Advertisement

बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की जांच के आदेश पर रोक लगाने से HC का इनकार

कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान विस्थापित व्यक्तियों द्वारा दायर शिकायतों की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से समिति गठित करने के निर्देश को वापस लेने या उस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

कलकत्ता हाई कोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट
अनुपम मिश्रा
  • कोलकाता,
  • 21 जून 2021,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST
  • ममता सरकार ने की थी आदेश को वापस लेने की मांग
  • कलकत्ता हाई कोर्ट ने किया इनकार

कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान विस्थापित व्यक्तियों द्वारा दायर शिकायतों की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से समिति गठित करने के निर्देश को वापस लेने या उस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट का कहना है कि हमें 18 जून के आदेश को वापस लेने/बदलने/स्थगित करने का कोई मामला नहीं मिला.

Advertisement

दरअसल, चुनाव बाद हुई हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने एनएचआरसी अध्यक्ष को चुनाव के बाद की हिंसा से संबंधित सभी शिकायतों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था. इस आदेश के खिलाफ बंगाल सरकार ने याचिका दाखिल की थी.

बंगाल सरकार की इस याचिका पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा था कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि ममता बनर्जी ने हाई कोर्ट का रुख किया है, जिसमें मांग की गई है कि 5 जजों की बेंच ने NHRC को चुनाव के बाद की हिंसा की जांच करने के लिए कहा था, उस आदेश को वापस लिया जाए, अब उन्हें उजागर होने का डर है.'

क्या है पूरा मामला
कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस  राजेश बिंदल, जस्टिस आईपी मुखर्जी, जस्टिस हरीश टंडन, जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस सुब्रत तालुकदार की पांच सदस्यीय बेंच, बीजेपी नेता प्रियंका टिबरेवाल की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें दावा किया गया था कि 200 से अधिक लोग अपनी जान को लगातार खतरा होने के कारण घर वापस नहीं लौट पाए.

Advertisement

कलकत्ता हाई कोर्ट ने मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वह चुनाव बाद हुई हिंसा के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों की जांच के लिए एक समिति गठित करें.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement