी जो अब विवाद का विषय बन गई है.
असल में सोमवार को एक रैली में शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि बंगाल की राजनीति में तीन तारीख काफी मायने रखने वाली हैं. एक बड़े धोखेबाज को जेल की सलाखों के पीछे किया जाएगा. 12, 14 और 21 दिसंबर अहम साबित होंगे. फिर हजरा में एक दूसरी रैली में शुभेंदु ने यहां तक कह दिया कि अगले साल 13 जनवरी को एक बड़े धोखेबाज को गिरफ्तार किया जाएगा. अब इस तरह की भविष्यवाणी के बीच ही बोगटुई नरसंहार के मामले के मुख्य आरोपी लालन शेख की सीबीआई कस्टडी में मौत का मामला सामने आ गया. इसी वजह से टीएमसी नेता कुणाल घोष ने उनकी गिरफ्तारी की मांग कर दी.
उन्होंने कहा कि शुभेंदु को कैसे पता था कि 12 दिसंबर को कुछ बड़ा होने वाला है. अगर उनका कहने का मतलब ये था कि 12 दिसंबर को लालन सिंह का शव सीबीआई कस्टडी में लटकता मिलेगा, तो फिर उनसे तो पूछताछ होनी ही चाहिए. उनकी गिरफ्तारी जरूरी है. इस मामले की बात करें तो टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी. कथित तौर पर बोगटुई क्षेत्र में बम से उन पर हमला किया गया था. जांच के बाद लालन सिंह नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया. उससे पूछताछ भी जारी थी, लेकिन अब उसकी मौत की खबर ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.