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पश्चिम बंगाल में फिर बाहर आया नारदा स्टिंग केस का जिन्न, जानें पूरा मामला

साल 2014 में एक स्टिंग ऑपरेशन हुआ था, जिसमें पश्चिम बंगाल में निवेश के नाम पर टीएमसी के सात सांसदों, चार मंत्रियों, एक विधायक और एक पुलिस अधिकारी को एक प्रोजेक्ट के लिए नगद रुपए लेते दिखाया गया था. पश्चिम बंगाल के 2016 विधानसभा चुनाव से पहले न्यूज पोर्टल नारदा ने स्टिंग का वीडियो जारी किया था. 

नारदा स्टिंग केस में सीबीआई ने कार्रवाई की है (फाइल फोटो) नारदा स्टिंग केस में सीबीआई ने कार्रवाई की है (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • कोलकाता,
  • 17 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST
  • साल 2014 में हुआ था नारदा स्टिंग ऑपरेशन
  • साल 2016 चुनाव से पहले एक न्यूज़ पोर्टल ने शेयर किया था फुटेज

पश्चिम बंगाल में एक बार फिर नारदा स्टिंग केस का जिन्न बाहर आ चुका है. नारदा घोटाले में आरोपी कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर सीबीआई ने छापेमारी की और चारों को CBI दफ्तर ले जाया गया. सीबीआई का कहना है कि सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए दफ्तर लाया गया है. पूछताछ के बाद इन सभी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा. 

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सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद सीएम ममता बनर्जी भी क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंच गयीं. साल 2014 में हुए इस स्टिंग ऑपरेशन को लेकर एक बार फिर कार्रवाई होने पर पश्चिम बंगाल की राजनीति में तूफान आया हुआ है. जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल में हाल ही में आए चुनावी नतीजों के बाद  राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पूर्व मंत्रियों और टीएमसी के शीर्ष नेताओं पर नारदा घोटाले में केस चलाने की मंजूरी दी है.  

क्या है नारदा स्टिंग केस

साल 2014 में एक स्टिंग ऑपरेशन हुआ था, जिसमें पश्चिम बंगाल में निवेश के नाम पर टीएमसी के सात सांसदों, चार मंत्रियों, एक विधायक और एक पुलिस अधिकारी को एक प्रोजेक्ट के लिए नगद रुपए लेते दिखाया गया था. पश्चिम बंगाल के 2016 विधानसभा चुनाव से पहले न्यूज पोर्टल नारदा ने स्टिंग का वीडियो जारी किया था. 

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जिसके बाद कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2017 में आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. मामले में काकोली घोष के साथ ही सौगत रॉय, सुल्तान अहमद, अपरूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी और मुकुल रॉय को आरोपी बनाया गया था.

काकोली घोष ने स्वीकारी थी पैसे लेने की बात

इस मामले में आरोपी काकोली घोष दस्तीदार ने पैसे लेने की बात को स्वीकार किया था. साल 2019 में दिए उनके एक बयान में उन्होंने कहा था कि मैं स्वीकार करती हूं कि मैंने नारदा न्यूज पोर्टल के प्रमुख मैथ्यू सैमुअल से पैसे लिए थे. इस इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यह पैसे मैंने डोनेशन के रूप में लिए थे और मेरे पास इसकी रसीद भी मौजूद है.

Kakoli Ghosh Dastidar, TMC MP on Narada sting case: I accept that I had taken donations from Mathew Samuel, I have receipts too. All political parties accept donations to fight elections. I have taken money as donation for election&have declared it to Election Commission. pic.twitter.com/gnKhRVw10C

— ANI (@ANI) September 28, 2019


टीएमसी का आरोप

पिछले पांच सालों से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई भी बड़ी गिरफ्तारी नहीं हुई थी. ऐसे में अब सीबीआई की इस कार्रवाई ने बंगाल में भूचाल ला दिया है. टीएमसी का आरोप है कि बीजेपी में शामिल हो चुके नेताओं पर सीबीआई कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. 

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