
भारत में पिछले कुछ महीनों से अपराधियों पर बुलडोजर एक्शन कार्रवाई का पर्याय बन चुका है. बुलडोजर कार्रवाई का इस्तेमाल अक्सर आरोपियों के खिलाफ न्यायिक दंड के रूप में किया जा रहा है. हालांकि, नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दंडात्मक उपायों के रूप में काम करने के लिए बुलडोजर कार्रवाई असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कई राज्यों में इस तरह की तोड़फोड़ बंद नहीं हुई.
पिछले हफ़्ते ही राजस्थान के ब्यावर में नाबालिग लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न और जबरन बातचीत के मामले में घरों, एक मस्जिद और कब्रिस्तान को कई ध्वस्तीकरण नोटिस भेजे गए थे, जिसे स्थानीय कानून प्रवर्तन और हिंदुत्व संगठनों ने ‘लव जिहाद’ करार दिया था. हिंदूवादी समूहों द्वारा ‘बुलडोजर कार्रवाई’ की मांग के बाद, राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा आगे की तोड़फोड़ पर रोक लगाने से पहले एक आरोपी के घर के कुछ हिस्सों को गिरा दिया गया था.
उसी हफ्ते, महाराष्ट्र के मालवन में नगर निगम ने एक मुस्लिम व्यक्ति की कबाड़ की दुकान को ध्वस्त कर दिया, क्योंकि विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया था कि दुकान मालिक के बेटे ने भारत बनाम पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी मैच के बाद ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाया था. लड़के के चाचा की एक और दुकान को भी ध्वस्त कर दिया गया और परिवार द्वारा अपने कबाड़ के व्यवसाय के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन को भी ध्वस्त कर दिया गया.
नागपुर और मुंबई में एक्शन
महाराष्ट्र के दो शहरों में सोमवार को सरकारी एजेंसियों ने कार्रवाई की. पहली कार्रवाई मुंबई के खार में हुई है, जहां हैबिटेट नाम का वो स्टूडियो है जिसमें कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपना वो शो किया था. जिसका वीडियो वायरल हो गया था. इस वीडियो में कामरा ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तीखी टिप्पणियां की थी.
दूसरी कार्रवाई नागपुर में हुई है. जहां नागपुर हिंसा के आरोप फहीम खान के दोमंजिला इमारत को नागपुर निगम के दस्ते ने तोड़ा है. नागपुर निगम ने फहीम खान पर इस बिल्डिंग के निर्माण में अनियमितताओं का आरोप लगाया था.
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हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने एक अहम फैसले में फहीम खान और यूसुफ शेख सहित याचिकाकर्ताओं की संपत्तियों के विध्वंस पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने दोष के बिना संपत्ति के मालिकों को सुनवाई का मौका दिए बिना की गई विध्वंस कार्रवाई पर चिंता जाहिर की है. फहीम खान की संपत्ति पहले ही बगैर सुनवाई के तोड़ी जा चुकी थी, जो कि अदालत के आदेश से ठीक पहले हुआ.
अदालत ने सरकार और नगर पालिका के अधिकारियों को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं और मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी.
अहमदाबाद में बुलडोजर एक्शन
अहमदाबाद पुलिस ने बीते कुछ दिनों में अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए 1481 बदमाशों, शराब तस्करों और जुआरियों की लिस्ट तैयार की है. पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक के अनुसार, 353 अपराधियों को क्राइम ब्रांच में बुलाकर उन्हें सख्त चेतावनी दी गई है कि वे अपराध छोड़ दें, अन्यथा कड़ी कार्रवाई होगी.
गुजरात के डीजीपी ने राज्यभर में 100 घंटे के भीतर अपराधियों की सूची बनाने और उन पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था. इसके बाद अहमदाबाद में लगातार कॉम्बिंग ऑपरेशन और पेट्रोलिंग की जा रही है. पुलिस अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर भी बुलडोजर चला रही है. अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने कहा कि पुलिस द्वारा तैयार की गई लिस्ट में 303 शराब तस्कर, 21 जुआरी, 687 शरीर से जुड़े अपराधों में लिप्त अपराधी, 424 संपत्ति संबंधी अपराधी और 46 एनडीपीएस (नारकोटिक्स) से जुड़े अपराधी शामिल हैं. इनमें से कई अपराधियों को पासा (गुजरात पुलिस का प्रिवेंटिव डिटेंशन एक्ट) और तड़ीपार (जिला बदर) किया गया है.
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अहमदाबाद पुलिस अब नगर निगम के साथ मिलकर अपराधियों की अवैध संपत्तियों को ध्वस्त कर रही है. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अपराधियों की सूची तैयार कर निगम को दी जा रही है, और बुलडोजर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.
पंजाब में किसानों पर बुलडोजर कार्रवाई
पंजाब सरकार ने 19 मार्च को अचानक किसानों पर सख्ती रुख अपना लिया. शंभू-खनौरी बार्डर पर एक साल से ज्यादा वक्त से चल रहे आंदोलन पर पंजाब पुलिस एक्शन में आ गई और किसानों के अड्डों को बुलडोजर से नेस्तनाबूद कर दिया. ये एक्शन तब हुआ जब केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और किसान संगठनों के बीच चंडीगढ़ में सातवें दौर की बातचीत हुई. पुलिस के द्वारा लिए गए एक्शन के बाद किसान और ज्यादा भड़क गए.
यूपी में बुलडोजर एक्शन
उत्तर प्रदेश में अवैध कॉलोनियों और अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर एक्शन जारी है. बस्ती विकास प्राधिकरण ने करीब 17 कॉलोनियों को चिन्हित किया. इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुलडोजर एक्शन पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो में एक कॉलोनी में झोपड़ियों पर बुलडोजर चलता दिख रहा है. तभी पास की एक झोपड़ी से भागती दिखाई देती है.
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बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए इसे कानून का उल्लंघन बताया था. कोर्ट ने कहा था कि किसी भी मामले में आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं है. कोर्ट ने कहा था कि हमने विशेषज्ञों के सुझावों पर विचार किया है. हमने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया है. जरूरी है कि कानून का राज होना चाहिए. बुलडोजर एक्शन पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता. गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिलना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने बुलडोजर कार्रवाई पर फैसला सुनाते हुए कई दिशानिर्देश जारी किए थे. कोर्ट ने कहा था कि अब प्रशासन को किसी जगह पर बुलडोजर कार्रवाई करने से पहले इन निर्देशों के तहत सुनिश्चित करना होगा कि संरचना पर कार्रवाई की जा सकती है या नहीं.
कोर्ट ने दिशानिर्देश जारी करते हुए बताया है कि बुलडोजर कार्रवाई आरोपियों पर क्यों नहीं चलाया जा सकता है और किन स्थितियों पर बुलडोजर कार्रवाई मान्य होगी. अगर बुलडोजर चलाया जाना जरूरी है, तो उसका क्या प्रोसेस होगा.