
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मंगलवार को आमने-सामने आएंगे, ठीक एक हफ्ते पहले दोनों की मुलाकात एससीओ शिखर सम्मेलन में हुई थी. यह दूसरी बार है, जब लद्दाख में चीन के साथ लंबे समय तक गतिरोध के बीच पीएम मोदी और शी जिनपिंग एक ही वर्चुअल बैठक में शामिल होंगे.
पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को ब्रिक्स समूह के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे जो आतंकवाद, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा और कोरोनो वायरस महामारी के प्रभाव को दूर करने के तरीकों पर सहयोग करने के लिए केंद्रित होगा. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) समूह के 12वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन ऐसे समय है जब भारत और चीन के बीच छह महीने से अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध चल रहा है. एससीओ शिखर सम्मेलन में 10 नवंबर को गतिरोध के बीच पहली बार पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी और ब्रिक्स बैठक में दोनों दूसरी बार आमने सामने होंगे.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 नवंबर को 'वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और नए विकास' विषय के तहत रूस द्वारा आयोजित 12वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. ब्रिक्स को एक प्रभावशाली ब्लॉक के रूप में जाना जाता है जो 3.6 बिलियन से अधिक दुनिया की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि नेता वैश्विक संदर्भ में इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग और प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिसमें बहुपक्षीय प्रणाली का सुधार, चल रहे कोविड-19 महामारी के प्रभाव को कम करने के उपाय, आतंकवाद-निरोध, व्यापार, स्वास्थ्य में सहयोग शामिल हैं.