
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई इसलिए स्थगित कर दी क्योंकि वकील ने कोट नहीं पहना था. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ड्रेस कोड का पालन नहीं करने की वजह से आपत्ति जताई.
जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस एसजी डिगे की पीठ ने यह कहकर सुनवाई स्थगित कर दी कि याचिकाकर्ता के वकील ने उचित ड्रेस कोड का पालन नहीं किया. दरअसल वकील ने सुनवाई के दौरान गाउन और एडवोकेट बैंड पहना था लेकिन कोट नहीं पहना हुआ था. इस वजह से अदालत ने कोट नहीं पहनने के कारण मामले की सुनवाई स्थगित कर दी.
एडवोकेट्स एक्ट की धारा 49(1) (जीजी) के तहत बार काउंसिल ऑफ इंडिया कोर्ट या किसी ट्रिब्यूनल के समक्ष सुनवाई के लिए वकीलों की पोशाक को लेकर नियम तय करता है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 24 अगस्त 2001 को सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, अधीनस्थ अदालतों और ट्रिब्यूनल के समक्ष सुनवाई के दौरान पुरुष और महिला वकीलों के लिए ड्रेस कोस तय किए थे.
क्या है ड्रेस कोड?
पुरुष वकीलों के लिए काले रंग के बटन वाला कोट, अचकन, काली शेरवानी और सफेद बैंड और गाउन तय किए गए हैं. इसके साथ ही काले रंग के खुले ब्रेस्ट कोट, सफेद कमीज, सफेद कॉलर और गाउन भी पहने जा सकते हैं.
वहीं, महिला वकीलों के लिए काले रंग की पूरी बाजू की जैकेट या ब्लाउज, सफेद कॉलर, सफेद बैंड और गाउन ड्रेस कोड का हिस्सा हैं. इसके साथ सफेद ब्लाउज, सफेद बैंड और काले रंग के ओपन ब्रेस्ट कोट भी पहने जा सकते हैं.