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साबरमती टू प्रयागराज... कहां-कहां से गुजरेगा काफिला? ये है अतीक को ला रही यूपी पुलिस का फुल प्रूफ प्लान

बाहुबली नेता अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल से यूपी के प्रयागराज लाया जा रहा है. उसे उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाना है. इस केस में एमपी-एमएलए कोर्ट फैसला सुनाएगा. यूपी पुलिस की एसटीएफ टीम काफिले के साथ सड़क के रास्ते निकल आई है. अतीक को प्रयागराज तक पहुंचने में 30 घंटे से ज्यादा वक्त लगेगा. अतीक के संभावित रूट को लेकर तमाम चर्चाएं हैं.

बाहुबली नेता अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा रहा है. बाहुबली नेता अतीक अहमद को प्रयागराज लाया जा रहा है.
संतोष शर्मा/गोपी घांघर/रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST

माफिया से नेता बना अतीक अहमद को गुजरात से यूपी के प्रयागराज लाया जा रहा है. उसे एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा. 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण मामले में फैसला सुनाया जाना है. इसमें अतीक आरोपी है. पुलिस टीम को यूपी तक आने में 30 घंटे से ज्यादा का वक्त लग सकता है. अतीक को यूपी तक किस रूट से लाया जा रहा है, इसे लेकर पुलिस की तरफ से रूट क्लियर नहीं किया गया है. लेकिन संभावित रूटों को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है.

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यूपी पुलिस की टीम का काफिला शाम 5.40 बजे साबरमती जेल से बाहर निकला. अतीक को ला रहा पुलिस का काफिला श्यामलाजी-हिम्मतनगर रोड से होकर आगे बढ़ा और राजस्थान की सीमा में प्रवेश किया. यहां से उदयपुर से होकर आगे जाएगा. ये पूरा रास्ता 1275 किमी का है. नॉन स्टॉप चलने पर इसे कवर करने में करीब 30 घंटे का वक्त लग सकता है. यूपी पुलिस बुलेट प्रूफ जैकेट पहने है. 45 पुलिस कर्मी और 6 गाड़ियां एस्कॉर्ट काफिले में शामिल हैं. तीन राज्यों की पुलिस का इन्वॉल्वमेंट रहेगा.

45 पुलिसवालों की टीम, सिर्फ पांच अफसरों के पास फोन

45 पुलिसकर्मियों की टीम साबरमती जेल से अतीक को लेकर लौट रही है. इस टीम में सिर्फ 5 अधिकारियों के पास ही मोबाइल फोन हैं. अन्य सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल पहले ही जमा करा लिए गए हैं. पुलिस टीम में IPS अभिषेक भारती, एक अन्य IPS और 3 डीएसपी शामिल हैं. जिस वज्र वाहन में अतीक सवार है, उसमें तैनात किसी पुलिसकर्मी के पास मोबाइल नहीं है.

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शिवपुरी से झांसी पहुंचेगा अतीक का काफिला

फिलहाल, पुलिस का काफिला मध्य प्रदेश के शिवपुरी से यूपी के झांसी में एंटर करेगा. हालांकि, झांसी से प्रयागराज जाने के दो रास्ते हैं. पहला झांसी, महोबा, बांदा, चित्रकूट होकर प्रयागराज और दूसरा रूट झांसी से कानपुर रोड से होकर जालौन और वहां से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से सीधे चित्रकूट का रास्ता पकड़ सकते हैं.

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रास्ते में नहीं रुकेगी पुलिस, नॉनस्टॉप चलेंगे वाहन

अतीक अहमद को लाने वाले वाहनों में पुलिस की टीमें 2 ड्राइवर एक्स्ट्रा लेकर गई हैं. पुलिस काफिला रास्ते में कहीं नहीं रोका जाएगा. पुलिस गाड़ियों में ही सिपाहियों के खाने-पीने का इंतजाम किया गया है. एक ड्राइवर के थकने पर दूसरा ड्राइवर कमान संभालेगा. रास्ते में रिफ्यूलिंग के लिए ही गाड़ियां रुकेंगी.

अतीक को किस रास्ते से लेकर जाएंगे?

पुलिस के काफिले का रूट लगभग तय हो गया है. शाम 8.15 बजे के बाद ये काफिला राजस्थान की सीमा में पहुंचा. वहां से उदयपुर, कोटा, शिवपुरी, झांसी और चित्रकूट से सीधे प्रयागराज पहुंचेगा. इससे पहले दूसरे रूट अहमदाबाद से इंदौर, गुना, शिवपुरी से झांसी और फिर चित्रकूट से प्रयागराज पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी. माना जा रहा था कि दोनों रूटों में बराबर समय ही लग सकता है. राजस्थान और मध्य प्रदेश की पुलिस अलर्ट मोड पर है. जैसे ही रूट की जानकारी मिलेगी, वहां पुलिस पहुंच जाएगी. कहा जा रहा था कि अगर मध्य प्रदेश से होकर काफिला आएगा तो सफर में आसानी होगी. चूंकि, उदयपुर से आने में राजस्थान से गुजरना पड़ेगा और वहां की पुलिस की मदद लेनी होगी. लेकिन, मध्य प्रदेश से आने में राजस्थान से नहीं गुजरना पड़ेगा. एमपी से गुजरने पर झाबुआ से धार, इंदौर, देवास, राजगढ़, गुना, शिवपुरी के बाद झांसी पहुंचेंगे.

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प्लानिंग के तहत अतीक को लेकर निकली पुलिस

रात का सफर है और लंबा सफर है. ऐसे में माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में रिफ्यूलिंग के लिए या ब्रेक के लिए रुक सकते हैं. हालांकि, रास्ते में बहुत ज्यादा देर तक रुकेंगे, इसकी संभावना कम है. अतीक को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. प्लानिंग के हिसाब से यूपी पुलिस अतीक को लेकर निकली है. इसकी भनक मीडिया को तब लगी, जब पुलिस जेल के बाहर पहुंच गई. सुबह से मीडिया को भनक नहीं लगने दी.

क्यों एनकाउंटर की आशंका कम है?

अतीक को इस बार कोर्ट में पेश किया जाना है. अगर विकास दुबे एनकाउंटर की बात करें तो तब पुलिस अपनी हिरासत में लेकर आ रही थी. उस समय हादसा के बाद एनकाउंटर हुआ था. लेकिन, इस बार पुलिस को कोर्ट के वारंट के आधार पर अतीक को पेश करना है. 28 मार्च को अपहरण केस में फैसला आना है और सजा मिलनी है. अतीक के भाई को भी बरेली की जेल से लाकर प्रयागराज भेजा जाना है. इस केस में अधिकतम उम्रकैद या फांसी की सजा तक हो सकती है. दूसरी बात कोर्ट का पेश करने का आदेश है. ऐसे में एनकाउंटर जैसी आशंका की गुंजाइश कम है. हालांकि, आशंका और अनहोनी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

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ये रूट लगभग तय...

- अहमदाबाद, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, कोटा, शिवपुरी, झांसी, चित्रकूट से प्रयागराज. इस रूट को तय करने में 1275 किमी का सफर तय करना होगा. उदयपुर से प्रयागराज तक 22 घंटे तक का वक्त लग सकता है. 

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प्रयागराज कोर्ट में पेशी के बाद वापस जेल भेजा जाएगा

उमेश पाल के अपहरण मामले में अतीक आरोपी है. प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि प्रयागराज की कोर्ट में मामले में 28 मार्च को फैसला पारित किया जाना है. सभी अभियुक्तों को फैसले की तारीख पर अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा और फिर वापस उनके संबंधित जेलों में भेज दिया जाएगा. अतीक पर 100 से ज्यादा केस हैं. एमपी-एमएलए कोर्ट ने 23 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और अतीक को पेश करने का आदेश दिया था. अगर अतीक को दोषी पाया गया और सजा सुनाई गई तो ये पहला केस होगा, जिसमें उसे सजा मिलेगी.

 

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