
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के एक जज ने आत्म सम्मान का हवाला देते हुए शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया. दिलचस्प बात यह रही कि जस्टिस रोहित देव ने ओपन कोर्ट में इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि वह अपने आत्म सम्मान के खिलाफ जाकर काम नहीं कर सकते.
जस्टिस देव ने कोर्ट में मौजूद वकीलों के समक्ष कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए खेद हो रहा है कि मैंने इस्तीफा दे दिया है. मैं अपने आत्म सम्मान के खिलाफ काम नहीं कर सकता. आप लोग कड़ी मेहनत करते हैं. हालांकि, जस्टिस देव ने इस्तीफे के फैसले का कारण नहीं बताया. उन्होंने वकीलों से कई मौकों पर उनके साथ सख्ती बरतने के लिए माफी मांगी.
उन्होंने कहा कि जो भी लोग कोर्ट में मौजूद हैं, मैं उन सभी से माफी मांगता हूं. मैंने आपको फटकारा क्योंकि मैं आपमें सुधार चाहता हूं. मैं आपमें से किसी को भी आहत नहीं करना चाहता क्योंकि आप सभी मेरे परिवार की तरह है. जज के इस फैसले से कोर्ट में मौजूद सभी वकील स्तब्ध रह गए.
बता दें कि जस्टिस देव को जून 2017 में बॉम्ब हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. वह दिसंबर 2025 में सेवानिवृत्त होने जा रहे थे.
जस्टिस देव के चर्चित फैसले
जस्टिस देव ने अपने करियर में कई चर्चित फैसले सुना, जिनमें नक्सलियों से संबंध मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा को बरी करना शामिल रहा. उन्होंने प्रोफेसर साईंबाबा की आजीवन कैद की सजा को रद्द करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ यह मामला अवैध था.