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पाकिस्तान की जेल में बंद कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी, फिर उठी भारत वापसी की मांग

कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी को वापस लाने की मांग करते हुए उनकी मां ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं इस मामले पर अब CJI ने भी सुनवाई की बात कही है.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST
  • कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी की मां ने लगाई अर्जी
  • तकरीबन 23 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद हैं कैप्टन

पाकिस्तान की जेल में बंद कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी के मामले की जल्द सुनवाई की मांग करते हुए इस मामले को CJI के सामने उठाया गया है. जानकारी के मुताबिक CJI इस मामले पर सुनवाई के लिए तैयार भी हैं. उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि अप्रैल के पहले हफ्ते में इस मामले पर सुनवाई करेंगे.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कह चुका है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर रक्षा मंत्रालय ने अपना जवाब दाखिल किया है जबकि MEA की तरफ से अपना जवाब दाखिल नहीं किया गया है.

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दरअसल संजीत भट्टाचार्जी की मां कमला भट्टाचार्जी ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पाकिस्तान के लाहौर की कोट लखपत सेंट्रल जेल में बंद उनके बेटे की वापसी और रिहाई के संबंध में राजनयिक तौर पर तत्काल और आवश्यक कदम उठाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की है.

याचिकाकर्ता कमला भट्टाचार्जी के मुताबिक कैप्टन संजीत भट्टाचार्जी 1997 में कच्छ के रण से लापता है. जानकारी के मुताबिक उनका बेटा पिछले 23 वर्षों से पाकिस्तान की जेल में बिना किसी प्राथमिकी के बंद है. बावजूद इसके सरकार द्वारा उनकी रिहाई के लिए कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है.

शरजील इमाम का मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा 

वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के लिए लोगों को उकसाने भड़काने के आरोपियों में से एक जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य धाराओं के तहत आरोप तय होने का मामले में निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. ऐसे में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जारी कर जवाब मांगा है. दिल्ली हाईकोर्ट अब दो महीने बाद 26 मई को मामले की सुनवाई करेग.

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दरअसल 24 जनवरी को पूर्वी दिल्ली की एक अदालत ने शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह सहित आईपीसी की कई संगीन धाराओं में आरोप तय कर दिए. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि दिसंबर 2019 में दिए गए उत्तेजक भाषणों के लिए शरजील इमाम को ट्रायल का सामना करना होगा. शरजील इमाम पर आरोप हैं कि उसने अपने भाषण में असम को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले संकरे भूभाग यानी चिकेन नेक क्षेत्र को अलग करने की बात कही थी.

शरजील के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत भी केस दर्ज किया था. वहीं बाद में शरजील ने कहा था कि उन्होंने केवल लोगों से शांतिपूर्ण ढंग से चक्का जाम करने की बात कही थी. लेकिन पुलिस ने शरजील के भाषण की वीडियो क्लिप कोर्ट में पेश करते हुए आरोपों की पुष्टि की.


 

 

 

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