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देश में H3N2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) से बढ़ी चिंता के बीच हाल में सरकार ने इस वायरस से कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक मौत की पुष्टि की. इसके बाद से केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है और जल्द इसपर बैठक की जाएगी. इसके अलावा इस वायरस को लेकर सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. इसको लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि एच3एन2 से बचाव के लिए निगरानी और एहतियाती उपायों की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक घबराहट का कोई कारण नहीं है.
नॉन ह्यूमन इन्फ्लूएंजा वायरस है H3N2
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, एच3एन2 एक नॉन ह्यूमन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो आमतौर पर सूअरों में फैलता है और मनुष्यों को संक्रमित करता है. इसके लक्षण मौसमी फ्लू वायरस के समान होते हैं और इसमें बुखार और श्वसन संबंधी लक्षण जैसे खांसी और नाक बहना, और संभवतः शरीर में दर्द, मतली, उल्टी या दस्त सहित अन्य लक्षण शामिल हो सकते हैं.
एक्सपर्ट ने खुद से इलाज न करने की दी सलाह
फोर्टिस अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के डॉ. विशाल गुप्ता का कहना है कि यह इन्फ्लुएंजा प्रदूषण एकत्र करने वाले कारकों के कारण भी फैल रहा है. ज्यादातर लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं. लोग इन्फ्लुएंजा के लक्षण मिलने पर खुद से दवाई ले रहे हैं, इससे ब्रोंकाइटिस जैसे मामले सामने आ रहे हैं.
खांसी, गले में संक्रमण हैं इसके लक्षण
इस वायरस से बचने के लिए आईसीएमआर ने एडवाइजरी जारी की है. डॉक्टर्स के मुताबिक इन्फ्लुएंजा के अधिकतर मरीजों में एक जैसे लक्षण हैं. जैसे खांसी, गले में संक्रमण, शरीर में दर्द, नाक से पानी आना. एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि H3N2 एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है, जिसके मरीज हर साल इस समय सामने आते हैं. यह ऐसा वायरस है, जो समय के साथ म्यूटेट होता है.