
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट पेश किया. वहीं, कांग्रेस ने बजट पर निशाना साधते हुए न्याय पत्र 2024 से प्रेरणा लिए जाने की बात कही है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "वित्त मंत्री ने कांग्रेस के न्याय पत्र 2024 से प्रेरणा ली है, जिसका इंटर्नशिप प्रोग्राम साफ तौर से कांग्रेस के प्रस्तावित अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे पहली नौकरी पक्की कहा गया था."
जयराम रमेश ने आगे कहा कि उन्होंने अपनी ट्रेडमार्क शैली में, इस योजना को सुर्खियां बटोरने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें सभी डिप्लोमा धारकों और स्नातकों के लिए प्रोग्राम गारंटी के बजाय मनमाने लक्ष्य (1 करोड़ इंटर्नशिप) रखे गए हैं, जैसा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने कल्पना की थी.
चंद्रबाबू नायडू पर सवाल
जयराम रमेश ने अपने अगले पोस्ट में कहा, "2018 में, चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने में विफल रहने की वजह से एनडीए छोड़ दिया. इसके छह साल बाद, ऐसे वक्त में जब सरकार समर्थन के लिए उनके सांसदों पर निर्भर है, वह केवल अमरावती के लिए 'विशेष वित्तीय सहायता' प्राप्त करने में सफल रहे हैं."
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में जो प्रतिबद्धताएं पहले से ही व्यक्त की गई थीं, उन्हें लागू करने का ऐलान करने में 10 साल क्यों लग गए?
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'आजादी के बाद पहली बार...'
जयराम रमेश ने कहा, "यह बेहद निराशाजनक है कि वित्त मंत्री द्वारा आंकड़ों और सांख्यिकी पर किए गए ऐलान में दशकीय जनसंख्या जनगणना के लिए फंड जारी करने का कोई जिक्र नहीं है, जो 2021 में होनी थी, लेकिन अभी तक नहीं हुई है. आजादी के बाद यह पहली बार है कि सरकार समय पर जनगणना कराने में फेल रही है."
उन्होंने आगे कहा कि राज्य की प्रशासनिक क्षमताओं पर इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं. इसका एक उदाहरण 10-12 करोड़ व्यक्तियों का राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जाना है. इसका यह भी मतलब है कि सरकार अपने खुद के एनडीए सहयोगियों की मांग के बावजूद सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना से बचना जारी रखेगी.
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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि माननीय वित्त मंत्री ने चुनाव नजीजों के बाद कांग्रेस घोषणापत्र 2024 पढ़ा है. मुझे खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पेज 30 पर लिखे गए रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन (ELI) को हूबहू अपना लिया है.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे यह भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पेज 11 पर लिखे गए हर प्रशिक्षु को भत्ते के साथ इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू किया है. काश वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की नकल की होती.