Advertisement

IAF's BrahMos Test: सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस के नए अवतार की सफल टेस्टिंग, घातक स्पीड से किया टारगेट का खात्मा

भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने 28 दिसंबर 2022 को ब्रह्मोस एक्सेटेंडेड एयर वर्जन का सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट से सफल परीक्षण किया है. मिसाइल ने घातक स्पीड के साथ टारगेट को खत्म कर दिया. जानिए इस मिसाइल की ताकत, रेंज और मारक क्षमता.

सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट से दागी जाती BrahMos एक्सटेंडेड एयर वर्जन मिसाइल. (फाइल फोटोः IAF) सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट से दागी जाती BrahMos एक्सटेंडेड एयर वर्जन मिसाइल. (फाइल फोटोः IAF)
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:43 PM IST

भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने ब्रह्मोस एक्सटेंडेड एयर वर्जन का सुखोई-30 एमकेआई से सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह मिसाइल एंटी-शिप वैरिएंट थी. यानी सुखोई से इस मिसाइल को दाग कर दुश्मन के जंगी जहाजों को डुबोया जा सकता है. परीक्षण के दौरान मिसाइल ने टारगेट शिप को ध्वस्त कर दिया. इस मिसाइल की रेंज 400 किलोमीटर है. 

इस टेस्टिंग के साथ ही भारतीय वायुसेना ने सुखोई फाइटर जेट से जमीन या समुद्र में लंबी दूरी के टारगेट्स पर निशाना लगाने की मारक क्षमता हासिल कर ली है. प्रेसिसन स्ट्राइक करने की क्षमता बढ़ गई है. परीक्षण में भारतीय वायुसेना के साथ DRDO, भारतीय नौसेना, बीएपीएल और HAL शामिल थे. ब्रह्मोस के इस वर्जन से सुखोई की मारक क्षमता बढ़ गई है.  

Advertisement

यानी फाइटर जेट के जरिए समुद्र में 400 किलोमीटर दूर मौजूद दुश्मन के जंगी जहाज को नष्ट किया जा सकता है. यानी हमारे फाइटर जेट हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को इतनी दूर से ही ध्वस्त कर सकते हैं. कुछ महीने पहले भी इसी फाइटर जेट से Indian Navy के डिकमीशन्ड जहाज पर ब्रह्मोस मिसाइल से लाइव फायर किया गया था. मिसाइल ने जहाज में एक बड़ा गड्ढा कर दिया था. 

भारत सरकार अपनी टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज बढ़ा रही है. भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात हैं. पिछले साल 8 दिसंबर 2021 वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया गया. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है. इसमें रैमजेट इंजन (Ramjet Engine) तकनीक का उपयोग किया गया है. ताकि इसकी गति और सटीकता और ज्यादा घातक हो जाए. 

Advertisement

भारतीय वायुसेना के सुखोई-30MKI फाइटर जेट्स में भी ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं. इसकी रेंज 500 किलोमीटर है. भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है. इसके अलावा पनडुब्बियों में लगाने के लिए ब्रह्मोस के नए वैरिएंट का निर्माण जारी है. अगले साल तक इन फाइटर जेट्स में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करने की तैयारी पूरी होने की संभावना है.  

ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही मार्ग बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकता है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार को धोखा देना इसे बखूबी आता है. सिर्फ राडार ही नहीं यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है.  इसको मार गिराना लगभगल अंसभव है.  

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement