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पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आरोपों के बाद CBI का बड़ा एक्शन, 5 शहरों में 16 जगहों पर छापे

सीबीआई का ये छापा भारत के 5 शहरों में 16 स्थानों पर मारा जा रहा है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कुछ महीने पहले आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर में एक हाइड्रो प्रोजेक्ट का ठेका देने में रिश्वतखोरी की गई थी. इस के बाद सीबीआई ने ये एक्शन लिया है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST
  • दिल्ली-मुंबई में 16 ठिकानों पर CBI के छापे
  • सत्यपाल मलिक ने लगाया था गड़बड़ी का आरोप

करप्शन के एक मामले में सीबीआई छापेमारी की एक बड़ी कार्रवाई कर रही है. इस मामले में सीबीआई 5 शहरों के 16 ठिकानों में छापेमारी कर रही है. ये शहर हैं जम्मू, श्रीनगर, दिल्ली, मुंबई और पटना. एजेंसी के अनुसार सीबीआई का ये छापा जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आरोपों के बाद मारा जा रहा है. सत्यपाल मलिक ने इस साल अप्रैल में आरोप लगाया था कि किश्वतवाड़ जिले के किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लि. के सिविल वर्क का ठेका देने में कथित तौर पर रिश्वतखोरी की गई थी. सत्यपाल मलिक के इन आरोपों से जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक भूचाल आ गया था. 

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इस मामले में जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर अप्रैल में ही एक केस दर्ज किया गया था. इस केस में बताया गया है कि साल 2019 में  किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लि. के सिविल वर्क्स का काम पटेल इंजीनियरिंग नाम की कंपनी को देने में धांधली की गई है. 

आज CBI की कार्रवाई में इस प्रोजेक्ट में शामिल अफसरों, उनके सहयोगियों और मध्यस्थों के ठिकाने पर छापेमारी की जा रही है. इनमें से श्रीनगर में दो स्थानों पर, जम्मू में पांच, मुंबई में तीन, दिल्ली में पांच और पटना में एक स्थान पर छापे मारी की जा रही है. 

सीबीआई ने इस केस में सीवीपीपीएल (चिनाब वैलीज पावर प्रोजेक्ट्स) के नवीन कुमार चौधरी, (आईएएस, तत्कालीन चेयरमैन), एम. एस. बाबू (तत्कालीन एमडी), एम. के. मित्तल (तत्कालीन निदेशक), अरुण कुमार मिश्रा (तत्कालीन निदेशक) और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अलावा कुछ और को नामजद किया है. 

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सीबीआई ने कहा है कि इस मामले में ठेका आवंटित करने में तय नियमों का पालन नहीं किया गया था. इस मामले में अप्रैल में भी आरोपियों के ठिकानों पर छानबीन की गई थी. तब सीबीआई ने कहा था कि, "जांच के दौरान, इन बिचौलियों और सरकारी अधिकारियों के बीच वित्तीय लेनदेन सहित बिचौलियों की कथित भूमिका का खुलासा करने वाले सबूत पाए गए थे."


 

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