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कुश्ती खिलाड़ियों के आरोप हुए और पैने, मुश्किल में BJP सांसद बृजभूषण: दिन भर, 19 जनवरी

कुश्ती संघ और पहलवानों के बीच तक़रार किस दिशा में जा रही है, क्या बृजभूषण शरण सिंह का इस्तीफ़ा होगा? जम्मू कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा से क्या गुल खिला पाएगी कांग्रेस और गुपकार गठबंधन की मांगों से राहुल गांधी कितना इत्तेफ़ाक़ रखते हैं? बंगाल में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर RSS की बड़ी रैली का मंतव्य क्या है और विदेश मंत्री एस जयशंकर का श्रीलंका दौरा कितना अहम है, सुनिए आज के 'दिन भर' में कुलदीप मिश्र से.

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कुमार केशव / Kumar Keshav
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  • 19 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST

दिल्ली का जंतर-मंतर कल से ही भारतीय पहलवानों का अखाड़ा बना हुआ है. बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, अंशु मलिक, साक्षी मलिक, रवि दहिया, दीपक पूनिया जैसे कई पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन और इसके चेयरमैन बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला हुआ है. धरना दे रहे पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोचेस पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. साथ ही फेडरेशन के कामकाज पर भी सवाल उठाए हैं.

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आज खेल मंत्रालय ने पहलवानों के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया. शास्त्री भवन में चार पहलवानों ने खेल सचिव और SAI के डीजी के साथ बातचीत की. पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह में हिम्मत है तो सामने आएं और दो मिनट बैठकर बात कर लें. पहलवानों ने बताया कि खेल मंत्रालय के अफसरों ने हमारी मांगों को सुना है और आश्वासन दिया है. हालांकि, अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई. हम मांगें पूरी होने तक धरने पर बैठे रहेंगे. बजरंग पूनिया ने कहा कि आज रेसलिंग का हर सदस्य यहां धरने पर बैठा है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बृजभूषण सिंह विदेश भी भाग सकते हैं. 

कुश्ती के नेशनल कैंप में क्या होता था? 

धरने पर बैठे पहलवानों को पूर्व रेसलर और बीजेपी नेता बबीता फोगाट का भी समर्थन मिला है. वहीं, कुश्ती खिलाड़ी दिव्या काकरान ने बाक़ी पहलवानों के आरोपों का खंडन करते हुए बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन किया है. विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया. कांग्रेस भी पहलवानों के पक्ष में उतर आई है. प्रियंका गांधी ने कहा है कि इन खिलाड़ियों की आवाज सुनी जानी चाहिए और आरोपों की जांच कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए. खिलाड़ियों के आरोपों से घिरे फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि आरोप सच निकले तो वो फांसी पर लटक जाएंगे. उन्होंने प्रोटेस्ट कर रहे रेसलर्स पर भी सवाल उठाए. 

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ख़बर ये भी है कि बृजभूषण शरण सिंह ने आज अनुराग ठाकुर से फोन पर बात की और सफाई भी दी है. लेकिन विवादों में क्यों फंसते रहे हैं वह और इस बार ये मामला कितना गंभीर है, उन पर लगे आरोपों में कितनी स्पष्टता है और क्या बृजभूषण शरण सिंह की विदाई तय है, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.

जम्मू-कश्मीर में धारा 370 पर बोलेंगे राहुल?

7 सितंबर 2022 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी. आज भारत जोड़ो यात्रा का 125वां दिन था और देश के अलग अलग प्रांतों और इलाक़ों को पार करते हुए वो आज अंतिम राज्य में पहुंच गए हैं. उनकी यात्रा आज देर शाम पंजाब के होशियारपुर से निकल कर कठुआ के रास्ते जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर गई. इसी इलाके के लखनपुर में आज रात्रि विश्राम भी है. 

जम्मू कश्मीर में राहुल की यात्रा अभी दस दिन तक चलेगी. 30 जनवरी को इस यात्रा का समापन है. जम्मू कश्मीर में राहुल की सुरक्षा को लेकर एजेंसियों का अलर्ट भी है.यात्रा को महफूज़ रखने का प्लान तैयार किया गया है. दूसरी तरफ़ राजनीतिक मोर्चे पर भी हलचल है. कांग्रेस के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता,पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती सबकी इस यात्रा में शामिल होने के लिए हामी भरी है. पीडीपी नेताओं ने तो ख़ैर यात्रा के स्वागत में होर्डिंग भी लगवाए हैं. हालांकि इन दलों की धारा 370 और राज्य के नए सीट बंटवारे की मांग पर राहुल या पूरी काँग्रेस कैसे रिएक्ट करेगी, ये अभी साफ नहीं है. 

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 पहली बार है जब गांधी परिवार से कोई कश्मीर में है और ग़ुलाम नबी आज़ाद कांग्रेस में नहीं हैं. जम्मू कश्मीर में कुछ ही महीने में चुनाव की संभावना भी जताई जा रही है. ऐसे में इस यात्रा का असर किस तरह से पड़ने जा रहा है, गुपकार गठबंधन की मांगों से राहुल गांधी कितना इत्तेफ़ाक़ रखते हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर क्या इंतेजाम क्या किये गए हैं, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में. 

RSS को क्यों रास आए नेताजी सुभाष?

जम्मू-कश्मीर से सीधे चलते हैं पश्चिम बंगाल, जहाँ आज बड़ी राजनीतिक गहमागहमी रही. ताज़ाताज़ी एक्सटेंशन पाने वाले बीजेपी के नेशनल प्रेसिडेंट जेपी नड्डा आज पश्चिम बंगाल में थे. उन्होंने नादिया में एक रैली को संबोधित किया और ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. जेपी नड्डा के अलावा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी बंगाल में ही हैं. कल वो पांच दिवसीय दौरे पर कोलकाता पहुंचे. इस पांच दिवसीय दौरे में मोहन भागवत कई कार्यक्रम में शामिल होंगे. 20 से 22 जनवरी तक संघ की सांगठनिक बैठक होनी है. फिर 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर कोलकाता के शहीद मीनार में ही वह एक रैली को संबोधित करेंगे. 'नेताजी को लौह प्रणाम' इस रैली का नाम रखा गया है, जिसमें हजारों की संख्या में स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित होंगे. बंगाल में पंचायत चुनाव भी होने हैं, जिसमें बीजेपी जी-जान से जुटी है. संघ के इस लंबे चौड़े कार्यक्रम को क्या पंचायत चुनाव से जोड़कर देखा जाना चाहिए और नेताजी में अपने लिए क्या संभावना तलाश रहा है आरएसएस, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में. 

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विदेश मंत्री का श्रीलंका दौरा कितना अहम?  

विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिन के विदेशी दौरे पर हैं. कल वो मालदीव में थे. वहां राष्ट्रपति मोहमद सोलिह और विदेश मंत्री अब्बदुल शाहिद से मुलाकात की. साथ ही भारत जिन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में इनवॉल्वड है, उसकी समीक्षा की. मालदीव के बाद जयशंकर आज श्रीलंका पहुंच गए हैं.

श्रीलंका की इस यात्रा में वह राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और प्रधानमंत्री दिनेश गुणावर्धने से मुलाकात करेंगें. श्रीलंका अभी घोर वित्तीय संकट से गुजर रहा है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 2.9 अरब डालर का क़र्ज़ जुटाने की कोशिश कर रहा है. भारत से भी उसे वित्तीय मदद की उम्मीदें हैं. विदेश मंत्री के इस दौरे को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ फारेन अफेयर्स का बयान भी आया है.

बयान में कहा गया है कि मालदीव और श्रीलंका भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और पीएम मोदी के सागर यानी सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर आल इन द रिजन और नेबरहुड फस्ट के विजन में शामिल है. तो क्या श्रीलंका का संकट काल भारत के लिए कोई अवसर लेकर आया है और वहां का ईस्ट कंटेनर टर्मिनल प्रोजेक्ट भारत के लिए कितना इम्पोर्टेंट है, सुनिए 'दिन भर' की आख़िरी ख़बर में.

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