
Border Disputes in States: असम और मेघालय के बीच 50 साल से जारी सीमा विवाद अब काफी हद तक सुलझा लिया गया है. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए. हालांकि, दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पूरी तरह नहीं सुलझा है, लेकिन अमित शाह ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही पूरा विवाद भी सुलझा लिया जाएगा.
असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद को लेकर थोड़ी सुलह तो हो गई है, लेकिन अब भी कई राज्य ऐसे हैं जिनके बीच सीमाओं को लेकर विवाद जारी है. पिछले साल दिसंबर में गृह मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि देश में कुल 8 ऐसे मामले हैं, जहां पर सीमाओं और जमीन पर दावों की वजह से राज्यों में विवाद है.
गृह मंत्रालय के अनुसार जिन राज्यों में विवाद है, उनमें आंध्र-ओडिशा, हरियाणा-हिमाचल, लद्दाख-हिमाचल, महाराष्ट्र-कर्नाटक, असम-अरुणाचल, असम-नागालैंड, असम-मेघालय और असम-मिजोरम शामिल हैं.
राज्यों के बीच किस बात को लेकर सीमा विवाद?
1. आंध्र प्रदेश-ओडिशा
दोनों राज्यों के बीच कोटिया ग्राम पंचायत को लेकर विवाद है. इस पंचायत में कुल 28 गांव है. ओडिशा सरकार दावा करती है कि यहां के तीन गांव उसके अधिकार क्षेत्र में हैं, जबकि आंध्र सरकार का कहना है कि वो तीन गांव विजयनगर जिले के सालुर मंडल में स्थित है. ओडिशा सरकार अक्सर आंध्र की सरकार पर आरोप लगाती है कि वो गांवों के कोटिया समुदाय के लोगों को अतिरिक्त राशन और दूसरे लाभ देकर लालच देती है.
2. हरियाणा-हिमाचल प्रदेश
हरियाणा और हिमाचल के बीच परवाणू को लेकर सीमा विवाद है. परवाणू हरियाणा के पंचकूला जिले में पड़ता है. सर्वे ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि हिमाचल ने परवाणू के कुछ हिस्से को अपने नियंत्रण में ले लिया है. इसे लेकर दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद चल रहा है.
3. लद्दाख-हिमाचल प्रदेश
लेह-मनाली स्टेट हाईवे पर स्थित सरचू को लेकर लद्दाख और हिमाचल के बीच सीमा विवाद है. ये जगह हिमाचल के लौह-स्पिति और लद्दाख के लेह जिले के बीच स्थित है. ये विवाद 2014 में तब शुरू हुआ, जब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यहां एक चौकी बना ली. हिमाचल का दावा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जो चौकी बनाई थी, वो हिमाचल की सीमा के 14 किमी अंदर थी. ये विवाद अब तक सुलझा नहीं है.
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4. महाराष्ट्र-कर्नाटक
महाराष्ट्र, कर्नाटक के सीमा से सटे 7 हजार वर्ग किमी के हिस्से पर अपना दावा करता है. जिन इलाकों पर महाराष्ट्र दावा करता है, उनमें बेलगाम, उत्तर कन्नड़, बीदर और गुलबर्ग जिले के 814 गांव और बेलगावी, निप्पणी और कारावार के शहर शामिल हैं. ये वो इलाके हैं जहां मराठी बोलने वालों की आबादी ज्यादा है. महाराष्ट्र का कहना है कि यहां मराठी बोलने वाले ज्यादा है, इसलिए इनका विलय महाराष्ट्र में कर दिया जाएगा. पिछले साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि जब तक इन इलाकों का विवाद सुप्रीम कोर्ट से नहीं हो जाता, तब तक इन्हें केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर देना चाहिए.
5. असम-अरुणाचल प्रदेश
असम और अरुणाचल के बीच 804 किमी लंबी सीमा है. अरुणाचल दावा करता है कि जब उत्तर-पूर्वी राज्यों का पुनर्गठन किया गया था, तब कई वन क्षेत्र असम में शामिल हो गए थे. इस विवाद पर एक समिति का गठन हुआ था, जिसने असम के कुछ हिस्सों को अरुणाचल में मिलाने की सिफारिश की थी. इसके विरोध में असम सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई. ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है.
6. असम-नागालैंड
असम दावा करता है कि नागालैंड ने उसकी सीमाओं पर अवैध अतिक्रमण किया हुआ है. नागालैंड के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए असम ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया है, जो अभी पेंडिंग है. असम की मांग है कि जिन इलाकों पर नागालैंड ने अतिक्रमण करके रखा है, उसका असली मालिक असम को घोषित किया जाए.
7. असम-मेघालय
असम और मेघालय के बीच 1972 से ही 12 जगहों को लेकर विवाद चल रहा है. 12 विवादित जगहों में से 6 का विवाद सुलझा लिया गया है. लेकिन अब भी 6 जगहों पर नियंत्रण को लेकर विवाद बना हुआ है.
8. असम-मिजोरम
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद भी दशकों पुराना है. पहले मिजोरम को लुशाई हिल्स कहा जाता था. 1972 में मिजोरम को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. 1987 में इसे पूर्ण राज्य बना दिया गया. असम और मिजोरम के बीच करीब 165 किमी लंबी सीमा है जो असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज को और मिजोरम के कोलासिब, ममित और आइजोल जिलों को छूती है.
दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद अंग्रेजों की देन है. अंग्रेजों ने 1875 में एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें लुशाई हिल्स को कछार के मैदानों से अलग कर दिया गया. इसके बाद 1933 में भी एक अधिसूचना जारी की जिसमें लुशाई हिल्स और मणिपुर के बीच सीमांकन किया गया था. इसमें तय किया कि मणिपुर की सीमा लुशाई हिल्स, असम के कछार जिले और मणिपुर के ट्राई-जंक्शन से शुरू होती है. मिजोरम 1875 तो असम 1933 की अधिसूचना को मानता है.