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अमेरिका-ब्रिटेन जैसा होगा भारत का पासपोर्ट, एक-एक बात चिप में होगी, जानें E-Passport की पूरी कहानी

What is E-Passport: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 में ई-पासपोर्ट जारी किए जाने का ऐलान किया है. ई-पासपोर्ट आने से इमिग्रेशन काउंटर पर यात्रियों का सत्यापन कम समय में हो सकेगा.

इस साल से ई-पासपोर्ट जारी करने का काम शुरू हो जाएगा. (फाइल फोटो) इस साल से ई-पासपोर्ट जारी करने का काम शुरू हो जाएगा. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST
  • ई-पासपोर्ट में होगा यात्री का पूरा डेटा
  • पासपोर्ट की कॉपी करना मुश्किल होगा

What is E-Passport: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया. इसमें उन्होंने निर्मला सीतारमण ने विदेश जाने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में ई-पासपोर्ट जारी कर दिए जाएंगे. ये चिप वाले पासपोर्ट होंगे, जिसमें लोगों का बायोमेट्रिक डेटा स्टोर होगा. 

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने कुछ समय पहले ई-पासपोर्ट की बात कही थी. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पहला बायोमेट्रिक डेटा वाला ई-पासपोर्ट पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को 2008 में जारी किया गया था. 

ये ई-पासपोर्ट क्या होता है?

- दिखने में तो ये आम पासपोर्ट जैसा ही होगा, लेकिन इसमें एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी. ये चिप ठीक उसी तरह होगी, जैसी ड्राइविंग लाइसेंस में होती है. इस माइक्रोचिप में नाम, जन्म तिथि, पता और अन्य जानकारियां स्टोर रहेंगी. जानकारी के मुताबिक, ये माइक्रोचिप पासपोर्ट के कवर पर हो सकती है.

- अभी यात्रियों को इमिग्रेशन काउंटर पर बहुत ज्यादा समय बिताना पड़ता है, क्योंकि अधिकारियों को पासपोर्ट की एक-एक डिटेल चेक करनी पड़ती है. लेकिन ई-पासपोर्ट से ये समय आधा होने की उम्मीद है. माइक्रोचिप में बायोमेट्रिक डेटा भी होगा, जिससे यात्री की पहचान कर पाना भी आसान होगा.

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इससे फायदा क्या होगा?

- ई-पासपोर्ट होने से इमिग्रेशन में यात्रियों का सत्यापन कम समय में हो सकेगा. इसके साथ ही इससे जालसाजी भी रोकने में मदद मिलेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिप में कई सारे सिक्योरिटी फीचर्स होंगे, जिससे इसमें छेड़छाड़ करना मुश्किल होगा.

- दरअसल, अभी तक लोगों को प्रिंटेड पासपोर्ट जारी किया जाता है, जिसकी नकल बनाना आसान होता है. मगर चिप वाले पासपोर्ट आने के बाद धोखाधड़ी करना मुश्किल हो जाएगा.

ई-पासपोर्ट को लेकर भारत में अब तक क्या हुआ?

- 2008 में भारत में ई-पासपोर्ट का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया. इसके तहत तब की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को ई-पासपोर्ट जारी किया गया था. 

- भारत में अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों को ई-पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं. हालांकि, अभी तक ऐसे पासपोर्ट डिप्लोमैट्स और अधिकारियों को जारी किए गए हैं. अब आम लोगों को भी ये जारी किए जाएंगे.

कहां से और कैसे मिलेंगे ये ई-पासपोर्ट?

- ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के लिए कोई खास प्रक्रिया नहीं होगी. आम पासपोर्ट के लिए अभी जो प्रक्रिया अपनाई जाती है, वही प्रक्रिया भी इसके लिए होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सभी 36 पासपोर्ट ऑफिस में ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे. 

- सरकार ने ई-पासपोर्ट का ट्रायल भी किया है. बताया जा रहा है कि जो नए ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे, उसमें माइक्रोचिप सामने लगी होगी. इसके साथ ही इसमें अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त लोगो भी होगा. इस चिप को नष्ट करना बहुत मुश्किल होगा.

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क्या दुनिया के बाकी देशों में भी है ई-पासपोर्ट?

- इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के मुताबिक, अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी समेत दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में ई-पासपोर्ट जारी किए जा रहे हैं.

- मलेशिया दुनिया का पहला देश है जहां ई-पासपोर्ट लॉन्च किया गया था. यहां 1998 में ही ई-पासपोर्ट लॉन्च हो गया था.

- 2004 में ICAO ने ई-पासपोर्ट को लेकर स्टैंडर्ड तय किए. बेल्जियम पहला देश है जिसने तय स्टैंडर्ड के मुताबिक ई-पासपोर्ट लॉन्च किया था. वहीं, बांग्लादेश पहला दक्षिण एशियाई देश है जहां 2020 में ई-पासपोर्ट पेश किया गया था.

 

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