
बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के चुनाव में बोडोलैंड पीपुल्स पार्टी (बीपीएफ) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) दोनों दलों को चार-चार सीटें मिली हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को एक सीट पर सफलता मिली है. 40 सीटों के लिए हुए चुनावों में बीपीएफ अब तक 14 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि यूपीपीएल छह पर और बीजेपी आठ सीटों पर आगे है. वहीं कांग्रेस और गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) एक-एक सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से आगे है. इसके अलावा एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को बढ़त दिख रहा है.
वहीं मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ ) किसी भी सीट पर बढ़त में नहीं है, जबकि मौजूदा समय में इस पार्टी से चार सदस्य हैं. अधिकारियों ने बताया कि वोटों की गिनती अभी भी जारी है. बीजेपी, जिनके पास मौजूदा समय में एक सीट है इस बार प्रदेश सरकार में अपने सहयोगी दल बीपीएफ से अलग अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
साल 2003 के फरवरी महीने में पश्चिम असम के चार जिलों को शामिल कर संविधान की छठी अनुसूची के तहत बीटीसी का गठन किया गया था. बीटीसी के गठन के बाद से ही यहां बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) का शासन रहा है. लेकिन इस बार बीटीसी चुनाव में मुख्य टक्कर बीजेपी और बीपीएफ के बीच बताई जा रही है. इस बार बीटीसी चुनाव दो चरणों में करवाया गया था- सात दिसंबर और 10 दिसंबर को.
चुनावी रैलियों में बीजेपी नेताओं ने अपने सहयोगी दल बीपीएफ के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं. राजनीतिक जानकार, इस बार के बीटीसी चुनाव को अगले साल असम में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल मान रहे हैं. क्योंकि बीटीसी चुनाव में बीजेपी अपनी सरकार में शामिल बीपीएफ से अलग अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रही है.