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गाजियाबाद में डेंगू से कारोबारी की मौत, देखिए दिल्ली-NCR के 5 शहरों में किस तेजी से बढ़ा डेंगू

मानसूनी बारिश के बाद दिल्ली जैसे बड़े शहरों में भी बड़े स्तर पर जलभराव की समस्या है. ऐसे में मौसम जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. दिल्ली और एनसीआर में डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी है. गाजियाबाद में डेंगू से पीड़ित एक कारोबारी की मौत हो गई है. इस सीजन में जिले में डेंगू से यह पहली मौत है.

दिल्ली-NCR में डेंगू के मरीज बढ़ गए हैं. जगह-जगह दवा का छिड़काव करवाया जा रहा है. (फाइल फोटो) दिल्ली-NCR में डेंगू के मरीज बढ़ गए हैं. जगह-जगह दवा का छिड़काव करवाया जा रहा है. (फाइल फोटो)
उदित नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 4:03 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाढ़-बारिश के बाद मौसम जनित बीमारियों ने टेंशन बढ़ा दी है. दिल्ली-एनसीआर इलाके में आई फ्लू के बाद डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है. यह बीमारी तेजी से पैर पसारते देखी जा रही है. यही वजह है कि सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है. एक दिन पहले दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में एक 21 साल के लड़के की डेंगू की वजह से जान चली गई है. आइए जानते हैं दिल्ली-NCR में क्या हैं हालात...

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गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) भवतोष शंखधर ने बताया कि कारोबारी आयुष गोयल (21 साल) को तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच में उसका NS-1 (डेंगू) टेस्ट पॉजिटिव आया था. वो मल्टीपल ऑर्गन सिंड्रोम से पीड़ित थे. डेंगू के इलाज के दौरान एक निजी अस्पताल में उनकी मौत हो गई. राजनगर में आयुष के घर से सटे 50 मकानों में डेंगू के लार्वा के बारे में सर्वे किया जाएगा. फॉगिंग भी कराई गई है. ये पूरे जिले में जारी रहेगी. सीएमओ ने बताया कि डेंगू के दो और मामले सामने आए हैं.

पहले बुखार आया, फिर प्लेटलेट काउंट गिरा

27 जुलाई को आयुष गोयल अपने परिवार के साथ हरिद्वार गए थे, जहां उन्हें बुखार महसूस हुआ और उन्होंने वहां से दवा ली. उनके मामा संजीव गुप्ता ने बताया कि गाजियाबाद लौटने पर आयुष का प्लेटलेट काउंट करीब 1.25 लाख पाया गया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. मंगलवार को उनका निधन हो गया.

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दिल्ली-NCR के पांच शहरों के हाल जानिए...

दिल्ली: दिल्ली में डेंगू को लेकर अलर्ट है. स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सभी अस्पतालों में 5% बेड आरक्षित किए जाने के आदेश दिए हैं. 6 से 8 घंटे के अंदर डेंगू टेस्ट रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है. मंत्री का कहना था कि डेंगू एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज का प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरता है, जिससे उसकी जान जोखिम में पड़ जाती है. 
- सभी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर डेंगू मरीजों की रोजाना जानकारी शेयर करने का भी निर्देश दिया है. जैसे महामारी के दौरान सभी अस्पताल रोजाना कोविड डेटा की रिपोर्ट देते थे. डेंगू के मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाने और उनके बिस्तरों के आसपास मच्छरदानी लगाने के लिए भी कहा है, ताकि इस बीमारी को अन्य मरीजों में फैलने से रोका जा सके.
- बाढ़ के बाद दिल्ली में डेंगू का प्रकोप तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है. सिर्फ जुलाई के महीने में 121 डेंगू के मामले दर्ज हुए हैं, जो पिछले 6 सालों में सबसे ज्यादा है. दिल्ली में जनवरी से 28 जुलाई तक 243 डेंगू के मामले दर्ज हुए हैं, इनमें से 50% डेंगू के मामले सिर्फ जुलाई में दर्ज हुए हैं. 
- दिल्ली में अब तक मलेरिया के 72 मामले दर्ज हुए हैं. जुलाई के महीने में मलेरिया के 34 और पिछले एक हफ्ते 11 मामले रिपोर्ट हुए हैं. लगातार तीसरे हफ्ते दिल्ली में चिकनगुनिया का एक भी केस सामने नहीं आया है. इस साल अब तक चिकनगुनिया के 14 केस रिपोर्ट हुए हैं.
- सोमवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा जारी मच्छर जनित रोग रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में डेंगू के मामलों की संख्या पिछले हफ्ते से दोगुनी हो गई है. 56 नए डेंगू मामले हो गए हैं.

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नोएडा: हाल ही में हिंडन और यमुना नदी में उफान के कारण आई बाढ़ ने अफसरों की टेंशन बढ़ा दी है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और गांवों में डेंगू और मलेरिया का खतरा है. जिला प्रशासन ने इससे निपटने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में मुख्य रूप से एंटी-लार्वा और फॉगिंग करने का निर्देश दिया है. 
- स्वास्थ्य विभाग को डेंगू, मलेरिया और आई फ्लू जैसी बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
- शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों समेत बाढ़ प्रभावित इलाके में स्कूल, कॉलेज, सार्वजनिक स्थान, कार्यालय और अन्य जगह हाई रिस्क जोन बन सकती हैं. लोगों को बीमारी से बचाव के उपाय बताए जाने के लिए कहा है.
- नोएडा के निजी अस्पतालों में भी हर रोज तेज बुखार और डायरिया के कम से कम 4-5 मरीज मिल रहे हैं. इनका डेंगू के लिए टेस्ट करवाया जा रहा है. 
- जिला मलेरिया अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि डेंगू और मलेरिया के मरीजों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके लिए पोर्टल तैयार किया गया है. पोर्टल के मुताबिक, अब तक जिले में डेंगू के 40 मामले हो गए हैं. इनमें ज्यादातर मरीज सोसाइटी में रहने वाले हैं.
- हर ब्लॉक में दो रैपिड रिस्पॉन्स टीम बनी हैं. सूचना पर वैरिफिकेशन करते हैं और जरूरी मदद पहुंचाते हैं. अगर कहीं पानी भरा है और लार्वा खाली हो सकता है तो उसे करवाते हैं, वरना दवा छिड़काव करवाई जा रही है.
- घर, दफ्तर और सोसाइटी में लार्वा पाए जाने पर एक्शन लिया जा रहा है. डीएम की तरफ से रेट तय किए गए हैं. राजेश शर्मा ने बताया कि बुधवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अन्न मार्ट दुकान पर 5 हजार रुपए का फाइन लगाया गया है. वहां कूलर में लार्वा मिला था.
- नोएडा में लार्वा मिलने पर 100 रुपये से लेकर 5 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए टीमें बनाई गई हैं, जो जगह-जगह जाकर जांच करेंगी.
- पहली बार लार्वा मिलने पर नोटिस दिया जाएगा. उसके बाद भी लार्वा मिला तो जुर्माना लगाया जाएगा. छोटे घरों में प्रति प्रजनन स्थल पर 100 रुपये जुर्माना लगेगा. अगर प्रजनन स्थल ज्यादा पाए गए तो तो जुर्माने की राशि बढ़ जाएगी.
- बड़े मकानों में 500 रुपये प्रति प्रजनन स्थल के तौर पर जुर्माना वसूला जाएगा. छोटे कार्यालय या संस्थानों में 1000 प्रति प्रजनन स्थल और बड़े कार्यालय में पांच हजार का फाइन वसूल किया जाएगा.
- स्वास्थ्य विभाग ने नोएडा प्राधिकरण के साथ मिलकर पूरे शहर में फॉगिंग अभियान शुरू कर दिया है. जिला अस्पताल में 10 बिस्तर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पांच-पांच बिस्तर भी डेंगू के मरीजों के लिए रिजर्व किए गए हैं.
- निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में सामने आने वाले मामलों पर नजर रखी जा रही है. निजी सेंटर से हर तीन दिन में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट सीएमओ कार्यालय के साथ शेयर करने के लिए कहा है.
- जिला संयुक्त अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि ओपीडी में करीब 30-40 मरीज वायरल बुखार जैसे लक्षण के सामने आ रहे हैं. कुछ में गंभीर लक्षण हैं जो डेंगू हो सकते हैं और उन्हें जांच कराने के लिए कहा जा रहा है.

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गाजियाबाद: गाजियाबाद में इस सीजन में डेंगू से पहली मौत हुई है. जिला प्रशासन से अलर्ट हो गया है. अफसरों को मरीजों की पहचान करने और डेंगू से निपटने के निर्देश दिए हैं. 
- गाजियाबाद के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार तक जिले में डेंगू के 34 मामले पाए गए. जिले में मलेरिया 11, स्क्रब टाइफस 12 और लेप्टोस्पाइरसिस 2 मामले मिले हैं.
- 2022 में डेंगू के कुल 901 केस मिले थे. जबकि 2021 में 1,238, 2020 में 15, 2019 में 88 और 2018 में 68 डेंगू पॉजिटिव मामले सामने आए.
- स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि राजनगर एक्सटेंशन, नंदग्राम, लालकुआं, राजेंद्र नगर, वसुंधरा, वैशाली, इंदिरापुरम, कौशांबी, मोदीनगर, मुरादनगर, डासना, लोनी, प्रतापविहार, सेवानगर, इस्लाम नगर, मरियम नगर, पंचवटी, नेहरू नगर, करहैडा, शालीमार गार्डन, विजयनगर, रईसपुर, तुराब नगर, क्रॉसिंग रिपब्लिक समेत अन्य इलाके अति संवेदनशील कैटेगिरी में रखे गए हैं. शहर में चारों तरफ फॉगिंग करवाई जा रही है.
- गाजियाबाद में घरों में डेंगू का लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं. इसके साथ ही जुर्माना लगाया जा रहा है.
- गाजियाबाद में इस साल 18 से ज्यादा क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आए थे. यहां पानी तो निकल गया है, लेकिन जलजमाव की वजह से डेंगू लार्वा पनपने की आशंका है. 
- लैब में आने वाले सैंपल की जांच रिपोर्ट 6 घंटे में मरीज तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, स्कूल में टीचर्स को डेंगू से बचाव और सावधानी बरतने की जानकारी देने के लिए कहा है.

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गुरुग्राम: सिविल अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 35 बिस्तरों वाला एक वार्ड बनाया गया है. 24 जुलाई तक संदिग्ध डेंगू-मलेरिया के 1,380 मामलों की पहचान की गई. अभी तक मलेरिया के मरीजों की पुष्टि नहीं हुई है. संदिग्ध मरीजों के ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. 
- घरों के सर्वे किए जा रहे हैं. 213 घरों में मच्छर का लार्वा मिला है. मकान मालिकों को चेतावनी नोटिस जारी किया जा रहा है. रैपिड सर्वे में बुखार से पीड़ित पाए गए व्यक्तियों के ब्लड के सैंपल जांच के लिए एकत्र किए गए.
- हरियाणा में एक हफ्ते पहले ही डेंगू के मामलों की संख्या 106 हो गई थी. 25 जुलाई को 8 मरीज डेंगू पीड़ित मिले थे. इनमें दो मरीज गुरुग्राम के रहने वाले थे. छह अन्य मरीज सबसे ज्यादा प्रभावित जींद जिले के थे. गुरुग्राम में डेंगू मरीजों की संख्या 5 से ज्यादा हो गई है. 
- एक हफ्ते पहले की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा डेंगू के सबसे ज्यादा 48 मरीज जींद में मिले हैं. उसके बाद यमुनानगर में 10 और सोनीपत में 8 मरीज पाए गए. नूंह में एक मरीज की मौत हुई है. 
- पिछले साल हरियाणा में डेंगू के कुल 8,996 मामले दर्ज किए गए थे और 18 मौतें हुईं थीं. 2021 में कुल 11,835 मामले मिले थे. डॉक्टर्स का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस बार प्रति सप्ताह औसत डेंगू के मामले ज्यादा मिल रहे हैं.
- पिछले साल गुरुग्राम में 440 डेंगू के मामले दर्ज हुए थे. 2021 में 327 मरीज मिले थे. हालांकि इस वर्ष बीमारी से एक मौत भी हुई है. शहर में 2015 में सबसे ज्यादा 451 लोग संक्रमित हुए थे. 2016 में 86, 2017 में 66 और 2018 में 93 था और 2020 में 51 मामले मिले थे. 
- विभाग ने पिछले हफ्ते नगर निगम को उन इलाकों में फॉगिंग अभियान शुरू करने के लिए कहा था, जहां डेंगू के मरीज रहते हैं. जिन इलाकों में सबसे ज्यादा लार्वा पाए गए, उनमें डीएलएफ-1, 2, 3, 4, सेक्टर 46, 57,67 और सुशांत लोक शामिल हैं.

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फरीदाबाद: बारिश और बाढ़ के बाद फरीदाबाद में रोजाना ओपीडी में डायरिया, बुखार और आंखों में जलन के मरीज ज्यादा पहुंच रहे हैं. डेंगू और मलेरिया के मरीज भी मिले हैं, जिसके बाद विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दिया है. अब तक लगभग 900 से ज्यादा लोगों को नोटिस दिया जा चुका है.
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में मच्छरों से लोग परेशान हैं. स्वास्थ्य विभाग ने कुछ हिस्सों में फॉगिंग कराई है. अन्य जगहों पर भी टीमें भेजी जा रही हैं. एक हफ्ते पहले तक जिले में डेंगू और मलेरिया का एक-एक मरीज मिल चुका था. आगे मरीजों के बढ़ने की संभावना है.
- डेंगू और मलेरिया की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने फीस तय कर दी है. कोई भी लैब संचालक इन जांच के लिए 600 रुपये से ज्यादा शुल्क नहीं ले सकेगा. इससे ज्यादा पैसे लेने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में सभी निजी अस्पतालों को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है. 
- ओपीडी के अलावा निजी अस्पतालों में बुखार के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है. निजी एवं सरकारी अस्पताल में आंखों की ओपीडी में 70 प्रतिशत मरीज आईफ्लू की समस्या को लेकर पहुंच रहे हैं.

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ये हैं डेंगू के खतरनाक लक्षण...

एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि बारिश के मौसम में मच्छर जनित बीमारियां काफी तेजी से फैलती हैं. किसी व्यक्ति को डेंगू अटैक किया है इसे पहचानने के लिए इन लक्षणों को जानना बेहद जरूरी है.
- अगर किसी को डेंगू हुआ है तो उसे 3 से 5 दिन तक बुखार रहता है. जब बुखार कम होता है तो प्लेटलेट्स की संख्या भी कम होती है, जिसकी वजह से शरीर पर लाल रंग के निशान नजर आते हैं. 
- साथ ही बदन दर्द, आंखों में दर्द, सिर दर्द के अलावा तेज कमर दर्द जैसे लक्षण पाए जाते हैं.
- डेंगू के मामले में दवाइयां बिना डॉक्टर की सलाह के ना खाएं. सेल्फ मेडिकेशन करते हैं तो उस दवाई का नुकसान हो सकता है. 
- अक्सर लोग एस्प्रिन या ब्रूफिन खा लेते हैं. इन दवाइयों से प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है. घर पर दवाई खा रहे हैं तो सिर्फ पैरासिटामोल का इस्तेमाल ही करें.
- डेंगू होने पर ब्लड का प्लाज्मा कम होने लगता है. इसका असर दिमाग, किडनी, ऑर्गन और हार्ट पर देखने को मिलता है. बुखार होने पर शरीर में पानी की कमी होती है. इससे बचने के लिए तरल पदार्थ पीते रहना बहुत जरूरी है.
- यदि किसी मरीज के शरीर में प्लेटलेट की संख्या 50 हजार से ज्यादा हैं और अगर चक्कर नहीं आ रहे हैं और ना ही बदन दर्द है तो ज्यादातर मामले घर पर ही ठीक हो जाते हैं. 
-अगर प्लेटलेट्स की संख्या 50 हजार से नीचे तेजी से गिरती है और खतरनाक संकेत मिल रहे हैं- जैसे नाक या मुंह से खून बहना, ब्लड प्रेशर कम हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. 

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- डेंगू बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए घातक होता है. अगर इनकी डेंगू की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
- स्कूलों में बच्चों को पूरी आस्तीन की शर्ट पहन कर आना चाहिए. बच्चे फुल टी-शर्ट और फुल पैंट पहनें. 
- अगर लड़कियां स्कर्ट पहन रही हैं तो उसके नीचे स्लैक्स पहनें. अगर स्कूल ड्रेस में स्लैक्स की अनुमति ना हो तो भी स्कूल को उसकी अनुमति देना चाहिए. 
- अगर किसी बच्चे के पास ड्रेस में फुल आस्तीन की शर्ट नहीं है तो उसको घर की फुल आस्तीन की शर्ट और ट्राउजर पहन कर आने की अनुमति दी जानी चाहिए.
- दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में डेंगू के लिए टेस्ट उपलब्ध है. सिरोलोजिकल टेस्ट या NS1 एंटीजन टेस्ट से डेंगू पता किया जा सकता है, जो एक तरह का ब्लड टेस्ट है.
- सभी अस्पतालों को डेंगू मरीजों के लिए अलग से बेड्स रिजर्व करने का आदेश दिया गया है.
- दिल्ली में सभी कैमिस्ट और अस्पतालों को एडवाइजरी दी गई है कि बुखार में एस्प्रिन, डिस्प्रिन और इबोप्रोफेन जैसी दवाइयां ना दी जाएं, क्योंकि इससे खून पतला होता है. इससे डेंगू और ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.
- अस्पतालों को जीरो टालरेंस जोन घोषित किया गया है, ताकि वहां पर किसी प्रकार से मच्छर ना पनप पाएं.

डेंगू का खतरनाक स्ट्रेन

अस्पतालों में डेंगू के मरीजों में जांच के दौरान पाया गया कि उनमें खतरनाक स्ट्रेन DENV-2 है. दिल्ली नगर निगम के MHO लल्लन वर्मा का कहना है कि डेंगू का यह स्ट्रेन अकेले नहीं, बल्कि किसी और स्ट्रेन के साथ मिलने पर बहुत गंभीर हो सकता है. वायरस के सीरोटाइप DENV-2, DENV-3 और DENV-4 में से DENV-2 को ज्यादा गंभीर माना जाता है.
- लल्लन ने बताया कि DENV-2 के लक्षण में तेज बुखार, सिरदर्द मतली, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और
हड्डियों या जोड़ों में दर्द, शौच या उल्टी के साथ खून का आना शामिल है.

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