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किसान प्रदर्शन: मायावती बोलीं, बिना सहमति के केंद्र ने बनाया कानून, करे पुनर्विचार

किसान पिछले चार दिनों से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान हाल ही में पास तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, किसानों ने कहा है कि इन कानूनों के बनने से केंद्र द्वारा चली आ रही न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली खत्म हो जाएगी.

सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान (फोटो- पीटीआई) सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:49 AM IST
  • प्रदर्शनकारी किसानों के पक्ष में आईं मायावती
  • 'नए कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करें केंद्र'
  • चार दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं किसान

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया है. मायावती ने कहा है कि केंद्र ने इस कानून को बिना किसानों की सहमति के बनाया है और उसे किसानों की मांग पर पुनर्विचार करना चाहिए.

बता दें कि किसान पिछले चार दिनों से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान हाल ही में पास तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, किसानों ने कहा है कि इन कानूनों के बनने से केंद्र द्वारा चली आ रही न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली खत्म हो जाएगी और किसान बड़े कॉरपोरेट की शर्तों पर उन्हें अपना उपज बेचने को मजबूर होंगे.

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बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आंदोलित भी हैं. इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर.

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बता दें कि किसान दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर पिछले चार दिनों से डटे हैं. केंद्र सरकार ने किसानों को कहा है कि वे अपनी मांगों को लेकर बात करने आएं, तबतक वे बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन करें. लेकिन किसान सिंधु बॉर्डर छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर किसान बुराड़ी मैदान चले जाएं तो उनसे 3 दिसबंर से पहले ही बातचीत हो जाएगी. फिलहाल किसान अपनी आगे की रणनीति को लेकर आज 11 बजे बैठक करने वाले हैं. 

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