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'2 हफ्ते में जांच पूरी की जाए', बदलापुर एनकाउंटर केस में CID को बॉम्बे HC की फटकार

बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच ने कहा, "हमारी कोशिश सच्चाई का पता लगाना है. हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि हर मैटेरियल इकट्ठा किया जाए और मजिस्ट्रेट के सामने रखा जाए, जांच सही तरीके से आगे बढ़े. हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं."

बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल फोटो) बॉम्बे हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
विद्या
  • मुंबई,
  • 19 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:40 AM IST

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत की जांच कर रहे मजिस्ट्रेट को मामले से जुड़े मैटेरियल उपलब्ध नहीं कराने के लिए सोमवार को अपराध जांच विभाग (CID) की खिंचाई की. शिंदे को एक पुलिसकर्मी ने गोली मार दी थी, क्योंकि वह कथित तौर पर हिंसक हो गया था और 23 सितंबर को ठाणे जिले के मुंब्रा बाईपास के पास एक पुलिस अधिकारी पर हमला कर दिया था.

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पुलिस के मुताबिक, घटना के वक्त शिंदे की हथकड़ी हटा दी गई थी क्योंकि उसने पानी मांगा था, जो उसे वैन के अंदर एक बोतल में दिया गया था.

'एनकाउंट के लिए पसंदीदा जगह'

सोमवार को सुनवाई के दौरान शिंदे के माता-पिता की ओर से पेश हुए वकील अमित कटरनवारे ने बताया कि जिस जगह पर आरोपी को गोली मारी गई, वह कथित तौर पर एनकाउंटर के लिए पसंदीदा जगह है. कटरनवारे ने आरोप लगाया, "यह एनकाउंटर के लिए पसंदीदा जगह है. यह 2 किलोमीटर के दायरे में है और एक सुनसान जगह है. यहां तीन एनकाउंटर हो चुके हैं."

इस बीच, महाधिवक्ता डॉ. बीरेंद्र सराफ ने एक डॉक्यूमेंट पेश किया, जिसमें मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट अदालत को सौंपने के लिए चार हफ्ते का वक्त मांगा गया. बेंच ने उन सभी साक्ष्यों को देखने का फैसला किया, जिन्हें अब तक CID ​​ने इकड्ढा किया है और जांच करने के लिए मजिस्ट्रेट को सौंप दिया है. कानून के तहत हिरासत में हुई मौतों के मामलों में मजिस्ट्रेट जांच जरूरी है.

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'हमारी कोशिश सच्चाई...'

बेंच ने कहा, "हमारी कोशिश सच्चाई का पता लगाना है. हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि हर मैटेरियल इकट्ठा किया जाए और मजिस्ट्रेट के सामने रखा जाए, जांच सही तरीके से आगे बढ़े. हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं."

कोर्ट ने मृतक अक्षय शिंदे के हाथों पर गोली के निशान न होने और उसे दी गई पानी की बोतल पर उंगलियों के निशान न होने पर सवाल उठाया और कहा कि यह "असामान्य" है.

कोर्ट ने अलग-अलग मेडिकल रिपोर्ट भी देखीं, एक नागरिक की और दूसरी एक निजी अस्पताल की, जहां फायर आर्म की चोट से घायल पुलिसकर्मी को भर्ती कराया गया था. पुलिसकर्मी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और वह फिलहाल अपने घर पर है.

यह भी पढ़ें: 'बदलापुर कांड' के बाद अब नवी मुंबई में सनसनीखेज वारदात, ठाणे में मासूम बच्चियों का शारीरिक शोषण जारी

'इसके लिए किसी एक्सपर्ट की जरूरत नहीं...'

बेंच ने कहा, "जांच किस तरह से की जा रही है, यह देखने और कहने के लिए किसी एक्सपर्ट की जरूरत नहीं है." साथ ही बेंच ने CID ​​को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मामले की जांच दो हफ्ते में पूरी हो जाए और सभी प्रासंगिक मैटेरियल मजिस्ट्रेट को सौंपे जाएं. 

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कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को तय की है. शिंदे को अगस्त में ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. कथित तौर पर उसके खिलाफ दर्ज एक नए मामले की जांच के लिए उसे जेल से पुलिस स्टेशन भेजा जा रहा था और इसी दौरान एनकाउंटर का मामला सामने आया था.

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