Advertisement

FCI में भ्रष्टाचार करने वालों पर CBI का शिकंजा... 50 जगहों पर छापेमारी, DGM गिरफ्तार, 74 पर FIR

सीबीआई ने बताया कि एफसीआई के उप महाप्रबंधक (डीजीएम) राजीव कुमार मिश्रा को रविंदर सिंह खेड़ा से 50,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बेनामी गोदाम चलाने के मामले में पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है.

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 50 स्थानों पर छापेमारी की गई (प्रतिकात्मक तस्वीर) पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 50 स्थानों पर छापेमारी की गई (प्रतिकात्मक तस्वीर)
मुनीष पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:04 PM IST

चंडीगढ़ से डीजीएम रैंक के एक अधिकारी को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने बुधवार को भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) में कथित भ्रष्टाचार के लिए 'ऑपरेशन कनक' शुरू किया. जिसमें पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 50 स्थानों पर छापेमारी की गई. सीबीआई ने अधिकारी, चावल मिल मालिकों और बिचौलियों के सिंडिकेट में संदिग्धों की पहचान करने के लिए छह महीने के लंबे अंडरकवर ऑपरेशन के बाद एफसीआई के कार्यकारी निदेशक सुदीप सिंह सहित कुल 74 आरोपियों पर केस दर्ज किया है. आरोप है कि ये सभी लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.

Advertisement

सीबीआई ने बताया कि एफसीआई के उप महाप्रबंधक (डीजीएम) राजीव कुमार मिश्रा को रविंदर सिंह खेड़ा से 50,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. बेनामी गोदाम चलाने के मामले में पंजाब सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में है. 

अधिकारियों ने बताया कि 74 आरोपियों में से 34 सेवारत अधिकारी हैं, तीन सेवानिवृत्त हैं, 17 निजी लोग हैं और 20 संस्थाएं हैं. एजेंसी ने 80 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं, जिसमें एक महिला अधिकारी से 10 लाख रुपये की बरामदगी हुई है, जिसने पैसे वाशिंग मशीन में छिपा कर रखे थे. सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने एफसीआई में "भ्रष्टाचार के नापाक गठजोड़" के खिलाफ अभियान शुरू किया है, जिसमें खाद्यान्न की खरीद, भंडारण और वितरण में लगे अधिकारियों, चावल मिल मालिकों, अनाज व्यापारियों आदि के नाम शामिल हैं. आरोप है कि आरोपी अधिकारी गोदाम संचालक और राइस मिलर्स से टेंडर प्रक्रिया के दौरान भी रिश्वत ले रहे थे.

Advertisement

सीबीआई ने आरोप लगाया कि उनके अवैध कार्यों ने किसानों को सिंडिकेट और अंतिम उपभोक्ताओं के माध्यम से उत्पाद बेचने के लिए मजबूर करके धोखा दिया, जिन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत घटिया अनाज मिल रहा था.

एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने गोदामों में उपलब्ध खरीद की तुलना में कागजों पर अधिक खरीद दिखाई. अधिकारियों ने कहा कि एफसीआई में तकनीकी सहायकों से लेकर कार्यकारी निदेशकों तक की भूमिका एजेंसी की जांच के दायरे में है. ऑपरेशन पंजाब, हरियाणा के कई शहरों और दिल्ली में दो स्थानों पर चलाया गया.

(न्यूज एजेंसी के इनपुट के साथ)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement