वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के कंधों पर लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सरकार के पूर्ण बजट को पेश करने की जिम्मेदारी है. बजट में आम आदमी के लिए क्या खास है, भविष्य की योजनाओं के लिए सरकार ने कितना निवेश किया है और किस तरह टैक्स और बजट की ओर सरकार का रुख रहा है. इन बातों पर बजट में हर किसी का ध्यान जाना है. बजट में आपके लिए क्या खास है, आसान भाषा में समझने के लिए हमारे इस ब्लॉग के साथ जुड़े रहिए...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा टैक्स स्लैब में जो बदलाव और छूट का ऐलान किया गया है, उसको लेकर लोगों में कन्फ्यूजन हुआ है. हमारे एक्सपर्ट इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन ने टैक्स स्लैब में ऐलान को कुछ प्वाइंट्स में ही आसान भाषा में समझाया है. जिससे नई और पुरानी स्लैब का कन्फ्यूजन दूर हो सके.
1. अगर आप नई टैक्स प्रणाली के अंतर्गत अपना इनकम टैक्स भर रहे हैं, तो सरकार द्वारा स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50000 से बढ़ाकर 52500 प्रति साल कर दिया गया है. अधिकतम टैक्सपेयर अभी भी पुरानी टैक्स प्रणाली के तहत ही अपना टैक्स भरते हैं, क्योंकि उसमें कई छूट (होम लोन, घर का किराया और अन्य) मिलती हैं जो नई प्रणाली में नहीं मिलती हैं.
2. 7 लाख रुपये तक सालाना कमाई करने वाले लोगों को अब ज़ीरो टैक्स देना होगा. ऐसा तब होगा जब वह अपना टैक्स नई प्रणाली के अंतर्गत भरते हैं और अपनी बचत से जुड़ी सभी जानकारी सरकार को देते हैं.
3. भारत में सर्वाधिक इनकम टैक्स 42.7 फीसदी है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. इसे अब 39 फीसदी तक ला दिया गया है, जो कि अगले वित्तीय वर्ष से लागू किया जाएगा. ध्यान रहे कि यह टैक्स 5 करोड़ सालाना कमाने वाले लोगों को देना होता है.
4. अगर आप 9 लाख रुपये प्रति साल तक कमाते हैं, तब सालाना आपको 45 हज़ार रुपये तक टैक्स देना पड़ सकता है. यानी आप 5 फीसदी इनकम टैक्स दे रहे हैं.
पूर्व वित्तीय सचिव सुभाष गर्ग का कहना है कि मूलरूप से यह एक अच्छा बजट है, जिसमें किसी को नुकसान नहीं पहुंचाने की कोशिश है, लेकिन इसमें कोई रिफॉर्म और निजीकरण भी नहीं है.
क्लिक करें: सिगरेट, सोना-चांदी महंगा, खिलौने और मोबाइल पार्ट्स होंगे सस्ते...वित्त मंत्री ने किया ऐलान
केंद्र सरकार ने नई टैक्स प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है और 7 लाख तक की आय वाले लोगों को टैक्स में छूट दी है. हमारे एक्सपर्ट इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन ने सरकार के ऐलान को समझाते हुए कहा है कि यह ऐलान नई टैक्स प्रणाली में आने वाले लोगों को फायदा पहुंचाएगा, आप नई टैक्स प्रणाली में कम टैक्स देते हैं लेकिन उसके लिए आपको बाकी छूट छोड़नी पड़ती हैं.
इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन ने बताया कि पुरानी टैक्स प्रणाली में आपको अधिक टैक्स देना पड़ता है, लेकिन आपको बाकी छूट भी मिलती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 50 फीसदी से भी आधे लोग ही नई टैक्स प्रणाली के तहत इनकम टैक्स भरते हैं. Know The Pulse और Koobera Group के सीईओ डॉ. रवि कुमार ने वित्त मंत्री के ऐलान पर कहा है कि टैक्स स्लैब में बदलाव का फायदा आम आदमी को होगा, इसका इंतज़ार हर कोई कर रहा था. 7 लाख तक टैक्स फ्री होना बढ़िया है, मैक्सिमम स्लैब में भी बदलाव हुआ है जो अच्छी खबर है.
इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन कहते हैं कि सरकार द्वारा दो टैक्स प्रणाली को चालू रखना काफी कन्फ्यूजन वाला फैसला है. चार साल तक अगर हमारे जैसा देश दो टैक्स प्रणाली पर आगे बढ़ता है, तो यह जरूरी नहीं लगता है. सरकार पिछली टैक्स प्रणाली को स्विच ऑफ करना चाहती है, ऐसा वह नई टैक्स प्रणाली में छूट के ऐलान के साथ करना चाहती है. लेकिन इसका असर दिख नहीं रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में आम आदमी को राहत दी है, उन्होंने कुछ कस्टम ड्यूटी में बदलाव का ऐलान किया है. हमारे एक्सपर्ट इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन कहते हैं कि मेक इन इंडिया मिशन में यह थोड़ी-सी राहत है. कस्टम ड्यूटी ही ऐसा इनडायरेक्ट टैक्स है जो अब आम बजट में आता है, वरना अन्य सभी इनडायरेक्ट टैक्स अब जीएसटी के अंतर्गत ही आ जाते हैं.
इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन बताते हैं कि इस साल सरकार की कमाई उम्मीद से ज्यादा हुई है, यह काफी कम देखने को मिलता है. इसकी वजह से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए वित्तीय घाटे का टारगेट साल 2024-25 के लिए 4.5 फीसदी तक रखने की सहूलियत हुई. अगर जीडीपी साल 2023-24 में 6 फीसदी के आसपास रहती है, तब यह टारगेट हासिल करने वाला लगता है.
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में बेरोज़गारी को लेकर कुछ ऐलान किए हैं, इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन का कहना है कि दिसंबर 2022 में भारत का 8 प्रतिशत युवा बेरोज़गार था, जो पिछले 16 महीने में सबसे अधिक नंबर है. वित्त मंत्री अपने भाषण में इस मुद्दे पर बात कर रही हैं, जिसमें उन्होंने स्किल मैनेजमेंट की बात कही है. हालांकि, शॉर्ट टर्म में स्किल मैनेजमेंट का कोई फायदा नहीं दिखता है.
Know The Pulse और Koobera Group के सीईओ डॉ. रवि कुमार ने अभी तक के भाषण पर कहा है कि मार्केट को कुछ खास नहीं दिखा है, इसलिए मार्केट अपने स्टेबल आधार पर आगे बढ़ रहा है. बाज़ार को इस बजट से कोई उम्मीद नहीं दिखी है, मार्केट इसलिए अभी बराबर चल रहा है. निफ्टी ने अभी तक इसपर कोई रिएक्ट नहीं किया है.
वित्त मंत्री ने खाद को लेकर एक नई योजना का ऐलान किया है, इस स्कीम को पीएम प्रणाम का नाम दिया गया है. कॉलमिस्ट शंकर अय्यर ने इसपर मजेदार कमेंट किया है और कहा है कि जिसने भी यह नाम दिया है, उसे पद्म अवॉर्ड मिलना चाहिए.
इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन ने सरकार द्वारा 50 नए एयरपोर्ट्स, एयरस्ट्रिप के ऐलान पर कहा है कि इसपर कोई भी टाइमलाइन का ऐलान नहीं किया गया है, भारत के पास पहले से ही 485 एयरपोर्ट्स, एयरस्ट्रिप्स, फ्लाइंग स्कूल और मिलिट्री बेस हैं.
इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन इस बजट को लेकर कहते हैं कि सरकार का फोकस इस बार भी डिजिटल पर रहा है, यही कारण है कि 'मेक AI इन इंडिया' की ओर कदम बढ़ाया गया है, KYC के दौरान लोगों में अपने निजी डाटा को खोने का जो डर बना रहता है सरकार उस ओर भी काम कर रही है. रोहित सरन ने सरकार द्वारा ई-कोर्ट्स को दिए गए 7000 करोड़ रुपये के फैसले को अदालतों में पेंडिंग पड़े हज़ारों केस के निदान का एक रास्ता बताया है, उन्होंने कहा है कि सरकार को इन मामलों को भी ई-कोर्ट्स में शिफ्ट करने का विचार करना चाहिए.
नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन राजीव कुमार ने बजट में ऐलान किए गए विवाद में विश्वास-2 की तारीफ की है. राजीव कुमार का कहना है कि टैक्स को लेकर जो लंबे विवाद चलते आ रहे हैं, उन्हें खत्म करने में मदद मिलेगी. राजनीतिक कॉलमिस्ट शंकर अय्यर कहते हैं कि सरकार की ओर से यह कदम सही है, लेकिन रिफॉर्म करना भी सरकार के लिए अहम होना चाहिए.
Know The Pulse और Koobera Group के सीईओ डॉ. रवि कुमार का कहना है कि अभी तक जो बजट भाषण पढ़ा गया है, उसमें कुछ काफी शानदार नहीं है. सेंसेक्स ग्रीन चल रहा है, अगर कोई बड़ा ऐलान होता है तभी सेंसेक्स पर इसका असर दिख सकता है. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब अपना बजट भाषण शुरू किया, तब सेंसेक्स बढ़त के साथ आगे बढ़ रहा था.
इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन कहते हैं कि यह आम चुनाव से पहले का बजट है और वित्त मंत्री ने इसका बखूबी ध्यान रखा है. वित्त मंत्री ने अभी तक जो भाषण दिया है, उसमें पैसे खर्च की अधिक बात की गई है और किसानों पर मेन फोकस रखा गया है.
बता दें कि अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह अंतिम संपूर्ण बजट है. यही कारण है कि लोगों की इस बजट पर नज़रें टिकी हैं.
वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान सेंसेक्स लगातार ऊपर-नीचे होता रहता है, इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन का कहना है कि पिछले 21 साल में ऐसा 10 बार हुआ है, जब बजट भाषण के दिन सेंसेक्स गिरा हो, जबकि 11 बार यह बढ़त पर बंद हुआ है. अभी तक तो सेंसेक्स 400 प्वाइंट ऊपर ही है.
इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटोरियल एडवाइज़र रोहित सरन आम बजट को लेकर जानकारी देते हुए बताते हैं कि सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड भी मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम ही है. उन्होंने 1 फरवरी, 2020 को करीब 162 मिनट लंबा भाषण दिया था, जो एक रिकॉर्ड है. निर्मला सीतारमण पांचवीं बार कोई बजट पेश कर रही हैं.
बजट जानकारी: यह बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 5वां बजट है, उनसे ज्यादा बजट सिर्फ 4 वित्त मंत्रियों ने ही पेश किए हैं. मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया है, जो एक रिकॉर्ड है.
साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के आम बजट पर हर किसी की नजरें टिकी हैं. चुनाव से पहले का यह आखिरी संपूर्ण बजट होगा, ऐसे में लोगों की नज़रें टिकी हैं कि आखिर इस बार किस तरह के बड़े ऐलान हो सकते हैं.
बजट में कई बातें ऐसी होती हैं, जो आम आदमी के लिए समझना मुश्किल हो सकता है ऐसे में हमारे साथ बजट, बिजनेस और इंडस्ट्री से जुड़े कई एक्सपर्ट्स होंगे जो हमें आसान भाषा में बजट को समझाएंगे. आप हमारे साथ जुड़े रहिए...