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PAK और चीन को लेकर क्या है सेना के सामने चुनौती, CDS जनरल अनिल चौहान ने गिनाए खतरे

CDS जनरल अनिल चौहान ने कहा, यूरोप में युद्ध, हमारी उत्तरी सीमाओं पर पीएलए की निरंतर तैनाती और हमारे निकट पड़ोस में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल, ये सभी भारतीय सेना के लिए एक अलग तरह की चुनौती पेश करते हैं. CDS पुणे में NDA की पासिंग आउट परेड में शामिल होने पहुंचे थे.

सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अरुण चौहान (फाइल फोटो- पीटीआई) सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अरुण चौहान (फाइल फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • पुणे,
  • 30 मई 2023,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

महाराष्ट्र के पुणे में NDA की पासिंग आउट परेड चल रही है. CDS लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने पासिंग आउट परेड की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय सेना इस समय अलग तरह की चुनौती का सामना कर रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ यूरोप में युद्ध चल रहा है, तो दूसरी ओर चीनी सेना की निरंतर तैनाती और पड़ोसी देश (पाकिस्तान) में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल भारतीय सेना के लिए एक अलग तरह की चुनौती पेश करते हैं. 

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उन्होंने कहा, हम ऐसे समय में रह रहे हैं जब वैश्विक सुरक्षा की स्थिति सबसे अच्छी नहीं है और अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीतिक व्यवस्था निरंतर परिवर्तन की स्थिति में है. CDS लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कहा, यूरोप में युद्ध, हमारी उत्तरी सीमाओं पर पीएलए की निरंतर तैनाती और हमारे निकट पड़ोस में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल, ये सभी भारतीय सेना के लिए एक अलग तरह की चुनौती पेश करते हैं.

CDS ने कहा, PLA की तैनाती उत्तरी सीमा पर बढ़ नहीं रही, वह उतनी है जितनी 2020 में थी. भारतीय सेना द्वारा यह संभव प्रयास किया जा रहा है कि स्थिति न बिगड़े. हमें अपने दावे की वैधता बनाए रखनी होगी. सीमा विवाद को सुलझाना अलग मुद्दा है, जिन इलाकों में हम 2020 से पहले पेट्रोलिंग करते थे, जिनपर हमारा दावा है, वहां यथास्थिति बनानी होगी. 

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बदलाव की राह पर भारतीय सेनाएं

सीडीएस ने कहा, सशस्त्र बल LOC पर हमारे दावों की वैधता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और न केवल हमारे निकट बल्कि विस्तारित पड़ोस में भी शांति और स्थिरता बनाए रखने में रचनात्मक भूमिका निभाते हैं. उन्होंने कहा, हम सैन्य मामलों में एक नई क्रांति भी देख रहे हैं, जो ज्यादातर तकनीक से संचालित है. भारत की सशस्त्र सेनाएं भी एक बड़े बदलाव की राह पर हैं. 

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कहा, मैं पासिंग-आउट कोर्स को बधाई देता हूं. मैं पुरुषों के गढ़ में सेंध लगाने के लिए महिला उम्मीदवारों को बधाई देता हूं. मुझे खुशी है कि आपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अपने पुरुष भाइयों के समान जिम्मेदारियों को उठाने का विकल्प चुना है. 
 

 

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