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20 साल बाद हरिद्वार में मिली बोकारो से लापता हुई बेटी, पुलिस और सोशल मीडिया ने किया चमत्कार

20 साल पहले झारखंड के बोकारो से लापता हुई शोभा देवी अब जाकर हरिद्वार में मिली हैं और उनका 10 साल का बेटा भी है. परिवार ने एक यूट्यूबर के वीडियो में उन्हें देखा और जिसके बाद उन्हें खोज निकाला गया.

20 साल बाद हरिद्वार में मिली बोकारो की बेटी 20 साल बाद हरिद्वार में मिली बोकारो की बेटी
संजय कुमार
  • बोकारो,
  • 04 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:09 AM IST

झारखंड के बोकारो जिला के कथारा ओपी क्षेत्र की बांध कॉलोनी निवासी सीसीएल कर्मी लालकी देवी की बेटी शोभा देवी 20 साल बाद हरिद्वार में मिली. 2 जनवरी को जब शोभा अपने घर लौटी, तो पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. लालकी देवी ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, 'बेटी को जीवित और सुरक्षित देखकर दिल को जो सुकून मिला है, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है. यह किसी चमत्कार से कम नहीं.' 

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शोभा देवी ने लापता रहने के दौरान शादी की थी और उनका 10 साल का बेटा भी है. हालांकि उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया है.

20 साल पहले हुई था लापता

करीब दो दशक पहले शोभा देवी रोजगार की तलाश में अपनी मां के साथ दिल्ली गई थीं. वहां मानसिक अस्थिरता के कारण वह अचानक लापता हो गईं. परिवार ने महीनों तक उनकी तलाश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. आखिरकार, परिवार ने उम्मीद छोड़ दी.

वायरल वीडियो बना सहारा

अब बीते 28 दिसंबर 2024 को सोशल मीडिया पर हरिद्वार के मुख्य घाट का एक वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में शोभा देवी को पहचानने के बाद उनके परिवार ने कथारा ओपी प्रभारी राजेश कुमार प्रजापति से संपर्क किया. प्रजापति ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आईटी और तकनीकी सेल की मदद से वीडियो बनाने वाले यूट्यूबर का पता लगाया. उनके निर्देश पर शोभा के चचेरे भाई दीपक राणा, चाचा कुलदीप कुमार और विजय कुमार हरिद्वार के लिए रवाना हुए.

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हरिद्वार में पुनर्मिलन

1 जनवरी की सुबह, वीडियो फुटेज के आधार पर परिवार ने मुख्य घाट के पास एक झोपड़ी में शोभा देवी और उनके बेटे को ढूंढ निकाला. परिवार ने उन्हें गले लगाकर 20 साल के दर्द और बिछड़ने की पीड़ा को पीछे छोड़ दिया. इस घटना ने पुलिस की मानवीय छवि को उजागर किया. दीपक राणा ने बताया, विशेष रूप से बोकारो एसपी और राजेश कुमार प्रजापति की तत्परता ने हमारे परिवार को दोबारा एकजुट किया.

शोभा देवी की घर वापसी से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा गांव खुशी मना रहा है. ग्रामीणों ने पुलिस के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का उदाहरण बताया.

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