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'मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार, लेकिन पहलवानों का भी हो...', विवादों के बीच बृजभूषण सिंह ने रखी शर्त

WFI के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. बृजभूषण शरण सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कहा कि 'मैं अपना नार्को टेस्ट, पॉलिग्राफी टेस्ट के लिए तैयार हूं. उन्होंने मांग रखी है कि विनेश और बजरंग पूनिया का भी नार्को टेस्ट होना चाहिए. भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह ने इसके पहले भी अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया था.

WFI के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह (फाइल फोटो) WFI के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह (फाइल फोटो)
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2023,
  • अपडेटेड 11:05 PM IST

पहलवानों और WFI व इसके चीफ बृजभूषण शरण सिंह के बीच जनवरी 2023 से रार जारी है. इसके बाद बीते अप्रैल में पहलवान खुलकर WFI चीफ के विरोध में आ गए और यौन शोषण का आरोप लगाया था. दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के दखल पर बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. उधर पहलवानों का फैसला है कि जिस दिन नई संसद का उद्घाटन होगा, पहलवान उसी दिन संसद के बाहर महिला महापंचायत आयोजित करेंगे. इस बारे में महम में आयोजित खाप पंचायत में ये फैसला लिया गया है. दूसरी ओर, WFI के पूर्व अध्यक्ष ने नार्को टेस्ट को लेकर प्रतिक्रिया दी है. 
 
बृजभूषण ने फेसबुक पोस्ट पर की ये मांग
विवाद के बीच WFI के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. बृजभूषण शरण सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कहा कि 'मैं अपना नार्को टेस्ट, पॉलिग्राफी टेस्ट या लाइ डिटेक्टर करवाने के लिये तैयार हूं, लेकिन मेरी शर्त है मेरे साथ विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का भी ये टेस्ट होने चाहिए. अगर दोनों पहलवान अपना  टेस्ट करवाने के लिये तैयार हैं तो प्रेस बुलाकर घोषणा करें और मैं उनको वचन देता हूं कि मैं भी इसके लिये तैयार हूं. मैं आज भी अपनी बात पर कायम हूं और हमेशा कायम रहने का देशवासियों को वादा करता हूं. रघुकुल रीती सदा चली आयी, प्राण जाये पर वचन न जाई... जयश्रीराम.'

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अपनी बात पर आज भी हूं कायम- बृजभूषण शरण सिंह
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह ने इसके पहले भी अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया था. लखनऊ में बोलते हुए बृजभूषण सिंह ने कहा था कि अगर आरोप साबित होते हैं तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा. हम दिल्ली से लेकर हरियाणा तक घिरने वाले नहीं हैं. जो भी लोग साजिश कर रहे हैं, मुंह के बल गिर चुके हैं. उन्होंने कहा कि सारे आरोप 'गुड टच और बैड टच' के हैं और सारे आरोप किसी बंद कमरे के नहीं बल्कि एक बड़े हॉल के अंदर टच करने के हैं. चीजे कोर्ट में हैं और विचाराधीन हैं, इसलिए मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा. जो भी आरोप लगे हैं, वो कहां हुए, क्या हुआ, कैसे हुआ और कब हुआ, इनमें एक भी प्रकरण मेरे ऊपर साबित हो जाएगा तो बिना कहे फांसी पर लटक जाऊंगा. मैं अपनी बात पर आज भी कायम हूं.

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धरने को खाप पंचायत का मिला है समर्थन
दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के दखल पर बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों के धारा 164 के तहत बयान दर्ज किए जा चुके हैं. बृजभूषण से भी दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की थी. पहलवान बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. पहलवानों के धरने को किसानों और खाप का भी समर्थन मिला हुआ है. इसी के तहत रविवार को हरियाणा के महम में एक खाप पंचायत आयोजित की गई. 

23 मई को पहलवान निकालेंगे कैंडल मार्च
पंचायत में फैसला लिया गया है कि, पहलवान 28 मई को नई संसद के बाहर महिला महापंचायत आयोजित करेंगे. पंचायत के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि जंतर-मंतर पर बृजभूषण सरन सिंह की गिरफ्तारी के खिलाफ पहलवानों के मौजूदा धरने के 1 महीने के अवसर पर 23 मई को इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाला जाए. असल में आने वाली 23 मई पहलवानों के धरने को 1 महीने पूरे हो जाएंगे. 

इससे पहले, दिल्ली के जंतर-मंतर पर 7 मई को भी खाप पंचायत हुई थी जिसमें सरकार को बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था. खाप पंचायत में सरकार को 21 मई तक पहलवानों के मुद्दे पर एक्शन लेने का अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इसके बाद बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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विनेश बोलीं- हमारे बुजुर्ग लेंगे निर्णय 
पहलवान विनेश फोगाट ने कहा है कि हमारे धरने के समर्थन में जितने लोग आ रहे हैं, सभी खाप पंचायत में जाएंगे. उन्होंने आगे की रणनीति को लेकर साफ कहा कि हमारे बड़े-बुजुर्ग निर्णय लेंगे जो बहुत बड़ा हो सकता है. विनेश ने कहा कि हम खिलाड़ियों का तो नुकसान हो ही रहा है, खाप में बड़ा निर्णय हुआ तो किसान आंदोलन की ही तरह देश का नुकसान हो सकता है. इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकालेंगे पहलवान पहलवान 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. 

पॉक्सो में दर्ज मामला, गिरफ्तारी अब तक नहीं
23 मई को धरने के एक महीने पूरे होने पर पहलवानों ने इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकालने का ऐलान किया है. बजरंग पूनिया ने आम नागरिकों से भी शांतिपूर्ण तरीके से निकाले जाने वाले कैंडल मार्च में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि शायद ये देश का पहला ऐसा मामला होगा जिसमें पॉक्सो के तहत केस दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं हो पा रही.

18 जनवरी 2023 को सामने आया था विवाद
18 जनवरी 2023 को कुश्ती महासंघ और पहलवानों का ये विवाद सामने आया था. जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज पहलवान इकट्ठा हुए थे. उस दिन शाम 4 बजे कुश्ती खिलाड़ियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने प्रमुख तौर पर पांच आरोप लगाए हैं. 
1. यौन शोषण 
2. तानाशाही-मनमानी 
3. अपशब्दों का प्रयोग 
4. मानसिक प्रताड़ना 
5. आवाज उठाने पर धमकाने का आरोप 

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आरोपों की कहानी, पहलवानों की जुबानी 
विनेश फोगाट ने महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किए जाने का मुद्दा उठाया था. उनका कहना है कि 'मैं खुद यौन उत्पीड़न के 10-20 केसों के बारे में जानती हूं. उन्होंने कोच और रेफरी पर भी आरोप लगाए.' फोगाट ने आगे कहा- 'जब कोर्ट हमें निर्देश देगा तब हम सभी सबूत पेश करेंगे.

सिर्फ लखनऊ में कैंप, तानाशाही का आरोप: कई कुश्ती खिलाड़ियों का आरोप है कि भारतीय कुश्ती संघ की तानाशाही के आगे उन्हें अपमानित होना पड़ता है, जबकि वह विदेशों तक भारत का परचम लहराते हैं. एक आरोप यह भी है कि 'जबसे अध्यक्ष जी हैं, लखनऊ में ही कैंप क्यों लगता है.' 

आरोप, गाली देते हैं ब्रजभूषण सिंह: पहलवानों का आरोप था कि रेसलर फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने अपशब्दों का प्रयोग किया था और खिलाड़ियों को गाली भी दी गई थी. वो विशेष रूप से खिलाड़ी और राज्य को टारगेट कर रहे हैं. 

मानसिक प्रताड़ना का शिकार हुए खिलाड़ी: विनेश फोगाट ने कहा है कि घायल होने पर कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. नेशनल ना खेलने की बात करते हैं. उन्होंने रोते हुए कहा था कि 'अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का बोला था.' फेडरेशन ने मुझे मेंटली टॉर्चर किया. मैं इसके बाद सुसाइड करने की सोच रही थी. बजरंग पूनिया ने कहा था कि महासंघ द्वारा हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. फेडरेशन द्वारा एक दिन पहले ही नियम बना लिए जाते हैं. सारी भूमिका प्रेसिडेंट निभा रहे हैं. प्रेसिडेंट हमसे गाली-गलौज करते हैं. प्लेयर्स को थप्पड़ मार दिया था. 

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आरोप, शिकायत करने पर खिलाड़ियों को धमकाया गया: विनेश फोगाट ने यह भी कहा था कि 'वे (संघ) हमारे निजी जीवन में भी दखल देते हैं और हमें परेशान करते हैं. वे हमारा शोषण कर रहे हैं. जब हम ओलंपिक में गए थे तो हमारे पास फिजियो या कोच नहीं था. जंतर मंतर के पहलवानों का कहना है कि जब से हमने आवाज उठाई है, हमें धमकाया जा रहा है.' 

विवाद, जो बने थे चर्चा का विषय 
कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच का विवाद सामने दिख रहे आरोपों से थोड़ा अलग भी है. साल 2022 में एक खबर आई थी, जब कुश्ती महासंघ ने निजी और गैर-सरकारी संगठनों को पहलवानों की मदद करने पर रोक लगा दी थी. महासंघ ने कहा था कि उसे गैर सरकारी संस्थानों का हस्तक्षेप नहीं चाहिए और ये संस्थान अब पहलवानों की मदद WFI की अनुमति के बिना नहीं कर सकते हैं. लिहाजा, पहलवानों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे मनपसंद विदेशी कोच, फिज़ियो और विदेशों में ट्रेनिंग मिलनी बंद हो चुकी थी. खिलाड़ियों को प्राइवेट स्पान्सरशिप मिलनी बंद हो गई थी. इस पूरे मामले में विवाद की एक जड़ 'क्रेडिट' की लड़ाई भी बताई जा रही है.

जब विनेश फोगाट पर लगे थे अनुशासन हीनता के आरोप 
इस पूरे मामले को अगस्त 2021 में विनेश फोगाट से जुड़ी हुई एक खबर से भी देख सकते हैं, जब उन पर अनुशासनहीनत के आरोप लगे थे. भारतीय कुश्ती महासंघ ने विनेश फोगाट पर टोक्यो ओलंपिक के दौरान अनुशासनहीनता के आधार पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर रोक लगा दी थी. विनेश टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में हार कर बाहर हो गई थीं. विनेश ने अपने साथी खिलाड़ियों के साथ ठहरने से ही इनकार नहीं किया था, बल्कि टूर्नामेंट के दौरान उनके साथ ट्रेनिंग भी नहीं की थी. इसके साथ ही विनेश ने भारतीय दल के आधिकारिक प्रायोजक के बजाय निजी प्रायोजक के नाम का ‘सिंगलेट’ पहना था, जिससे WFI ने उन्हें निलंबित कर दिया था. 

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कुश्ती महासंघ पर कई तरह की अनियमितता के भी आरोप 
खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि कुश्ती संघ में ऐसे लोग हैं, जिन्हें इस खेल के बारे में नहीं पता है. कुश्ती संघ अध्यक्ष पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप भी है. खिलाड़ियों का आरोप है कि जब भी ट्रायल्स का आयोजन होता है, तो उसका दिन और समय अक्सर उनके हिसाब से तय होता है. नेशनल चैंपियनशिप बुनियादी सुविधाओं की कमी होती है. बृज भूषण शरण सिंह ने एक जूनियर पहलवान को सबके सामने थप्पड़ मार दिया था. टरनेशनल टूर्नामेंट के लिए विदेश जाना हो, तो अंतिम समय तक टिकट और वीज़ा के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी खिलाड़ियों को नहीं दी जाती है. 

आरोपों को नकारते रहे हैं ब्रजभूषण सिंह
पहलवानों के इन आरोपों को ब्रजभूषण सिंह नकारते रहे हैं. उन्होंने जनवरी 2023 में कहा था कि, उनके खिलाफ प्लानिंग करके आरोप लगाए गए हैं. इस दौरान ब्रजभूषण ने एक और बात का इशारा किया था. उन्होंने कहा था कि 'एक भी खिलाड़ी ओलंपिक के बाद नेशनल नहीं लड़ा, ट्रायल के बाद भी फेवर चाहते हैं, ये चाहते हैं इनकी एक कुश्ती हो जाए, वजन तोड़ना पड़ता है. किसी विशेष के लिए कोई नियम नहीं होगा. मैं जांच के लिए तैयार हूं.

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