
भारत में स्थित ब्रिटिश उच्चायोग ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर एक दिन के लिए 18 साल की लड़की को अपना उच्चायुक्त बनाया. दिल्ली की रहने वाली चैतन्या वेंकटेश्वरन पूरे 24 घंटे के लिए इस पद पर रहीं. ऐसा करने वालीं वो चौथी युवती हैं जो इतनी कम उम्र में इस पद पर बैठी हैं.
दरअसल, दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग हर साल अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर एक प्रतियोगिता का आयोजन करता है. इसमें 18 से 23 साल की युवतियां हिस्सा ले सकती हैं, जिसमें अलग-अलग दर्जे के कुछ एग्जाम होते हैं. इन्हीं में से जो बाजी मार जाता है उसे एक दिन ब्रिटिश उच्चायुक्त के तौर पर काम करने का अवसर मिलता है.
साल 2017 से इसका आयोजन किया जा रहा है. अपने 24 घंटे के कार्यकाल के दौरान चैतन्या ने सभी डिपार्टमेंट के हेड के साथ मीटिंग की, पुलिस अफसरों से मुलाकात की, मीडिया से बात की और साथ ही स्कॉलरशिप ले रहे छात्रों के साथ संवाद किया.
क्योंकि इस बार कोरोना का संकट था, तो इसलिए हर मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. इस दौरान कई मसलों पर बात हुई, कोरोना संकट के दौरान महिलाओं की स्थिति को लेकर भी मंथन हुआ.
चैतन्या के मुताबिक, वो काफी लंबे वक्त से ब्रिटिश लाइब्रेरी में आ रही हैं. जिसका उन्हें फायदा मिला और फिर उन्होंने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. अपने अनुभव को लेकर उन्होंने कहा कि एक महिला जब इतने बड़े पद पर होती है तो उसे क्या करना होता है, ये जानकार अच्छा लगा.
ब्रिटिश उच्चायोग की ओर से बयान में कहा गया कि हर साल उनके लिए ऐसा दिन काफी खास होता है, क्योंकि युवा पीढ़ी किस तरह सोचती है वो जानने का मौका मिलता है. इस दिन चुने जाने वाली युवती को अलग-अलग डिपार्टमेंट से मिलवाकर हर अनुभव देने की कोशिश होती है.