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पार्थ चटर्जी को झटका, बंगाल में नहीं होगा इलाज, HC ने भुवनेश्वर AIIMS ले जाने को कहा

कोलकाता हाई कोर्ट ने पार्थ चटर्जी को लेकर बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने मंत्री पार्थ चटर्जी को सोमवार सुबह AIIMS भुवनेश्वर ले जाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि पार्थ का एम्स भुवनेश्वर में पहले इलाज कराया जाए. कोलकाता हाई कोर्ट के इस फैसले को पार्थ चटर्जी के लिए झटका बताया जा रहा है. 

मंत्री पार्थ चटर्जी. -फाइल फोटो मंत्री पार्थ चटर्जी. -फाइल फोटो
नलिनी शर्मा
  • कोलकाता,
  • 24 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:44 PM IST
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी पार्थ की पेशी
  • पेशी से पहले हाई कोर्ट के समझ रखी जाएगी मेडिकल रिपोर्ट

टीचर भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को कोलकाता हाई कोर्ट से झटका लगा है. पार्थ को लेकर हाई कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने पार्थ चटर्जी को सोमवार सुबह AIIMS भुवनेश्वर ले जाने का आदेश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने उस आदेश को भी खारिज कर दिया जिसमें पार्थ चटर्जी के वकील को पूछताछ के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति दी गई थी.

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इसके अलावा सोमवार दोपहर तीन बजे तक एम्स भुवनेश्वर की ओर से पार्थ चटर्जी की मेडिकल रिपोर्ट कोलकाता हाई कोर्ट के सामने पेश की जाएगी. बता दें कि कल शाम चार बजे ट्रायल कोर्ट के समक्ष सुनवाई होनी है. पार्थ चटर्जी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाएगा.

हाई कोर्ट ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि डॉक्टर हिप्पोक्रेटिक शपथ लेने के बाद ही डॉक्टर मरीज का इलाज शुरू करते हैं, इसलिए डॉक्टरों की विश्वसनीयता पर कोई सवाल ही नहीं है. हालांकि, हाल के दिनों में बंगाल में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के एक से अधिक नेताओं को गिरफ्तार किया गया था या पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था लेकिन उन्होंने एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती होकर जांच एजेंसी की ओर से की जाने वाली पूछताछ से खुद को बचा लिया था. 

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कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक नेता जांच एजेंसियों से बचने के लिए एसएसकेएम अस्पताल का इस्तेमाल करते हैं. हाई कोर्ट ने कहा कि पिछले कुछ मामलों को देखते हुए कि आरोपी पश्चिम बंगाल राज्य में सबसे सीनियर कैबिनेट मंत्री है, जिनके पास पावर और पद है. उनके लिए गंभीर बीमारी की आड़ में पूछताछ से बचने के लिए इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होना असंभव नहीं होगा. यदि ऐसा होता है तो लेडी जस्टिस (मामले की सुनवाई कर रही जज) उन सैकड़ों और हजारों योग्य उम्मीदवारों के आंसुओं से अभिशप्त हो जाएंगी जिनका भविष्य पैसे के बदले बलिदान कर दिया गया था.

कलकत्ता एचसी के निर्देश...

- जांच एजेंसी को 25 जुलाई, 2022 को सुबह-सुबह आरोपी को एयर एम्बुलेंस द्वारा एम्स, भुवनेश्वर ले जाने का निर्देश दिया जाता है.
- आरोपी को एसएसकेएम सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की एम्बुलेंस द्वारा एनएससी बोस एयरपोर्ट, कलकत्ता ले जाया जाएगा.
- मंत्री के साथ एसएसकेएम सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का एक डॉक्टर और उनका वकील भी होगा.
- भुवनेश्वर एम्स को कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन और एंडोक्रिनोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम द्वारा आरोपी मंत्री की चिकित्सकीय जांच करने का निर्देश दिया गया है.
- मेडिकल जांच के बाद भुवनेश्वर एम्स एक रिपोर्ट तैयार करेगा और उसकी प्रतियां एसएसकेएम अस्पताल के के जांच अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी और आरोपी के वकील को सोमवार दोपहर तीन बजे तक सौंप देगा.
- जांच अधिकारी मेडिकल रिपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी कलकत्ता में अपने समकक्ष को फारवर्ड करेगा जो जो इसे पीएमएल एक्ट के तहत स्पेशल जस्टिस के समक्ष पेश करेगा.

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क्या है मामला?

पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. ये गिरफ्तारी 26 घंटे पूछताछ के बाद हुई थी. मामला शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ा है. पार्थ चटर्जी की करीबी मानी जाने वालीं अर्पिता मुखर्जी के घर शुक्रवार को ED ने छापा मारा था. यह छापा पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले के मामले में मारा गया था. इस छापे में अर्पिता के घर से 20 करोड़ के करीब कैश बरामद हुआ था. पूछताछ के बाद ईडी ने पहले उनको हिरासत में लिया. इसके तार पार्थ चटर्जी से जुड़े, जिसके बाद मंत्री की गिरफ्तारी हुई.

 

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