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दिल्ली में 20 लाख रुपये रिश्वत ले रहा था ईडी अफसर, CBI ने रंगे हाथों पकड़ा, ECIR दर्ज

सीबीआई को एक शिकायत मिली और उसी पर कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया गया और ईडी अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया कर रही है.

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मुनीष पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 08 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

राजधानी दिल्ली में सीबीआई ने ईडी के एक अफसर को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. सामने आया है कि CBI ने गुरुवार को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ED के एक सहायक निदेशक को गिरफ्तार किया है.

गिरफ्तार ईडी अधिकारी की पहचान संदीप सिंह के रूप में हुई है. वह ईडी में दर्ज मामले में जौहरी को राहत देने के बदले रिश्वत ले रहा था. सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले की पुष्टि की है. अधिकारी के मुताबिक, ईडी अफसर को दिल्ली के लाजपत नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया है. 

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बता दें कि बुधवार रात 11:30 बजे, CBI मुंबई ने नई दिल्ली में ED के असिस्टेंट डायरेक्टर संदीप सिंह यादव को 20 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया. यह रकम उन्होंने ED द्वारा जांच के तहत एक व्यक्ति से कथित रूप से उगाही की थी ताकि ED मामले में उसे राहत दी जा सके.

इस घटना को गंभीरता से लेते हुए और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करते हुए, ED ने संदीप सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू की है. उनके खिलाफ ECIR दर्ज किया गया है और 08-08-2024 को उनके आवास पर PMLA के प्रावधानों के तहत सबूत जुटाने के लिए तलाशी अभियान चलाया गया है. उनके ऑफिस की भी गुरुवार को CBI और ED द्वारा संयुक्त रूप से तलाशी ली गई, ताकि अपराध से संबंधित सबूत इकट्ठा किए जा सकें. PMLA मामले के अलावा, उन्हें तुरंत निलंबित करने और ED से उनके मूल विभाग में वापस भेजने की कार्रवाई भी शुरू की गई है.

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संदीप सिंह की गिरफ्तारी के पीछे के तथ्यों की जांच करने पर यह पाया गया कि ED दिल्ली, उत्तराखंड, और बेंगलुरु पुलिस की कई एफआईआर के आधार पर कुछ संस्थाओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही थी. इस मामले में तलाशी अभियान बीते 4 अगस्त को पूरा किया गया था. इस दौरान, संदीप सिंह, जो ED के असिस्टेंट डायरेक्टर हैं, उन्होंने “सर्च वारंट अधिकृत अधिकारी” के रूप में मुंबई में जांच के तहत एक शख्स विपुल ठक्कर के आवासीय परिसर की तलाशी ली थी. 


विपुल ठक्कर, M/s V S Gold के मालिक हैं और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर शक था. तलाशी बिना किसी घटना के और नियमानुसार पूरी की गई. संदीप सिंह इस ECIR के जांच अधिकारी नहीं थे. उन्हें केवल लक्षित स्थल पर तलाशी के सीमित उद्देश्य के लिए बुलाया गया था. हालांकि, संदीप सिंह ने खुद को जांच अधिकारी के रूप में पेश किया और आरोपी को राहत देने के लिए रिश्वत की मांग की, जबकि वह इस मामले से किसी भी तरह से जुड़े नहीं थे. आगे की जांच ED द्वारा की जा रही है.
 

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