Advertisement

कोरोना वैक्सीन मिलने में दिक्कतों के कारण बदली गई खरीद नीति, सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का हलफनामा

केंद्र ने अपने हलफनामे में तीसरे चरण में वैक्सीन की खरीद के लिए 50-50 कोटे की अनुमति देने के निर्णय को सही ठहराया. केंद्र की ओर से कहा गया कि भारत का बड़ा हिस्सा पहले से ही स्वास्थ्य देखभाल के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भर है.

वैक्सीनेशन पॉलिसी पर केंद्र ने दाखिल किया हलफनामा (सांकेतिक-पीटीआई) वैक्सीनेशन पॉलिसी पर केंद्र ने दाखिल किया हलफनामा (सांकेतिक-पीटीआई)
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2021,
  • अपडेटेड 10:36 PM IST
  • केंद्र ने वैक्सीन की खरीद को 50-50 कोटे को सही ठहराया
  • 31 जुलाई तक 51.6 करोड़ डोज उपलब्ध करा दी जाएंगी
  • केंद्र का वैक्सीनेशन पॉलिसी पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

कोरोना संकट के बीच बीते दिनों भारत सरकार की वैक्सीन खरीद नीति की सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आलोचना की थी. इस बीच शनिवार को दाखिल एक ताजा हलफनामे में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को जवाब देते हुए कहा कि उसकी टीकाकरण खरीद नीति अब बदल गई है.

दरअसल, कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीन पॉलिसी को लेकर केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में वैक्सीनेशन पॉलिसी डॉक्यूमेंट का विवरण देते हुए हलफनामा दाखिल कर दिया. केंद्र ने हलफनामा में स्वीकार किया कि वैक्सीन मिलने में दिक्कतों के कारण खरीद नीति बदली गई. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने माना कि सरकार को वैक्सीन खरीद नीति बदलनी पड़ी क्योंकि राज्यों और छोटे निजी अस्पतालों को वैक्सीन हासिल करने में दिक्कत हो रही थी.

Advertisement

केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में तीसरे चरण में वैक्सीन की खरीद के लिए 50-50 कोटे की अनुमति देने के निर्णय को सही ठहराया. केंद्र की ओर से कहा गया कि भारत का बड़ा हिस्सा पहले से ही स्वास्थ्य देखभाल के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भर है, न कि सरकारी अस्पतालों पर.

31 दिसंबर तक सभी व्यस्कों के टीकाकरण का लक्ष्य

कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र ने बताया कि सरकार की कोशिश 31 दिसंबर तक भारत की पूरी व्यस्क आबादी का कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण का प्रयास जारी हैं. केंद्र ने कहा कि देश को 18 और उससे अधिक उम्र के 93-94 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए कोरोना के वैक्सीन की 186 से 188 करोड़ डोज की आवश्यकता होगी. साथ ही यह भी कहा गया कि 31 जुलाई तक 51.6 करोड़ डोज उपलब्ध करा दी जाएंगी.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने हलफनामे में, केंद्र ने कहा कि सरकार की इस साल अगस्त और दिसंबर के बीच कोविड-19 के कई वैक्सीन की 135 करोड़ डोज खरीदने की योजना है. इसमें कोविशील्ड की 50 करोड़ डोज, कोवैक्सिन की 40 करोड़ डोज, बायोईस जैब (BioE's jab) की 30 करोड़ डोज, स्पुतनिक वी वैक्सीन की 10 करोड़ डोज और जाइडस कैडिला के डीएनए वैक्सीन की 5 करोड़ डोज शामिल होंगी.

कोर्ट में केंद्र ने यह भी कहा कि नई टीकाकरण नीति में "वाउचर" का प्रावधान भी शामिल हैं जो कंपनियों या गैर सरकारी संगठनों द्वारा अपने कर्मचारियों और आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को देने के लिए खरीदे जा सकते हैं ताकि वे लोग निजी अस्पतालों में मुफ्त में टीकाकरण करवा सकें.

वैक्सीन पॉलिसी पर SC ने मांगा था जवाब
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की वैक्सीन नीति को लेकर सवाल किए थे, कोर्ट ने पूछा था कि केंद्र सरकार ने वैक्सीन के लिए जो बजट बनाया, उसका इस्तेमाल 18 से 44 साल वालों को मुफ्त टीका लगाने में क्यों नहीं हो सकता.

इसे भी क्लिक करें --- 35 हजार करोड़ के फंड का इस्तेमाल 18 से 44 साल की आबादी को फ्री वैक्सीन देने में क्यों नहीं हो सकता? SC ने केंद्र से पूछा

Advertisement

कोरोना वैक्सीनेशन के मसले पर महीने की शुरुआत में 2 जून को सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई हुई, तो सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वैक्सीनेशन के लिए बनाए गए 35 हजार करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल 18 से 44 साल की आबादी को मुफ्त में वैक्सीन देने में में इस्तेमाल क्यों नहीं हो सकता?

सर्वोच्च अदालत ने केंद्र की मौजूदा वैक्सीनेशन नीति पर गंभीर सवाल खड़े किए थे. साथ ही केंद्र से वैक्सीन खरीद पर शुरू से अब तक की सभी डिटेल्स मांगी. कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि वह बताए अब तक 35 हजार करोड़ रुपये के बजट को किस तरह खर्च किया गया है.

सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब देश के नागरिक के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है, उस वक्त देश की अदालतें मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती हैं. 

केंद्र सरकार ने बजट में वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का ऐलान किया था. इसका इस्तेमाल वैक्सीन खरीदने और लोगों को वैक्सीन देने के लिए किए जाने की बात थी. हालांकि बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन से सभी लोगों के लिए मुफ्त में वैक्सीन लगाए जा रहे हैं.
 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement