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ब्रिटेन: दशकों पुराने ब्लड स्कैंडल पर रिपोर्ट आने के बाद PM ऋषि सुनक ने मांगी माफी

इस घोटाले में 1970 और 1990 के दशक के बीच NHS की देखभाल के दौरान 30 हजार से ज्यादा लोग HIV और हेपेटाइटिस सी जैसे खतरनाक वायरस से संक्रमित हुए थे, जिनमें से तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

ब्रिटेन ब्लड स्कैम (प्रतीकात्मक तस्वीर) ब्रिटेन ब्लड स्कैम (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • लंदन,
  • 20 मई 2024,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST

ब्रिटेन (Britain) के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक सार्वजनिक जांच रिपोर्ट में देश की राज्य वित्त पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) पर 1970 के दशक के एक संक्रमित रक्त घोटाले को छिपाने का आरोप लगाए जाने के बाद माफी मांग ली है. इस जांच में अध्यक्षता करने वाले सर ब्रायन लैंगस्टाफ द्वारा इस मुद्दे पर अपना तीखा फैसला सुनाए जाने के कुछ घंटों बाद हाउस ऑफ कॉमन्स में बोलते हुए, सुनक ने कहा कि यह ब्रिटिश राज्य के लिए शर्म का दिन था.

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इस घोटाले में 1970 और 1990 के दशक के बीच एनएचएस की देखभाल के दौरान 30 हजार से ज्यादा लोग एचआईवी और हेपेटाइटिस सी जैसे खतरनाक वायरस से संक्रमित हुए थे, जिनमें से तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

'मुझे खेद है...'

सुनक ने पीड़ितों और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे यह समझना लगभग असंभव लगता है कि यह कैसा महसूस हुआ होगा. मैं पूरे दिल से और स्पष्ट रूप से माफी मांगना चाहता हूं. मौजूदा और 1970 के दशक की हर सरकार की तरफ से मुझे खेद है."

Langstaff ने पांच साल की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में कहा कि जो कुछ हुआ उसका पैमाना भयावह है. सबसे सटीक अनुमान यह है कि तीन हजार से ज्यादा मौतें इन्फेक्टेड ब्लड, ब्लड प्रोडक्ट्स और टिसूज की वजह से हुईं. 

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2,527 पन्नों और सात वॉल्यूम्स वाले डॉक्यूमेंट में घोटाले के बड़े पैमाने की जानकारी दी गई है और साथ ही इसमें कई सिफारिशें भी की गई हैं, जिनमें सीधे तौर पर प्रभावित लोगों और प्रियजनों को खोने वाले लोगों के लिए मुआवजा योजना शामिल है. रिपोर्ट में एनएचएस से यह सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है कि 1996 से पहले ब्लड ट्रांस्फ्यूजन प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति का तत्काल हेपेटाइटिस सी के लिए टेस्ट किया जाए. किसी भी मेडिकल प्रैक्टिस में नए रोगियों से भी पूछा जाना चाहिए कि क्या उन्हें उस समय से पहले ब्लड ट्रांस्फ्यूजन हुआ था.

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रिपोर्ट मार्गरेट थैचर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी सरकार के तहत घोटाले के दृष्टिकोण को भी उजागर करती है, जिसने जोर देकर कहा था कि उस समय लोगों को "उपलब्ध सर्वोत्तम उपचार" दिया गया था.

इसमें आगे कहा गया है कि माफी में न केवल इस बारे में कुछ जानकारी दी जानी चाहिए कि किस चीज के लिए माफ़ी मांगी जा रही है, बल्कि जिन लोगों को इसे संबोधित किया गया है वे इसे ईमानदार और सार्थक समझ सकें, इसके लिए कार्रवाई होनी चाहिए. मुआवजा इसी का हिस्सा है.

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खून से संबंधित इस ऐतिहासिक स्वास्थ्य घोटाले में दो प्रकार के लोग फंस गए थे. हीमोफीलिया और इसी तरह के खून के थक्के जमने से संबंधित बीमारी वाले लोग. 

सुनक के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रियों ने जांच की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद अंतिम मुआवजे के मुद्दे को संबोधित करने का वादा किया है, जिसकी कुल लागत अरबों पाउंड में होने की संभावना है.

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