Advertisement

मुंबई: महेश भट्ट की हत्या की साजिश रचने के आरोपी को HC से जमानत, लेकिन रहना होगा जेल में ही

फिल्ममेकर महेश भट्ट की हत्या की कथित साजिश रचने वाले रवि पुजारी के एक सहयोगी को बॉम्बे हाइ कोर्ट ने जमानत दे दी है. उसे 2014 के इस मामले में राहत मिली है. लेकिन इसके बावजूद वह जेल से बाहर नहीं निकल पाएगा. इसकी वजह उस पर एक और फिल्ममेकर करीम मोरानी पर गोली चलाने का मामला चलते रहना है.

फिल्ममेकर महेश भट्ट (फाइल फोटो) फिल्ममेकर महेश भट्ट (फाइल फोटो)
विद्या
  • मुंबई,
  • 11 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST
  • 2014 का है हत्या की साजिश का मामला
  • अमेरिका से प्रत्यर्पित कर लाया गया भारत

साल 2014 में फिल्ममेकर महेश भट्ट की हत्या के लिए एक बड़ी साजिश रची गई थी. इस मामले में मुख्य आरोपी रवि पुजारी के सहयोगी ओबेद रेडियोवाला को बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को जमानत दे दी. लेकिन इसके बावजूद रेडियोवाला जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. इसकी वजह हाई कोर्ट का उसे करीम मोरानी नाम के एक फिल्मकार पर गोली चलाने के मामले में बेल नहीं देना है.

Advertisement

रेडियोवाला की तरफ से कोर्ट में पेश हुई वकील नाज़नीन खत्री ने कहा कि महेश भट्ट के मामले में उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई प्रारंभिक सबूत नहीं है. वहीं सह-आरोपी के आरोप स्वीकार करने की वजह से ये मामला बनता ही नहीं है.

जस्टिस भारती डेंगरे ने मामले की सुनवाई के समय इस बात पर भी गौर किया कि रेडियोवाला पर मामले में सह-आरोपी से 3.5 लाख रुपये उधार लेने का आरोप है. लेकिन इसे संदिग्ध तरीके से नहीं देखा जा सकता, क्योंकि सह-आरोपी और रेडियोवाला दोनों भाई हैं. वहीं रेडियोवाला की वकील खत्री ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल ने ये राशि अपनी मां की देखभाल के लिए उधार ली थी.

इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 2014 में केस दर्ज किया था. पुलिस ने इसमें 14 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें से 12 की सुनवाई मकोका कानून के तहत हुई. रेडियोवाला और अन्य आरोपी सरवण इंदर सिंह उस समय वांछित आरोपी थे. मकोका की स्पेशल कोर्ट के जज ने मामले में 25 अप्रैल 2018 को फैसला सुनाया और 11 लोगों को अपराधी करार दिया. रेडियोवाला को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया और 3 अप्रैल 2019 को कोर्ट में पेश किया गया. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement