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Bulli Bai App: अदालत ने नहीं मानी दलील, न्यायिक हिरासत में भेजे गए श्वेता और मयंक

मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करने के लिए बनाए गए Bulli Bai App मामले में शुक्रवार को बांद्रा की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में सुनवाई हुई. साइबर क्राइम ने इस दौरान आरोपी श्वेता सिंह की कस्टडी मांगी, जिसका उनके वकील ने विरोध किया. हालांकि अंत में कोर्ट ने कस्टडी दे दी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 14 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:36 PM IST
  • पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया
  • क्राइम ब्रांच ने अदालत में 1 की कस्टडी मांगी, 2 की मिली
  • मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई के बारे में होगी पूछताछ

Bulli Bai ऐप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करने के मामले में बांद्रा की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने शुक्रवार को 2 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दोनों आरोपी श्वेता सिंह और मयंक रावत को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया था. बेंगलुरु के विशाल कुमार के पकड़े जाने के बाद दोनों गिरफ्त में आए थे. 

क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को कोर्ट में बताया कि विशाल कोरोना पॉजिटिव आया है. इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. वहीं श्वेता और मयंक की हिरासत शुक्रवार तक बढ़ा दी गई.

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शुक्रवार को मयंक का कोरोना टेस्ट किया गया और वह भी पॉजिटिव आया. साइबर क्राइम ने कोर्ट से कहा कि मयंक की हिरासत की जरूरत नहीं है. अधिकारियों ने अदालत को बताया कि कि विशाल की गिरफ्तारी के बाद मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई ने श्वेता और मयंक को सोशल मीडिया अकाउंट हटाने के लिए कहा था, इसलिए उन्हें श्वेता की हिरासत चाहिए.

वहीं श्वेता के वकील एडवोकेट चितरंजन दास ने अदालत को बताया कि वह 8 दिनों से हिरासत में है इसलिए इसे आगे नहीं बढ़ाना चाहिए. दास ने क्राइम ब्रांच के अधिकारियों पर श्वेता को साइबर क्राइम के अफसरों के साथ हिरासत में मारपीट करने का आरोप लगाया. इस पर अदालत ने श्वेता से पूछा कि क्या कोई दर्द हो रहा है या बाहरी चोट है. कोर्ट डीसीपी साइबर क्राइम से कहा कि श्वेता को हिरासत के दौरान उचित इलाज मिले.

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मयंक के वकील संदीप शेरखाने ने जमानत की अर्जी दी. अदालत ने क्राइम ब्रांच से आवेदन पर अपनी बात रखने को कहा है. इस पर सोमवार को सुनवाई होगी. विशाल की जमानत अर्जी पर भी उसी दिन सुनवाई होगी. श्वेता के वकील भी जमानत के लिए कोर्ट पहुंचे हैं.

क्या है इस ऐप में?
Bulli Bai नाम के ऐप पर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया जा रहा था. ऐप पर उनके खिलाफ नफरत और गंदी-गंदी बातें लिखी जा रही थीं. दरअसल, Bulli Bai ठीक उसी तर्ज पर काम करता था, जिस तर्ज पर कुछ दिन पहले Sulli Deal App आया था. Bulli Bai और Sulli deal को Github पर लॉन्च किया गया था.

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